प्रत्येक प्रदेशवासी पर है 75 हजार रुपये का कर्जा

जयपुर, 22 मार्च। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि आज प्रदेश का हर नागरिक 75 हजार रुपये के कर्ज के बोझ से दबा है। कांग्रेस के 60 साल शासन की अगर कोई देन है, तो देश पर 1 लाख 1 हजार 182 करोड़ का कर्जा है। पिछली सरकार के पांच साल की बात करें, तो उस सरकार की अतिरिक्त देनदारी 1 लाख 26 हजार 973 करोड़ थी। यानि प्रत्येक नागरिक पर राज्य सरकार का कर्जा 30 हजार है। इसमें अगर केन्द्र सरकार के कर्जे के रूप में 45 हजार और जोड़ दिये जाये, तो प्रदेश के प्रत्येक नागरिक पर 75 हजार का कर्जा है। उन्होंने कहा कि इतना कर्जा होने के बावजूद भी हमारा प्रदेश पिछडे़ प्रदेशों की श्रेणी में शुमार होता है। आखिर इतना पैसा गया कहां।

तीन उंगली खुद की तरफ
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने उनकी सरकार की जांच कराने के लिए माथुर आयोग बनाया। लेकिन वह यह भूल गई कि एक उंगली उसने हमारी तरफ की, तो तीन उंगलियां खुद पिछली सरकार की ओर थी। यानि हम पर निशाना साधकर पिछली सरकार ने जमकर भ्रष्टाचार किया। इसलिये आज प्रदेश आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है।

बोहरा साधारण कार्यकर्ता
श्रीमती राजे ने कहा कि भाजपा में साधारण कार्यकर्ताओं को अवसर मिलता है। नरेन्द्र मोदी भी एक साधारण कार्यकर्ता ही थे, जिन्हें आज पार्टी ने प्रधानमंत्री बनने का अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं की नहीं कार्यकर्ताओं की पार्टी है, जहां छोटे से छोटे कार्यकर्ता को भी नेता बनने के अवसर मिलते हैं। रामचरण बोहरा की उम्मीदवारी भी एक साधारण कार्यकर्ता की उम्मीदवारी है। जिन्हें पंचायत राज से लेकर संगठन तक का अनुभव है। नारायण पंचारिया भी साधारण कार्यकर्ता थे, इसलिये उन्हें राज्यसभा सांसद बनने का अवसर मिला।

जो वादे किये हैं उन्हें पूरा करेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जो भी जनता से वादे किए हैं उन्हें वो पूरा करेंगी। जो जिम्मेदारी का बोझ जनता ने उनकी सरकार पर डाला है, उसे वह पूरा करेंगी।

पिछली सरकार और जनता के बीच खाई
श्रीमती राजे ने कहा कि पिछली सरकार ने जमीनी हकीकत को देखा ही नहीं। अगर पिछली कांग्रेस सरकार भी हमारी सरकार की तरह संभागवार केबिनेट बैठकें और जनसुनवाई कार्यक्रम करती, तो उसे ग्राउण्ड रियलिटी का पता चलता। लेकिन पिछली सरकार दूर-दराज इलाकों में नहीं गई, इसलिये जनता और उसके बीच गहरी खाई बन गई।

मनुष्य है दैव्य शक्ति नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम भी मनुष्य है कोई दैव्य शक्ति नहीं। जो बीमारियां पिछले पांच साल में पैदा हुई है, उन्हें ठीक करने में उन्हें वक्त लगेगा। जनता को धैर्य रखना होगा। तीन महीने में उनकी सरकार ने जो किया वह सबके सामने है। 13 दिसम्बर को सरकार बनने के साथ ही हमारी पूरी सरकार जन सेवा में जुट गई।

36 की 36 कौमों का विकास
श्रीमती राजे ने कहा कि प्रदेश के हर नागरिक को यह समझना पडे़गा कि वह जाट, राजपूत, मीणा, गुर्जर, ब्राह्मण, वैश्य या किसी अन्य जाति का नहीं, 36 की 36 कौम का है। भाजपा भी किसी जाति या किसी मजहब के विकास की नहीं, 36 की 36 कौमों के विकास की पक्षधर है। हम जात-पात से ऊपर उठकर सोचेंगे तब ही हमारे बच्चों का भविष्य बनेगा।

गुजरात आगे तो हम क्यों नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ विकास के आधार पर अपने प्रदेश की तकदीर बदल सकते हैं, तो राजस्थान क्यों नहीं? अगर राजस्थान को विकसित बनाना है, राजस्थान का नवनिर्माण करना है, तो विकास की पर्याय भाजपा का साथ दें और नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाये।

ये थे मौजूद – राष्ट्रीय सचिव भूपेन्द्र यादव, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, मंत्री कालीचरण सराफ, यूनुस खान, प्रभुलाल सैनी, अरूण चतुर्वेदी, पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत, विधायक मोहनलाल गुप्ता, सुरेन्द्र पारीक, कैलाश वर्मा आदि।