सुशासन के लिए और सरल होगी कानूनी प्रक्रिया
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर प्रदेश में सुशासन के लिए कानूनी प्रक्रिया को और आसान किया जायेगा। विभिन्न विभागों के कुल 248 अनुपयोगी तथा पुराने कानूनों को समाप्त किया जा चुका है। अब इस प्रक्रिया के अगले चरण में कई विभागों से संबंधित लगभग 70 अन्य कानूनों को समाप्त या समेकित किया जायेगा।
श्रीमती राजे ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर एक प्रस्तुतीकरण देखा। उन्होंने प्रशासनिक सुधार विभाग को तय समय सीमा में यह प्रक्रिया पूरी करने और विभिन्न विभागों को इसमें सहयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों को आपसी समन्वय के साथ काम करना चाहिए तथा सुशासन के लिए एक-दूसरे से जुड़े संबंधित कानूनों को एकीकृत और समेकित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया सरल होने से लोगों को सुविधा रहती है।
प्रशासनिक सुधार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राकेश वर्मा ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि पुराने कानूनों को समाप्त करने के लिए विभाग स्तर पर समितियों का गठन किया जा चुका है और यह प्रक्रिया फरवरी, 2017 तक पूरी कर दी जायेगी। इसके लिए विशेषज्ञों की मदद भी ली जायेगी। इस प्रक्रिया में कुल 86 कानूनों को समेकित कर 16 कानून बनाए जायेंगे, जिससे 70 कानून कम हो जायेंगे।
बैठक में आईआईएम बैंगलोर के प्रोफेसर श्री पुलक घोष ने कहा कि प्रशासनिक सुधार और सुशासन के लिए डिजिटल डेटा का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री सीएस राजन, नीति आयोग के सदस्य श्री विवेक देबराॅय, शासन सचिव आयोजना श्री अखिल अरोड़ा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
जयपुर, 01 अप्रेल 2016
