लीक से हटकर था मुख्यमंत्री का भाषण, बताया सोच-सोच का फर्क

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने राज्यपाल के अभिभाषण के जवाब में लीक से हटकर पूर्ववर्ती सरकार और वर्तमान सरकार की सोच में अंतर को यूं रेखांकित किया-

उनकी सोचहमारी सोच
बदले की भावना से काम करना, व्यक्तिगत आरोप लगानाकिसी के खिलाफ बदले की भावना नहीं रखते हुए गुणावगुण के आधार पर निर्णय करना
दीर्घकालीन विकास के लिए मानव संसाधन के विकास को लेकर कोई सोच स्पष्ट नहींप्रजेंटेशन के माध्यम से रोडमैप सामने रखा
प्रशासनिक ढांचे को प्रदेश के विकास के अनुरूप नहीं ढालना प्रशासनिक ढांचे को नई दिशा देकर उसका विकास में समुचित उपयोग
जनता को केंद्र बिंदु नहीं माना, मनमाने तरीके से कार्यक्रम शुरू किएजनता को केंद्र बिंदु मानकर उनके बीच गए और सीधा संवाद किया
विकास में राजनीति कीराजनीति को विकास का माध्यम बनाया
जनता के साथ दाता और याचक का रिश्ताहमने जनता को दाता माना
जनता को कमजोर बनाने की सोचजनता को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की सोच
राजनीतिक नुकसान से बचने के लिए पंचायतों का पुनर्गठन नहीं कियाहमनें 47 नई पंचायत समिति और 723 नई ग्राम पंचायतें बनाई
गरीबी का ऊपरी उपचारगरीबी का जड़ से उन्मूलन
पंचायतीराज चुनावों में युवाओं को आगे लाना थे्रट के रूप में देखाहमने इसे अवसर के रूप में देखा
पेयजल की बड़ी-बड़ी योजनाएं बिना सोचे समझे लागू करनाप्रदेश को पेयजल में आत्मनिर्भर बनाने के लिए जल स्वावलम्बन जैसा अभियान शुरू करना
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था से दूर रखनाग्रामीण अर्थव्यवस्था को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ाना
विद्युत तंत्र पर कर्जा बढ़ाकर उसे तहस-नहस करनाविद्युत क्षेत्र में संस्थागत सुधार करना
राजनीतिक फायदे के लिए बिना संसाधन वाले स्कूल खोले जाना और शिक्षा की गुणवत्ता गिरानाशिक्षा की गुणवत्ता सुधारना ताकि हमारे बच्चे भी प्रतिस्पर्धा का सामना कर सकें
बीमार को दवा दोबीमारी ही नहीं हो, राजस्थान आरोग्य हो
नौजवान की राज्य सरकार पर निर्भरता बढे़हमारा नौजवान आत्मनिर्भर बने
पुराने कानून नियम जैसे हैं चलने दोप्रदेश और युवा पीढ़ी के हित में नियम कानूनों में संशोधन हो
खेती में सरकारी अनुदान का उपयोग करो, परम्परागत ढर्रे पर चलते रहोजैविक कृषि और तकनीक को बढ़ावा देकर किसानों को सशक्त और समृद्ध बनाया जाए
राजनीति से प्रेरित होकर भामाशाह जैसी अच्छी योजनाओं को बंद कर दोपारदर्शिता के साथ शत-प्रतिशत लाभ पहुंचाने के लिए ऐसी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन
आरक्षण के मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाना और सौहार्द खराब करनासमग्र विकास एवं समरसता की सोच, आर्थिक पिछड़ों को आरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए

जयपुर, 4 मार्च 2016