ओलावृष्टि से प्रभावित खेतों तक भी नहीं पहुंची सोनिया गांधी

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के राजस्थान दौरे को महज एक दिखावा बताया है। उन्होंने कहा है कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित दुखी किसानों की उन्हें अगर इतनी ही चिंता थी, तो उन्होंने किसानों के खेतों पर जाकर उनके हालचाल क्यों नहीं पूछे। सच्चाई तो यह है कि वो इतनी जल्दी में थी कि उन्होंने कोटा जिले के मोरपा और दरबीजी गांव में किसानों से चंद सैकण्ड ही बात की।

श्रीमती राजे ने जारी एक बयान में कहा कि प्राकृतिक आपदा जैसे मामले को राजनीतिक रंग दिया जाना मानवीय धर्म के खिलाफ है और कांग्रेस ऐसा ही कर रही है। अगर उन्हें किसानों से इतनी ही हमदर्दी थी, तो उनकी पार्टी इस मामले को संसद में भी उठा सकती थी। संसद में भाजपा के सांसदों ने तो राजस्थान के किसानों की व्यथा रखी, लेकिन कांग्रेस के एक भी सांसद ने राजस्थान के हालात पर एक शब्द भी नहीं बोला, जो सीधे-सीधे उनकी किसानांे के प्रति उदासीनता को दर्शाता है।

हमने प्रदेश में हुए नुकसान की रिपोर्ट तुरन्त केन्द्र को भेजी और उसी का नतीजा है कि केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री मोहन भाई कुंडारिया ने राजस्थान का दौरा कर हालात जाने।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि पिछले पांच सालों में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब भी राजस्थान में प्राकृतिक आपदाएं हुई थीं, लेकिन उस वक्त तो उन्हें यहां के किसानों और नागरिकों की याद नहीं आई और अब जब हमने इस संकट से किसानों को उबारने के लिए पहले की तुलना में तत्काल ही बहुत अच्छा पैकेज दे दिया तो वे राजनीति करने यहां आ गई।

उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस मांग कर रही है कि किसानों को और अधिक राहत दी जानी चाहिए। केन्द्र और राज्य में एक साल पहले जब उनकी सरकार थी, तब उन्होंने किसानों की चिंता करते हुए राहत पैकेज में वृद्धि क्यों नहीं की, यह हैरानी की बात है।

श्रीमती राजे ने कहा कि 14 मार्च को ओलावृष्टि हुई। 15 मार्च को मैंने मुख्य सचिव को सभी जिला कलेक्टरों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए हालात जानने के लिये निर्देश दिये थे। सब जिलों के हालात जानने के बाद 16 मार्च को हमारी सरकार ने राहत पैकेज की घोषणा की। साथ ही विधायक अपने-अपने क्षेत्रों के हालात जान सकें, इसके लिए विधानसभा दो दिन के लिए स्थगित कर दी गई। विधायकों से अपने-अपने क्षेत्रों की वस्तुस्थिति जानने के बाद मैं स्वयं भी हालात का जायजा लेने के लिए किसान के खेतों तक पहुंची।

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने भी जयपुर में कहा कि प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न संकट में केन्द्र सरकार राजस्थान सरकार के साथ खड़ी है। उन्होंने राजस्थान सरकार द्वारा राहत को लेकर तत्काल उठाये गये कदमों की सराहना भी की। इतना सब होने के बाद जब कांग्रेस के पास इस मामले में कहने के लिए कुछ नहीं बचा तो घडि़याली आंसू बहाने के लिए उन्होंने अपनी पार्टी अध्यक्ष का दौरा कराकर मात्र खानापूर्ति कर ली।

श्रीमती राजे ने कहा कि प्राकृतिक आपदा किसी एक दल या व्यक्ति के लिए नहीं होती है, इससे निपटने के लिए एवं प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हम सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

जयपुर, 20 मार्च 2015