सभी जिलों में जिला वन्य पशु या पक्षी घोषित होगा आमली में बनेगा नया टाइगर सफारी पार्क

जयपुर, 8 जनवरी। प्रदेश के सभी जिलों में अब एक जिला वन्य पशु या पक्षी घोषित होगा। साथ ही रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान के मुहाने पर टोंक जिले के आमली गांव के पास एक टाइगर सफारी पार्क विकसित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में राज्य वन्य जीव मण्डल की बैठक में ये निर्णय लिए गए। बैठक में कई स्थानों पर सड़क व पेयजल परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई और वन्य जीवों के संरक्षण एवं संवर्द्धन से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें बोरावास-मण्डाना पेयजल परियोजना, चम्बल-बूंदी पेयजल परियोजना, जोधपुर-सोजत-भीम राजकीय राजमार्ग के नवीनीकरण, टोंक-सवाईमाधोपुर एनएच-116 व मनोहरपुर-दौसा एनएच-11ए के अपग्रेडेशन, माउन्ट टाबू के रघुनाथ मंदिर से टोड राॅक तक रोप-वे को स्वीकृति दी गई। साथ ही वन क्षेत्रों में स्थित विश्राम गृहों एवं अन्य पुरा महत्व की इमारतों के जीर्णोद्धार व संरक्षण के प्रयास करने पर भी विस्तृत चर्चा की गई। जयपुर के जमवारामगढ़ क्षेत्र में स्थित मेधाजी के महल का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा जीर्णोद्धार को स्वीकृति दी गई।

लुप्त होती प्रजातियों को मिलेगा संरक्षण
श्रीमती राजे ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में एक पशु या पक्षी को चिन्हित कर उसे जिला पशु या पक्षी घोषित किया जाए और स्थानीय नागरिकों व संस्थाओं के सहयोग से उनके संरक्षण एवं संवर्द्धन के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि इससे वन्य जीव पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और लोगों में लुप्त होती प्रजातियों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। बैठक में प्रत्येक जिले में वन्य जीव संरक्षण के प्रति समर्पित लोगों को मानद वन्य जीव प्रतिपालक नामित किए जाने पर भी सहमति प्रकट की गई।

गोडावण संरक्षण के लिए विशेषज्ञ दल का गठन
बैठक में जैसलमेर-जोधपुर क्षेत्र में राजस्थान के राजकीय पक्षी गोडावण के संरक्षण के लिए डेजर्ट नेशनल पार्क स्थापित करने की संभावनाएं तलाशने के लिए एक विशेषज्ञ दल का गठन किया गया। पाली जिले में जवाई बांध तेंदुआ संरक्षण क्षेत्र को ईको-टूरिज्म प्रोजेक्ट के रूप में विकसित करने पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व व अन्य बाघ परियोजनाओं के लिए अन्य राज्यों के साथ बाघों के आदान-प्रदान के प्रयास किए जाने पर भी चर्चा हुई।

वन क्षेत्रों के पास स्वच्छ भारत अभियान पर विशेष जोर
बैठक में वन एवं अभयारण्य क्षेत्रों के पास स्थित शहरों व कस्बों में स्वच्छ भारत अभियान के तहत साफ-सफाई का विशेष प्रबंध करने का निर्णय लिया गया। संरक्षित वन क्षेत्रों से विस्थापित परिवारों को आजीविका के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया। वन्य जीव मण्डल के विशेषज्ञ सदस्यों ने वन क्षेत्रों में वन्य जीवों के शिकार के खिलाफ अभियान के तहत आस-पास की आबादियों में विशेष जागरूकता शिविर आयोजित करने का भी सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वन्य जीव मण्डल की बैठक प्रत्येक माह नियमित रूप से आयोजित की जाएगी।

बैठक में वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री राजकुमार रिणवा, सांसद श्री वी.पी. सिंह, विधायक श्रीमती दीया कुमारी, श्री मानसिंह, मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री ओ.पी. मीणा, प्रमुख शासन सचिव श्री पी.एस. मेहरा, श्री अशोक सिंघवी, श्री डी.बी. गुप्ता, श्री खेमराज, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री पी.के सिंह, शासन सचिव श्री संजय मल्होत्रा, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक श्री राहुल कुमार, प्रधान मुख्य वन्य जीव संरक्षक श्री एस.एन. सिंह, राज्य वन्य जीव मण्डल के विशेषज्ञ सदस्य व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।