न्याय आपके द्वार शिविर में जोधा निवासी को 49 वर्ष बाद मिला सही नाम का हक, ढुलिया बना जालमसिंह

राज्य सरकार द्वारा जिले में चलाए जा रहे राजस्व लोक अदालत-न्याय आपके द्वार शिविर ग्रामीणाें के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्व हो रहें है। उपखण्ड क्षेत्र फतेहगढ की ग्राम पंचायत छतांगढ में आयोजित राजस्व लोक अदालत-न्याय आपके द्वार शिविर जोधा निवासी जामलसिंह के लिए तो वरदान ही साबित हुआ कि उसको 49 वर्ष बाद सही नाम का हक मिला।

उल्लेखनीय है कि जालमसिंह के पिता पदमसिंह का देहान्त संवत् 2025 में हुआ था तब जालमसिंह की उम्र 13 वर्ष थी। बचपन में जामलसिंह का उपनाम ‘‘ ढुलिया ‘‘ था। पदमसिंह के देहान्त के बाद फोतेदगी म्यूटेशन भरते समय हलका पटवारी ने राजस्व रिकॉर्ड में ढुलसिंह के नाम नामान्तरकरण खोल दिया। बाद में जमाबंदी में ढुलसिंह की जगह दलसिंह में दर्ज हो गया था तथा वर्तमान रिकॉर्ड में भी वहीं नाम चल रहा था। गलत नाम के कारण जालमसिंह को बहुत ही चिन्ता सता रही थी कि कहीं उसका नाम राजस्व रिकॉर्ड में कभी सही होगा या नहीं।

जालमसिंह ने ग्राम पंचायत छतांगढ में आयोजित न्याय आपके द्वार शिविर के दौरान उपखण्ड अधिकारी फतेहगढ रणसिंह के समक्ष नाम शुद्वि के लिए आवेदन पत्र प्राप्त किया। उपखण्ड अधिकारी ने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया एवं शिविर में मौके पर ही ढुलिया के सही नाम के बारे में पटवारी, भू अभिलेख निरीक्षक व ग्राम पंचायत से इसकी पूरी जानकारी ली तो बताया कि जालमसिंह का बचपन का नाम ‘‘ ढुलिया ‘‘ होने से उसका राजस्व रिकॉर्ड में नाम भी वहीं दर्ज हो गया है एवं वास्तव में अन्य दस्तावेजों में जालमसिंह ही नाम लिखा गया है जो सही है। उपखण्ड अधिकारी ने जालमसिंह के भाई दीपसिंह के भी बयान कलमबद्व किए एवं सम्पूर्ण जानकारी लेने के बाद उन्होंनें नाम शुद्वि के आदेश जारी किए। मौके पर ही आदेश जारी होते ही हल्का पटवारी ने नामान्तरकरण में ढुलिया की जगह जालमसिंह का नाम सही दर्ज किया एवं जमाबंदी की नकल प्रदान की।

जालमसिंह को सही नाम से उसकी पैतृक भूमि का हक मिला तो उसके आंखों में खुशी के आंसू छलक पडे एवं उसे लगभग 49 वर्ष राजस्व रिकॉर्ड में ढुलिया के बाद जालमसिंह नाम दर्ज होने का न्याय मिला। जालमसिंह ने इस न्याय के लिए राज्य सरकार के साथ ही उपखण्ड प्रशासन को तहेदिल से आभार जताया एवं कहा कि न्याय आपके द्वार शिविर वास्तव में ग्रामीण लोगों के लिए तो बहुत ही राहतदायी साबित हो रहें है।

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