आवासीय विद्यार्थियों को कौशल विकास से जोड़ें

जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की समीक्षा

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने जनजाति क्षेत्रों में संचालित छात्रावासों के विद्यार्थियों की शिक्षा की गुणवत्ता और उनके रोजगार की स्थिति का अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन विद्यार्थियों को कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़कर उन्हें रोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जाए।

श्रीमती राजे गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की बजट घोषणाओं और अन्य विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि इन बालिका, आश्रम और खेल छात्रावासों सहित सभी आवासीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता भी सुधारी जाए, ताकि जनजाति क्षेत्र के युवाओं को रोजगार भी मिल सकें।

मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा 35 सामुदायिक जल उत्थान योजनाओं को पुनर्जीवित करने के कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने इन योजनाओं को जल स्वावलम्बन अभियान से जोड़ने के निर्देश दिए। जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री खेमराज ने बैठक में बताया कि 35 में से 15 जल उत्थान योजनाओं को किसान समूह बनाकर संचालित किया जा रहा है।

श्रीमती राजे ने इन क्षेत्रों में संचालित विकास योजनाओं की समीक्षा के लिए नियमित बैठक आयोजित करने और इनमें विधायकों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी भवनों, विशेषकर आश्रम छात्रावासों में विद्युत व्यवस्था के लिए स्थानीय विधायकों के माध्यम से एलईडी लाइट्स का वितरण किया जाए।

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में 100 नये मां-बाड़ी केन्द्र शुरू किये गये हैं। कुल संचालित 1339 मां-बाड़ी और डे-केयर केन्द्रों में घरेलू गैस कनेक्शन उपलब्ध करा दिए हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जिन केन्द्रों में रसोईघर की व्यवस्था नहीं है, वहां आवश्यकतानुसार रसोईघर का निर्माण किया जाए। उन्होंने मां-बाड़ी केन्द्रों में बच्चों के शिक्षा के स्तर पर भी संतोष व्यक्त किया।

बैठक में प्रमुख शासन सचिव (वित्त) श्री पीएस मेहरा, आयुक्त, जनजातीय क्षेत्र विकास श्री भवानी सिंह देथा, सचिव (आयोजना) श्री अखिल अरोरा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 17 दिसम्बर 2015