मुख्यमंत्री की पहल पर पंचायती राज संस्थाओं एवं स्थानीय निकायों के लिए टेंडर प्रक्रिया में राहत

गांवों और शहरों में पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय निकायों के माध्यम से विकास कार्यों में गति लाने की दिशा में पहल करते हुए मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने ’राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम’ के नियमों में संशोधन को मंजूरी दी है। इसके बाद छोटे-छोटे विकास कार्यों को सम्पादित करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया से राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने पंचायती राज प्रतिनिधियों, विशेषकर सरपंचों की काफी समय से लम्बित मांग को स्वीकार करते हुए इस संदर्भ में निर्देश दिये हैं। वर्तमान में पंचायती राज संस्थाओं को प्रत्येक छोटे-बड़े काम के लिए टेंडर की लम्बी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिसके चलते विकास कार्यों में देरी होती है। कई बार तो टेंडर में देरी के कारण कार्य समय पर पूरे ही नहीं हो पाते। नियमों में संशोधन के बाद अब पंचायती राज संस्थाएं एवं स्थानीय निकाय निविदा के साथ-साथ बीएसआर दरों पर भी कार्य करवा सकेेंगी। मुख्यमंत्री ने इन संस्थाओं से जुड़े जन प्रतिनिधियों की मांग पर गत 13 दिसम्बर को आयोजित ’विकास संकल्प समारोह’ में इस संबंध में घोषणा की थी।

’राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम’ में संशोधन के बाद ग्राम पंचायतें, पंचायत समितियां और जिला परिषद नोटिफाइड कार्यकारी एजेंसियों के माध्यम से बीएसआर दरों पर सड़क, पेयजल तथा निर्माण आदि से सम्बन्धित विभिन्न विकास कार्य सम्पादित करा सकेंगी। नई व्यवस्था में ग्राम स्तर पर गठित जल-ग्रहण समितियां, भू-संरक्षण समितियां तथा स्वयं सहायता समूह के साथ-साथ सार्वजनिक निर्माण विभाग, पीएचईडी और सिंचाई विभाग आदि भी कार्यकारी एजेंसी के रूप में शामिल हैं।

जयपुर, 16 दिसम्बर 2015