छत्तीस झरोखों से हुई, सुरों और ताल की बौछार

ब्रिक्स महिला सांसदों के सम्मेलन के दूसरे दिन रविवार को बिड़ला सभागार में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में मरूधरा के चितेरे मांगणियार लोक कलाकारों ने सुरों और ताल के अद्भुत समन्वय से अपनी अविस्मरणीय प्रस्तुति देकर विशिष्टजनों एवं दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रोयस्टन एबल के निर्देशन में तैयार की गई 75 मिनट की शानदार इस सुर ताल की जुगलबंदी का असर फिजां में ऎसा तैर रहा था कि सुनने वाले मंत्रमुग्ध होकर तालियों के साथ उनके सुर में सुर मिला रहे थे।

मरूधरा के इन लोक कलाकारों ने छत्तीस झरोखों से राजस्थान के विभिन्न पारंपरिक वाद्ययंत्रों और लोक संगीत की मधुर स्वरलहरियों से सभागार को गुंजायमान कर दिया। ढोलक की थाप, सिंधी सारंगी की झंकार, खड़ताल की झपताल, खमायच और मोरचंग की सुरीली बौछार, ढोल की धमाल से मरूधरा का लोक संगीत जीवंत हो उठा। वाद्ययंत्र मानों एक दूसरे से सवाल कर रहे थे,जवाब दे रहे थे, भावनाओं को व्यक्त कर रहे थे और सुरीली हूंकार भर रहे थे।

बेहतरीन संगीत संयोजन लय, ताल और सुरों की जुगबंदी मानों मधुरूधरा को स्वरधरा के रूप में साकार कर रही थी। ब्रिक्स सांसदों के सामने हमारे लोक संगीत की मिठास का जादुई मंचन अद्भुत ,अनोखा और भावविभोर करने वाला था। मुख्यमंत्री श्रीमती वंसुधरा राजे मांगणियार कलाकारों की इस यादगार प्रस्तुति से अभिभूत हो उठी। उन्होंने कार्यक्रम के समापन पर सबसे पहले खड़े होकर करतल ध्वनि से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कलाकारों से मंच के निकट जाकर स्नेह से मुलाकात की और उनका हौसला भी बढ़ाया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री कल्याण सिंह, लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन, विधानसभ अध्यक्ष श्री कैलाश मेघवाल, केन्द्रीय मंत्री, राज्यमंत्री परिषद के सदस्य, ब्रिक्स देशों की महिला सांसद, राज्य के विधायक , विभिन्न आयोगों, बोर्डों के अध्यक्ष, जनप्रतिनिधिगण,अधिकारी एवं बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।

जयपुर, 21 अगस्त 2016