वंशावली से जुड़ा है हम सभी का अंश

जयपुर, 27 अक्टूबर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि वंशावली से कहीं न कहीं हम सभी का अंश जुड़ा हुआ है। वंशावली लेखन की परम्परा से जुड़ने पर समाज में आपसी झगड़ों और अलगाव की स्थिति पैदा नहीं होगी। इस पुनीत कार्य से लोगों के बीच प्रेम को बढ़ावा देकर सुदृढ़ भारत की नींव रखी जा सकती है।

श्रीमती राजे सोमवार को यहां बिड़ला आॅडिटोरियम के सभागार में अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्धन संस्थान के राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने वंशावली लेखन एवं इससे जुड़े लोगों के संरक्षण के क्षेत्र में कार्य के लिए संस्थान के प्रयासों की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम तीर्थ स्थलों पर मंदिरों के दर्शन के लिए जाते हैं तो वहां पर वंशावली लेखन से जुड़े लोग इस परम्परा के माध्यम से हमें अपने वंशजो एवं इतिहास की याद दिलाते हैं। उन्होंने कहा कि वंशावली भगवान का रूप है और हम सब यह समझे की इसमें अपना स्वरूप है।

श्रीमती राजे ने अपने उद्बोधन में स्वराज संकल्प के तहत प्रदेश में वंशावली संरक्षण एवं संवर्धन अकादमी के गठन का उल्लेख करते हुए इस संबंध में शीघ्र कार्रवाई का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि वंशावली संरक्षण से जुड़े कार्याें में जिस प्रकार भी मदद की आवश्यकता होगी, उसे पूरा किया जायेगा।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए साधवी ऋतम्बरा ने कहा कि वंशावली लेखक बहुत बड़े समाज को जड़ों से जोड़ रहे हैं, उनके योगदान को शब्दों में नहीं पिरोया जा सकता। उन्होंने कहा कि मिट्टी के क्षरण को रोकने के लिए जिस प्रकार वृक्ष लगाना जरूरी है, उसी प्रकार अपने पुरखों से जुड़कर हम स्वयं के क्षरण को रोक सकते है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे, साधवी ऋतम्बरा व अन्य अतिथियों ने वंशावली दिग्दर्शिका का भी विमोचन किया।

इस अवसर पर अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण संस्थान के संरक्षक श्री राम प्रसाद, श्री मुकन्द राव जी पणशिकर सहित देश भर से आए वंशावली लेखक, शिक्षाविद्, विद्वान और गणमान्य लोग मौजूद थे।

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