परियोजनाओं में देरी पर मुख्यमंत्री सख्त

जलदाय विभाग की समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पेयजल परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूरा कर जनता को राहत पहुंचाएं। उन्होंने कुछ परियोजनाओं में देरी को गंभीरता से लिया और संबंधित अधिकारियों को फील्ड से हटाने और सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

श्रीमती राजे सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर जलदाय विभाग से संबंधित वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 की बजट तथा अन्य घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने प्रत्येक परियोजना की विस्तार से समीक्षा की और कहा कि पेयजल एक अति महत्वपूर्ण आवश्यकता है। ऐसी परियोजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं हो सकती।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजनाओं की स्वीकृति जारी होते ही उन पर शीघ्र कार्य शुरू हो जाए। उन्होंने तकनीकी स्वीकृति एवं कार्यादेश जारी होने के बावजूद प्रोजेक्ट्स में हो रही देरी पर गहरी नाराजगी जताई। श्रीमती राजे ने कहा कि इससे परियोजना की लागत बढ़ती है तथा जरूरतमंद लोगों को समय पर लाभ नहीं मिल पाता।

मुख्यमंत्री ने पेयजल योजनाओं में सोलर पम्प के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे बिजली बिल की समस्या का समाधान होगा। उन्होंने जनता जल योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं के निराकरण के निर्देश दिए। श्रीमती राजे ने कहा कि युवाओं, खासकर महिलाओं को हैंडपंप मरम्मत कार्य के प्रशिक्षण से जोड़ा जाए ताकि स्थानीय स्तर पर ही हैंडपंप मरम्मत का कार्य शीघ्र हो सके और रोजगार के अवसर भी बढ़ें।

बैठक में जलदाय मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी, मुख्य सचिव श्री सीएस राजन, प्रमुख वित्त सचिव श्री प्रेमसिंह मेहरा, जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री जे.सी. महान्ति सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

जयपुर, 21 दिसम्बर 2015