विद्या भारती का प्रतिभा सम्मान समारोह बच्चों के विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जरूरी
जयपुर, 8 अगस्त। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर देते हुए कहा है कि माता-पिता को अपने बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा ताकि राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में देश में अपना परचम फहरा सके।
श्रीमती राजे शुक्रवार को विद्या आश्रम स्कूल के महाराणा प्रताप सभागार में विद्या भारती राजस्थान के प्रतिभा सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना दुनिया में कोई आगे नहीं बढ़ सका है। अतः हमें अपने बच्चों को वर्तमान की आवश्यकता के अनुरूप शिक्षित करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर माता – पिता अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देंगे तो शिक्षक भी पूरी मेहनत और लगन के साथ कार्य करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा व्यवसाय नहीं है। इससे जुड़ने वाले शिक्षकों एवं संस्थाओं को समर्पण की भावना के साथ काम करना चाहिए। उन्हांेने कहा कि अध्यापक बच्चों की जिंदगी बदलने का संकल्प लेकर अध्यापन से जुडे़ं।
श्रीमती राजे ने कहा कि सरकार ग्राम पंचायत मुख्यालय पर एक माॅडल स्कूल बनाने पर विचार कर रही है। जिसमें कक्षा 1 से 12 तक की पढ़ाई होगी तथा डे-स्कूल के रूप में चलने वाली इन संस्थाओं से शिक्षण के प्रति समर्पित शिक्षकों को जोड़ने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अगर राजस्थान के परिदृश्य को बदलना है तो शिक्षकों को इसमें साथ देना होगा। गुरू के बिना कोई काम पूर्ण नहीं हो सकता है।
शिक्षा विभाग मंे समानीकरण एवं एकीकरण की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे किसी को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। राज्य में 142 स्कूल तो ऐसे हैं जहां एक भी बच्चा पढ़ने नहीं आता है। ऐसे स्कूल तो बंद होने ही चाहिएं। उन्होंने कहा कि भरतपुर एवं बीकानेर संभाग में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में मैंने स्वयं ने स्कूलों की वास्तविक स्थिति जानने का प्रयास किया। जिसमें बच्चों की शिक्षा का स्तर चिंताजनक था, इसमें सुधार लाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार युवाओं को आजीविका स्किल राजस्थान परियोजना के अन्तर्गत कौशल प्रशिक्षण देकर उनके लिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि आगामी पांच वर्षों में राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के माध्यम से 15 लाख लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जायेंगे। इसके लिए सरकार के साथ देश की प्रतिष्ठित 40 एजेंसियों का एम.ओ.यू. हो चुका है।
बालिका शिक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए श्रीमती राजे ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में छात्राएं या तो स्कूल आती ही नहीं है और आती हैं तो बीच में पढ़ाई छोड़ देती है। उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नवीं कक्षा की छात्रा को सरकार साईकिल देगी तथा बारहवीं कक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाली छात्राओं को स्कूटी दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने विद्या भारती संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संगठन शिक्षा, संस्कार व राष्ट्र के प्रति समर्पण के भाव से जुड़कर कार्य कर रहा है। इस संस्था के विद्या मंदिरों से शिक्षा प्राप्त कर चुके करीब 15 लाख छात्र देश में विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य कर रहे हैं।
इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की वरियता सूची में स्थान पाने वाले विद्या भारती से सम्बद्ध विद्या मंदिरों के 14 छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। समारोह में पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया, श्रद्धानाथ आश्रम लक्ष्मणगढ़ के पीठाधीश्वर श्री बेजनाथ जी महाराज, महर्षि दयानन्द सरवस्ती विश्व विद्यालय, अजमेर के कुलपति श्री कैलाश चन्द्र सौडाणी, विद्या भारती के अखिल भारतीय मंत्री श्री शिवकुमार भी उपस्थित थे। विद्या भारती संस्था की ओर से मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों का सम्मान किया गया।
