मंदिरों के विकास कार्यों में तेजी लाएं

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिलों में चिन्हित मंदिरों के जीर्णोद्धार, संरक्षण, संवर्धन एवं जनसुविधाएं विकसित करने के कार्य में तेजी लाएं। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न प्रमुख मंदिरों के मास्टर प्लान एवं विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनवाकर शीघ्र कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।

श्रीमती राजे सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश के मंदिरों के विकास कार्यों की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने प्रत्येक मंदिर में होने वाले कार्यों की विस्तृत समीक्षा करते हुए कहा कि ये कार्य स्थानीय लोगों एवं दर्शनार्थियों की आवश्यकताओं एवं सुझावों के अनुरूप किए जाएं। उन्होंने पुरामहत्व के इन मंदिरों के कार्य में पूरी सावधानी बरतने और इनके मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए।

राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह लखावत ने विभिन्न मंदिरों की विकास योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गोगामेड़ी, मातृकुण्डिया, रामदेवरा, कैला देवी, चारभुजा, चैथ माता, मेहंदीपुर बालाजी, सालासर बालाजी, खाटूश्यामजी, बेणेश्वरधाम, सेवन्त्री रूपनारायण, करणी माता सहित अन्य मंदिरों के विकास का मास्टर प्लान तैयार करवाया जायेगा, इसके लिए कंसल्टेन्ट की नियुक्ति कर दी गई है। प्राधिकरण, देवस्थान विभाग सहित अन्य विभागों के मंत्रीगण, अधिकारी एवं विशेषज्ञ इन स्थानों पर जाकर वहां की आवश्यकता के अनुरूप विकास की कार्य योजना तैयार करेंगे।

श्री लाखावत ने बताया कि धौलपुर की पुरानी छावनी मंदिर, घोटिया अम्बा मंदिर, लोक देवता पाबूजी मंदिर, दीनदयाल उपाध्याय स्मारक, जालोर जिले के भीनमाल में संस्कृत के विद्वान माघ कवि एवं गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त के स्थलों का भी विकास करवाया जायेगा।

बैठक में राजस्व राज्यमंत्री श्री अमराराम, गोपालन राज्यमंत्री श्री ओटाराम देवासी, देवस्थान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अशोक शेखर, पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री शैलेन्द्र अग्रवाल सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 21 सितम्बर 2015