जलक्रांति बने जनक्रांति
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का दूसरा चरण
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के दूसरे चरण के बाकी बचे कार्य बारिश से पहले पूरे हों ताकि जल संग्रहण ढांचों में बारिश का पानी इकट्ठा हो सके। उन्होंने सुझाव दिया कि बाकी बचे काम जल्दी पूरे करने के लिए आवश्यक हो तो दो शिफ्ट में काम किया जाए।
श्रीमती राजे शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कलक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के चौथे दिन मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण की कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि यह राजस्थान जैसे मरूप्रदेश को जल की दिशा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी अभियान है। सभी के सहयोग से निश्चय ही हम अपने लक्ष्य में कामयाब होंगे। जिस प्रकार पहले चरण को जन आन्दोलन के रूप में चलाया गया था, उसी प्रकार दूसरे चरण में भी सभी की भागीदारी हो। ज्यादा से ज्यादा लोगों खासकर स्कूल-कॉलेज के बच्चों, सेना, पुलिस, स्वयंसेवी संगठनों, एनसीसी, औद्योगिक, धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं आदि को अभियान से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री देंगी एक माह का वेतन
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में जलक्रांति लाने वाला यह अभियान जनक्रांति भी बने। इस दिशा में श्रीमती राजे ने स्वयं पहल करते हुए अभियान के दूसरे चरण के लिए अपना एक माह का वेतन देने की घोषणा की। श्रीमती राजे की इस पहल के बाद राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्यां एवं संसदीय सचिवों ने भी अपना एक माह का वेतन देने की घोषणा की। मुख्य सचिव श्री ओ.पी. मीना ने अति. मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों तथा जिला कलक्टरों की ओर से, पुलिस महानिदेशक श्री मनोज भट्ट ने कांस्टेबल से लेकर डीजीपी स्तर तक के कार्मिकां की ओर से, पंचायतीराज विभाग के अति. मुख्य सचिव श्री सुदर्शन सेठी ने विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों के तथा वन विभाग के अधिकारियों ने भी विभागीय कार्मिकों की ओर से अपना एक-एक दिन का वेतन अभियान के लिए देने की घोषणा की। श्रीमती राजे ने आगे बढ़कर भागीदारी निभाने के लिए सभी को धन्यवाद दिया।
टैंकरों से जलापूर्ति में आई कमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमजेएसए प्रथम चरण की सफलता का अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिन ग्रामीण क्षेत्रों में यह अभियान चलाया गया वहां टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति में करीब 57 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2016 की गर्मियों में जिन गांवों में 1551 टैंकर्स की सप्लाई की गई, इस बार गर्मी के सीजन में उन गांवों में सिर्फ 674 टैंकर्स की ही जरूरत पड़ी।
सूखे कुओं में फिर से पानी आया
श्रीमती राजे ने कहा कि गैर-मरूस्थलीय 23 जिलों के उन क्षेत्रों में जलस्तर बढ़ा है जो एमजेएसए प्रथम चरण का हिस्सा रहे थे। कई जगहों पर पुराने कुंओं में पानी आया है। मांडलगढ़ (भीलवाडा) में तो 265 सूखे कुंओं में फिर से पानी आ गया है। उन्होंने कहा कि जब पहले चरण के परिणाम इतने उत्साहजनक हैं तो निश्चित रूप से दूसरा चरण पूरा होने के बाद आने वाले समय में प्रदेश को इस अभियान का बड़ा फायदा मिलेगा।
पहले चरण की गति दूसरे चरण में भी बनाए रखें
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमजेएसए प्रथम चरण में आईटी के उपयोग से बेहतरीन प्लानिंग एवं मॉनिटरिंग करते हुए विभिन्न विभागों के समन्वय से प्रभावी काम किया गया, जिसकी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना भी हुई। उन्होंने कहा कि पहले चरण में विभागों के आपसी समन्वय के कारण संसाधनों का समुचित उपयोग संभव हो पाया और अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन हो सका। उन्होंने इस समन्वय को दूसरे चरण में भी बरकरार रखने को कहा।
