विकास की गति बरकरार रखने के लिए करें नियमित मॉनिटरिंग

प्रभारी मंत्रियों और सचिवों की बैठक

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि राज्य सरकार ने बीते साढ़े तीन वर्षों में कड़ी मेहनत से काम किया है और हम विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आमजन के दुख-दर्द को दूर करते हुए राजस्थान को विकास के रास्ते पर आगे ले जाने में सफल रहे हैं। अब हमें इसी गति को बरकरार रखना है। जिलों के प्रभारी मंत्रियों और सचिवों पर जिम्मेदारी है कि वे सतत और नियमित निगरानी से यह सुनिश्चित करें।

श्रीमती राजे सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जिला प्रभारी मंत्रियों तथा प्रभारी सचिवों के साथ कलक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस की तैयारी बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कॉन्फ्रेंस में चर्चा किए जाने वाले विषयों पर मंत्रियों एवं सचिवों से जिलावार फीडबैक लिया। बैठक जिलों और विभिन्न विभागों के बीच लम्बित मुद्दों का चिन्हीकरण करने के लिए आयोजित की गई ताकि कॉन्फ्रेंस में चर्चा कर इनका निस्तारण किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बजट घोषणाओं के लिए वित्तीय स्वीकृति के प्रस्ताव जल्द से जल्द वित्त विभाग को भेजे जाएं ताकि इनका क्रियान्वयन समय पर सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि कई बार वित्तीय स्वीकृति में देरी से योजनाओं का क्रियान्वयन वर्ष की अंतिम तिमाही तक भी शुरू नहीं हो पाता, जिससे आमजन को विकास का लाभ समय पर नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि विकास और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता प्रारम्भ से ही बनाए रखी जाएगी, तो उन कार्यों पर बाद में अपव्यय से बचा जा सकेगा।

हैप्पीनेस इंडेक्स बढ़ाने के लिए दें प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने कहा कि प्रदेश में खुशहाली का स्तर बढ़ाने के लिए जिलों में शुरू किए गए लाइब्रेरी, टॉय बैंक और क्लॉथ बैंक आदि को समृद्ध बनाएं। उन्होंने प्रदेश का हैप्पीनेस इंडेक्स बढ़ाने के लिए जिलों की रैंकिंग करने और अग्रणी जिलों को सम्मानित करने का सुझाव दिया।

जिलों के मेंटर बनें प्रभारी मंत्री

श्रीमती राजे ने प्रभारी मंत्रियों से कहा कि वे अपने जिलों में ब्लॉक स्तर तक पहुंचें और अधिकारियों के मेंटर बनें। उन्होंने कहा कि मंत्री, अधिकारियों से राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं पर चर्चा करते रहें और इन योजनाओं की पूर्ण क्रियान्विति की दिशा में काम को आगे बढ़ाएं। उन्होंने प्रभारी मंत्रियों और सचिवों को पंचायत समिति मुख्यालयों पर भी समीक्षा बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए।

शिविरों में जाएं जनप्रतिनिधि

मुख्यमंत्री ने कहा कि न्याय आपके द्वार, पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण पट्टा वितरण अभियान तथा मुख्यमंत्री शहरी जनकल्याण शिविर सहित अन्य शिविरों में जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहकर लाभार्थियों की मदद करें। उन्होंने कहा कि उपखण्ड और ब्लॉक स्तर पर कार्यरत मेहनती अधिकारियों की कार्यक्षमता का विश्लेषण कर उनकी ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने प्रभारी मंत्रियों और अधिकारियों को उनके क्षेत्र में चल रही सभी परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट और अपनी टिप्पणियां सीएमआईएस पोर्टल पर साझा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिलों में निरीक्षण के दौरान कार्यों की गुणवत्ता पर फोकस करें। उन्होंने अधिक समय में पूरी होने वाली बड़ी परियोजनाओं के लिए चरणबद्ध रूप में समय सीमा निर्धारित कर निगरानी सुनिश्चित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि विभाग विभिन्न प्रोजेक्ट्स के पूरा होने की अंतिम तिथि को ध्यान में रखते हुए कार्यों की गति बढ़ाएं ताकि मार्च-2018 तक अधिकतर काम पूरे हो सकें।

बैठक में जिलों के प्रभारी मंत्री, मुख्य सचिव श्री ओपी मीना, जिलों के प्रभारी सचिव, विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 29 मई 2017