मगरा, मेवात एवं डांग योजना में विकास कार्यों के लिये पांच वर्ष के प्रोजेक्ट बनाये जायें
जयपुर, 13 अगस्त। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि मगरा, मेवात एवं डांग योजनाओं के तहत होने वाले कार्यों के लिये पांच वर्ष के प्रोजेक्ट बनाये जायें और टुकड़़े-टुकड़े में पैसा जारी करने की बजाय एक ग्राम पंचायत का चयन कर उसके सारे कार्य तय कर राशि खर्च की जाये। इसी तरह अगली बार दूसरी ग्राम पंचायत के कार्य किये जाये। इस पूरी कवायद में यह सुनिश्चित किया जाये कि योजना के अन्तर्गत आने वाले सभी गांव इन प्रोजेक्ट में कवर हो जायें।
श्रीमती राजे बुधवार मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित डांग, मगरा एवं मेवात योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रही थी। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे गांव योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं रहे इसके लिये गांवों के क्लस्टर्स बनाकर कार्यों का चयन किया जाये तथा इन योजनाओं को दूसरी योजनाओं के साथ डवटेल कर विकास कार्य कराये जाने की सम्भावनाएं देखी जायें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यों का चयन करने से पहले कलक्टर संबंधित क्षेत्र के विधायकों एवं पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर तय करें कि किस गांव में कितना कार्य किया जाना है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के तहत आवंटित 300-300 करोड़ रुपये के बजट को ध्यान में रखते हुए पांच साल के प्रोजेक्ट बनाये जायें।
श्रीमती राजे ने कहा कि इन योजनाओं में बजट आवंटन के जो आधार हैं उनकी समीक्षा करते हुए गांवों की जनसंख्या को इसका प्रमुख आधार बनाने पर विचार किया जाये। उन्होंने कहा कि योजनाओं के तहत सीसी रोड़ निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाये।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने तीनों योजनाओं से जुड़े कुल 14 जिलों के कलक्टरों से वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से संबंधित जिले में हुई प्रगति एवं लम्बित कार्यों के बारे में जानकारी ली। शासन सचिव ग्रामीण विकास श्री राजीव सिंह ठाकुर ने इन योजनाओं के तहत किये गये बजट आवंटन, इसमें सम्मिलित पंचायत समितियों एवं गांवों की संख्या, कार्यों की स्वीकृति एवं क्रियान्वयन की स्थिति सहित अन्य बिन्दुओं पर प्रस्तुतीकरण दिया।
ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज मंत्री श्री गुलाबचन्द कटारिया ने इस बात पर चिन्ता जताई कि कई जिलों में योजना के तहत आवंटित राशि पूरी खर्च नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष इन योजनाओं में नाली एवं खरंजा निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी जिससे गांव स्वच्छ बन सकें।
बैठक में मुख्य सचिव श्री राजीव महर्षि, अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा श्री श्याम एस. अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण श्री ओ.पी. मीणा, प्रमुख शासन सचिव पीएचईडी श्री पी.एस. मेहरा, प्रमुख शासन सचिव पीडब्लूडी श्री डी.बी. गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज श्री श्रीमत् पाण्डे, ऊर्जा सचिव श्री आलोक, जल संसाधन सचिव श्री अजिताभ शर्मा उपस्थित थे।
