देवनारायण, मगरा, मेवात एवं डांग क्षेत्र विकास योजनाएं मुख्यमंत्री का क्षेत्रीय विकास योजनाओं पर फोकस पंचवर्षीय योजनाओं की तर्ज पर होगा इन क्षेत्रों का विकास
जयपुर, 16 अगस्त। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे का मानना है कि प्रदेश के सुदूर क्षेत्र विकास में पीछे नहीं रहंे और सरकार की योजनाओं का लाभ दूरदराज के इलाकों तक समान रूप से पहुंचे। यही कारण है कि श्रीमती राजे का देवनारायण योजना विशेष फोकस रहा है। उन्होंने देवनारायण योजना के साथ ही डांग, मगरा तथा मेवात क्षेत्रीय विकास योजनाआंे पर भी खासा जोर दिया है।
मुख्यमंत्री ने जनजाति क्षेत्र, मगरा, डांग तथा मेवात क्षेत्रीय विकास योजना के लिए वर्ष 2014-15 के राज्य बजट में अगले 5 वर्षों के लिए एक मुश्त 1900 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसी प्रकार देवनारायण योजना के लिए भी उन्होंने आगामी 5 वर्षों के लिए बजट में एक मुश्त 500 करोड़ रुपए देने की घोषणा की।
राजे का मानना है कि इन क्षेत्रों के गरीब एवं पिछड़े लोगों तक वास्तविक लाभ पहुंचाने के लिए जरूरी है कि इन योजनाओं की एक साथ पांच साल की प्लानिंग हो तथा इनमें समन्वय बनाया जाए। इन योजनाओं में टुकड़े-टुकड़े में पैसा जारी करने की बजाय एक ग्राम पंचायत का चयन कर उसके सारे कार्य तय कर राशि खर्च की जाए। अगली बार दूसरी ग्राम पंचायत के कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री समय-समय पर इन योजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी कर रही हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मेवात, मगरा तथा डांग क्षेत्रीय विकास बोर्ड तथा देवनारायण बोर्ड का सुदृढ़ीकरण किया जाए।
श्रीमती राजे का अपने पूर्व कार्यकाल में भी पिछड़े क्षेत्रों के विकास की इन क्षेत्रीय विकास योजनाओं पर खासा जोर रहा था। उन्होंने अभिनव सोच का परिचय देते हुए ही वर्ष 2005-6 में मगरा क्षेत्रीय विकास योजना एवं बन्द पड़ी डांग क्षेत्रीय विकास योजना को पुनः चालू किया था। अपने पूर्व कार्यकाल में ही वर्ष 2008-09 में उन्होंने विशेष पिछडा वर्ग (एसबीसी) के लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से देवनारायण बोर्ड की स्थापना की थी तथा 282 करोड़ रूपये के एक विशेष पैकेज की घोषणा के साथ देवनारायण योजना प्रारम्भ थी।
मुख्यमंत्री के प्रयासों से देवनारायण योजना से विशेष पिछडा वर्ग के लोगों के शैक्षणिक स्तर में विशेष सुधार हुआ है। मुख्यमंत्री ने इस वर्ष देवनारायण योजना के लिए 170 करोड़, मगरा क्षेत्रीय विकास योजना के लिए 50 करोड़, डांग विकास योजना के लिए 50 करोड़ तथा मेवात क्षेत्रीय विकास योजना के लिए 60 करोड़ रूपये का प्रावधान कर इन क्षेत्रों के विकास की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।