श्रीमती राजे ने कहा कि दूसरे चरण में जिन जिलों में कार्य शुरू नहीं हो पाये हैं वहां कलक्टर पूरे प्रयासों के साथ जुट जाएं ताकि समय पर कार्य पूरे हो सकें। उन्होंने जल संग्रहण ढांचों के निर्माण कार्य की गति बढाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं हो पाई है, उनके लिए तुरन्त वित्तीय स्वीकृति जारी की जाए।
गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें
मुख्यमंत्री ने दूसरे चरण के कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कलक्टरों को कहा कि वे लगातार मॉनिटरिंग एवं फील्ड विजिट कर गुणवत्ता सुनिश्चित करें। उन्होंने 5 से 9 जून तक मनाए जाने वाले जल स्वावलम्बन सप्ताह में प्रभारी मंत्रियों को जिलों में दौरे करने, सभी जन प्रतिनिधियों से भागीदारी करने एवं श्रमदान, रैली, सभा, दानदाताओं का सम्मान जैसे कार्यक्रमों से आम जनता में अभियान के प्रति जागरूकता बढ़ाने को कहा। उन्होंने जल संग्रहण ढांचों के आसपास पौधारोपण के लिए पूरी तैयारी रखने तथा लगाये गये पौधों की देखभाल करने के निर्देश दिए।
श्रीमती राजे ने इस बात पर खुशी जताई कि शहरी क्षेत्रों में अभियान के तहत बावड़ियों को पुनर्जीवित करने के काम हाथ में लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बावड़ियों की सफाई के बाद निकला मलबा बावड़ियों के पास ही ना डाला जाए। उन्होंने साफ की गई बावड़ियों का पानी बागवानी जैसे कार्यों में उपयोग करने का सुझाव दिया ताकि लगातार पानी बाहर निकलने से बावड़ियों का पानी साफ हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर शहर के उन स्थानों जहां पर बारिश का पानी इकट्ठा होकर बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है वहां वाटर हार्वेसि्ंटग स्ट्रक्चर बनाकर इस पानी का सही उपयोग किया जाए ताकि लोगों को भी पानी जमा रहने से परेशानी ना हो।
कार्यों की प्रगति वेबसाइट पर अपलोड हो
नगरीय विकास मंत्री श्री श्रीचंद कृपलानी ने शहरी क्षेत्रों में चलाए जा रहे मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि राजस्थान जैसे प्रदेश में पानी की एक-एक बून्द का महत्व समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 66 शहरों में 1324 चिन्हित स्थानों पर एमजेएसए के कार्य होंगे। जिनमें से 1124 के कार्यादेश जारी हो गए हैं और 986 कार्य शुरू कर दिये गए हैं। श्री कृपलानी ने जिला कलक्टरों से कहा कि जहां कार्यादेश नहीं हुए हैं, वहां कार्यादेश जल्द जारी किये जाएं और कार्य की प्रगति मोबाइल एप अथवा वेबसाइट पर अपलोड जरूर की जाए।
पंचायतीराज मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड ने अभियान की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि पहले चरण में बनाए गए 96 हजार से अधिक ढ़ांचे मानसून में भर गए थे। इसकी राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक सराहना हुई है।
राजस्थान रिवर बेसिन अथोरिटी के अध्यक्ष श्री श्रीराम वेदिरे ने कहा कि यह अभियान सभी विभागों की कन्वर्जेंस का एक सफल उदाहरण है। उन्होंने जियो टैगिंग, मोबाइल एप्लीकेशन, जीआईएस मैपिंग आदि के जरिए कार्यों की मॉनीटरिंग पर जोर दिया।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुदर्शन सेठी ने अपने प्रस्तुतीकरण में बताया कि दूसरे चरण में किये जा रहे कार्यां की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा रहा है और छह जिलों में एनजीओ का सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने एमजेएसए कार्यां का बेसलाइन डेटा तैयार करने के निर्देश दिये। जलग्रहण आयुक्त श्री अनुराग भारद्वाज ने क्राउड फंडिंग एवं अन्य विभागों से सहयोग, झालावाड़ कलक्टर डॉ. जितेन्द्र सोनी ने झालावाड़ में अभियान के तहत सफल जनभागीदारी तथा उदयपुर कलक्टर श्री बिष्णु चरण मल्लिक ने नवाचारों पर प्रस्तुतीकरण दिया।
इस अवसर पर राज्य मंत्रिपरिषद् के सदस्य, संसदीय सचिव, मुख्य सचिव श्री ओपी मीना, पुलिस महानिदेशक श्री मनोज भट्ट सहित विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव, संभागीय आयुक्त, सभी रेंज आईजी, पुलिस कमिश्नर, जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक भी मौजूद थे।
जयपुर, 3 जून 2017