राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना व राजस्थान सौर ऊर्जा नीति जारी; “बिजनेस कल्चर” एवं “इन्वेस्टर्स फ्रेंडली” माहौल को करेंगे प्रमोट

जयपुर, 8 अक्टूबर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में ’बिजनेस कल्चर’ को प्रमोट करते हुए निवेशकों को ’इन्वेस्टर्स फ्रेंडली’ माहौल देने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया के व्यवसायिक जगत में मारवाड़ी बिजनेस में नम्बर वन हैं। उन्होंने कहा कि सरकार यहां के व्यवसासियों की बिजनेस स्किल्स के माध्यम से निवेश का अनुकूल माहौल बनाते हुए नई नीतियों से राजस्थान को माॅडल स्टेट बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

श्रीमती राजे बुधवार को सीएमओ के कॉन्फ्रेंस हाॅल में राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना, 2014 एवं राजस्थान सौर ऊर्जा नीति, 2014 को जारी करने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि अब राजस्थान ने उजाले की ओर कदम बढ़ाने शुरू कर दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेश प्रोत्साहन योजना एवं सौर ऊर्जा नीति प्रदेश का भाग्य बदलने वाली साबित होंगी, राजस्थान को अग्रणी प्रदेश बनाने की दिशा में ये महत्वपूर्ण कदम है। इनसे प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने एवं रोजगार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सोलर एनर्जी हमारी बड़ी ताकत है हम इसके आधार पर आगे बढेंगे। हम जल्द ही पर्यटन नीति भी लायेंगे।

श्रीमती राजे ने कहा कि सरकार ने उद्यमियों तथा औद्योगिक संगठनों के साथ संवाद कर सभी पक्षों के हितों को ध्यान रखते हुए निवेश प्रोत्साहन योजना एवं सौर ऊर्जा नीति जारी की है। इसमें किसानों के हितों का भी ख्याल रखा गया है। सौर ऊर्जा नीति में किसानों को पहली बार सीधे प्रोजेक्ट से जुड़ने का प्रावधान किया गया है, इससे बड़ा बदलाव आयेगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार सभी सम्बन्धित पक्षों के सहयोग से इनका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी।

मुख्यमंत्री ने निवेशकों का आह्वान किया कि वे अगले वर्ष के अन्त में होने वाले रिसर्जेंट राजस्थान को सफल बनाने के लिये आगे आयें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके पिछले कार्यकाल में भी रिसर्जेंट राजस्थान का आयोजन सफल रहा तथा प्रदेश में हजारों करोड़ के निवेश की राह खुली थी।

श्रीमती राजे ने कहा कि सरकार की निवेश प्रोत्साहन नीतियों की वजह से प्रदेश में अच्छा माहौल बना है। जापान के बाद कोरिया, जर्मनी और सिंगापुर सहित अन्य देशों के निवेशक भी यहां अपने उद्यम स्थापित करने के लिये आगे आये हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार सिरेमिक एवं ग्लास, इलेक्ट्रोनिक सिस्टम डिजाइन मैन्युफैक्चरिंग, फार्मास्यूटिकल, इण्डस्ट्रियल गैसेज जैसे क्षेत्र निवेश प्रोत्साहन योजना में शामिल किये गये हैं। इसके तहत अपने निवेश प्रस्तावों में युवाओं के रोजगार पर बल देने वाले निवेशकों के साथ ही महिलाओं, एससी-एसटी तथा निःशक्तजनों के लिये भी सब्सिडी के विशेष प्रावधान है।

ऊर्जा मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने सौर ऊर्जा नीति-2014 को प्रदेश में एक नये युग की शुरूआत बताते हुए कहा कि आने वाले समय में राजस्थान न केवल सौर ऊर्जा बल्कि ऊर्जा के सभी रूपों में पाॅवर हब बनेगा। उन्होंने कहा कि नई नीति में प्रक्रियाओं का त्वरित समाधान पारदर्शिता के साथ होगा, इससे प्रदेश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

मुख्य सचिव श्री राजीव महर्षि ने कहा कि राज्य सरकार ने निवेशकों के हितों में विभिन्न प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सौर ऊर्जा नीति से प्रदेश ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा साथ ही निवेश प्रोत्साहन योजना निवेशकों को आकर्षित करने में कामयाब होगी। प्रमुख शासन सचिव उद्योग श्रीमती वीनू गुप्ता ने राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना तथा ऊर्जा सचिव श्री आलोक ने सौर ऊर्जा नीति के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया। वित्त (राजस्व) सचिव श्री प्रवीण गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में सीआईआई, फिक्की, पीएचडी चैम्बर्स आॅफ कामर्स, फोर्टी, एफएएसएसआई, पाॅवर ग्रिड, होटल एसोसिएशन सहित सभी प्रमुख औद्योगिक संगठनों के प्रमुख प्रतिनिधि एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।