संवेदनशीलता और त्वरित हस्तक्षेप से ही सुशासन कायम होगा
कलक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस का तीसरा दिन
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि आमजन को राहत और कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस शीघ्र मौके पर पहुंच कर संवेदनशीलता के साथ त्वरित हस्तक्षेप करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बहुसांस्कृतिक माहौल में कड़ी मेहनत एवं सामूहिक उत्तरदायित्व की भावना से ही सुशासन कायम होगा।
श्रीमती राजे शुक्रवार को जिला कलक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के तीसरे दिन अधिकारियों को सम्बोधित कर रही थीं। कॉन्फ्रेंस में संभागीय आयुक्तों, रेंज पुलिस महानिरीक्षकों और पुलिस कमिश्नरों से उनके क्षेत्राधिकार में आने वाले जिलों की कानून-व्यवस्था पर फीडबैक लिया गया। इस दौरान जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीरी छात्रों पर हमले और गौरक्षा के नाम पर कानून हाथ में लेने की घटनाओं से प्रदेश की छवि खराब होती है। ऐसे मामलों में पुलिस तथा जिला प्रशासन को त्वरित और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्हांने कहा कि स्थानीय प्रशासन विशेष आयोजनों, धार्मिक यात्राओं एवं जुलूसों पर डीजे वैन आदि के उपयोग से दूसरों को होने वाली परेशानियों पर कड़े कदम उठाए। उन्होंने फेसबुक, वाट्स-अप जैसे सोशल मीडिया माध्यमों की नियमित मॉनीटरिंग कर इनके माध्यम से अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने के निर्देश दिए।
श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान एक शांतप्रिय प्रदेश है, मगर कई बार कुछ घटनाआें के गलत बखान से इस छवि को खराब करने की कोशिश की जाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की शांतिप्रिय छवि को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के विरुद्ध पुलिस कार्रवाई करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनफिट पुलिसकर्मियों के लिए जोधपुर रेंज में शुरू किया गया फिटनेस और स्ट्रेस मैनेजमेंट प्रोग्राम सभी सम्भागों में शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई के कारण पुलिस से सम्बंधित शिकायतों में कमी आई है। उन्हांने कहा कि पुलिस और प्रशासन के सभी उच्च अधिकारी नियमित जनसुनवाई करेंगे तभी इसके अच्छे परिणाम हमारे सामने आएंगे।
नकली दूध के कारोबार को सख्ती से रोकें
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के मेवात क्षेत्र में नकली दूध एवं दुग्ध उत्पादों के अवैध कारोबार को सख्ती से रोकने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सेहत से जुड़े मामलों में पुलिस प्रो-एक्टिव रहकर कार्रवाई करे। उन्होंने इसके लिए पुलिस महानिदेशक को अलवर एवं भरतपुर जिले की संयुक्त टीम बनाने के निर्देश दिए। श्रीमती राजे ने ब्रज चौरासी क्षेत्र में अवैध खनन रोकने के भी निर्देश दिए। उन्होंने गुड़गांव कैनाल में ग्रिल लगाने के निर्देश दिए ताकि नहर में अन्य राज्य से मृत पशुओं के अंग बहकर न आ सकें और लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत न हों।
कॉन्फ्रेंस के दौरान अतिरिक्त महानिदेशक कानून-व्यवस्था श्री एनआर के. रेड्डी ने पुलिस विभाग के समक्ष कानून व्यवस्था सम्बंधी चुनौतियों पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने धार्मिक जुलूसों में मोबाइल डीजे और तेज ध्वनि वाले स्पीकरों के उपयोग, धार्मिक स्थलों पर अशांति पैदा करने की घटनाएं, सोशल मीडिया और इंटरनेट पर नफरत फैलाने एवं मिथ्या प्रचार, गौवंश की तस्करी और गौरक्षा के नाम पर माहौल खराब करने की घटनाओं को चुनौतियों के रूप में प्रस्तुत किया।
पुलिस महानिरीक्षक श्री हेमन्त प्रियदर्शी ने बढ़ते साइबर अपराध की चुनौतियों पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्हांने ई-एविडेंस प्रबंधन और साइबर इंटेलीजेंस का प्रशिक्षण देकर पुलिसकर्मियों के क्षमतावर्धन, फोरेंसिक तथा साइबर लैब के अपडेशन और उपकरणों की आवश्यकता को रेखांकित किया।
इस अवसर पर राज्य मंत्रिपरिषद् के सदस्य, मुख्य सचिव श्री ओपी मीना, पुलिस महानिदेशक श्री मनोज भट्ट सहित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, सम्भागीय आयुक्त और रेंज आईजी, पुलिस कमिश्नर, जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक भी मौजूद थे।
जयपुर, 2 जून 2017