लोगों को जागरूक करें कि स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखने पर जांच कराएं

जयपुर, 28 जनवरी। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि सरकारी मेडिकल काॅलेजों में आने वाले आउटडोर मरीजों की सरकारी डाॅक्टर द्वारा लिखने पर स्वाइन फ्लू की जांच निःशुल्क की जाये। इसके अलावा अपनी मर्जी से जांच कराने वाले आउटडोर मरीजों को भी जांच की निर्धारित राशि में 50 प्रतिशत की छूट दी जाये।

श्रीमती राजे बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में स्वाइन फ्लू की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रही थी। बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्वाइन फ्लू पर प्रभावी रोकथाम के लिये लोगों को जागरूक किया जाये कि बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर वे तुरंत अस्पताल जायें और इसकी जांच कराकर आवश्यक दवाईयां लें। उन्होंने आईसोलेशन यूनिट एवं स्वाइन फ्लू जांच केन्द्रों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ निजी अस्पतालों में जांच केन्द्र खोले जाने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार स्वाइन फ्लू टेस्टिंग किट मंगवाने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात की जायेगी।

श्रीमती राजे ने कहा कि स्वाइन फ्लू से बचाव के उपायों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाने के लिये होर्डिंग लगाये जायें और व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये तथा निःशुल्क परामर्श के लिये उपलब्ध टोल फ्री नम्बर 104 की भी लोगों को जानकारी दी जाये।

बचाव के सभी उपाय हों ताकि मरीजों की जान बच सके
श्रीमती राजे ने कहा कि बचाव के सभी उपाय किये जायें ताकि प्रभावित मरीजों को समय पर ईलाज उपलब्ध हो सके और उनकी जान बचाई जा सके। चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ को भी पर्याप्त ट्रेनिंग दी जाए। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक लेकर इस बीमारी के प्रभावी रोकथाम के उपाय करें। उन्होंने इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव को विडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कलेक्टर्स को निदेर्शित करने को कहा।

लोगों तक सही जानकारी पहुंचाई जाये
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वाइन फ्लू के सम्बन्ध में वस्तु स्थिति स्पष्ट कर सही जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाए। इस पर अधिकारियों ने बताया कि इस साल स्वाइन फ्लू के 383 सैम्पल में से 113 पाॅजिटिव पाये गये जिनमें से 27 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें से 15 मरीजों की सरकारी हाॅस्पीटल में जबकि 12 की मौत निजी अस्पतालों में हुई है। स्वाइन फ्लू से 21 जिले प्रभावित हैं जिनमें से 11 जिलों में मरीजों की मौते हुई हैं। अधिकारियों ने बताया कि इनडोर मरीजों को निःशुल्क जांच सुविधा पहले से ही उपलब्ध है। दवाईयों की कोई कमी नहीं है और टेस्टिंग किट भेजने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र भेजा जा रहा है।

बैठक में चिकित्सा मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिये विभाग की लगातार माॅनिटरिंग जारी है। विभिन्न मेडिकल काॅलेजों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में आइसोलेशन वार्ड बनाये गये हैं, जिनमें 117 बैड उपलब्ध है। इसके अलावा 59 आईसीयू बैड भी उपलब्ध हैं।

काॅन्गो फीवर रोकने के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं
मुख्यमंत्री ने क्रिमियन काॅन्गो हैमेरेजिक फीवर (सीसीएचएफ)के प्रदेश में चार मरीज पाए जाने एवं दो की इससे मौत होने पर चिंता जताते हुए इसकी रोकथाम के उपायों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने इस सम्बन्ध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पशुपालन विभाग के साथ मिलकर इस बीमारी को फैलने से रोकने के सभी प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लक्षण दिखाई देने पर लोगों को तुरन्त ही रिबेवरीन दवा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर इसका एक जांच केन्द्र राजस्थान में भी खोलने का आग्रह करने को कहा।

बैठक में मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा श्री मुकेश शर्मा, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री जे.सी. महान्ति, अतिरिक्त मिशन निदेशक एनआरएचएम श्री नीरज के पवन, निदेशक स्वास्थ्य डाॅ. बी. आर. मीणा व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

DSC_6658