इंजीनियरिंग काॅलेजों की दशा सुधारें, शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राजस्थान के राजकीय इंजीनियरिंग काॅलेजों की स्थिति सुधारने के लिए आधारभूत संरचना एवं फैकल्टी से लेकर पाठ्यक्रम तक हर स्तर पर आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार बदलाव किये जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पढ़नेे वाले इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों की शिक्षा के स्तर से कोई समझौता नहीं होगा।

श्रीमती राजे शुक्रवार को प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभागों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा की उच्च गुणवत्ता राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार का प्रयास है कि हर बच्चे को प्राथमिक से लेकर उच्च स्तर तक श्रेष्ठ शिक्षा मिले।

मुख्यमंत्री ने जयपुर के मूण्डला में प्रस्तावित अम्बेडकर पीठ को शोध कार्यों के सेंटर आॅफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने के लिए किसी नामी शिक्षाविद को इसका निदेशक नियुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार इस संस्थान को राष्ट्रीय स्तर की रिसर्च रिपोजेटरी बनाना चाहती है। यहां के निदेशक को अकादमिक, शोध तथा डाॅ. भीम राव अम्बेडकर के कार्यों और योगदान के बारे में विशेषज्ञता प्राप्त होना चाहिए।

श्रीमती राजे ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में विशेषज्ञ संस्थाओं तथा उद्यमियों की सहभागिता से तकनीकी नवाचारों के प्रोत्साहन के लिए सात इन्क्यूबेशन सेंटर तथा तीन थ्री-डी प्रिंटिंग एण्ड रोबोटिक लैब स्थापित करने के कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही प्रस्तावित स्किल युनिवर्सिटी की शीघ्र स्थापना के लिए ’इंस्टीट्यूट आॅफ लेबर डवलपमेंट’ के साथ हुए एमओयू पर अगले चरण की कार्यवाही की जाए।

मुख्यमंत्री ने सभी महाविद्यालयों में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर की तर्ज पर उद्यमिता केन्द्र स्थापित कर विद्यार्थियों के कौशल विकास की व्यवस्था करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए अजमेर विश्वविद्यालय में सभी काॅलेजों के प्राचार्याें के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया जाए। उन्होंने चित्तोड़गढ़ के बड़ी सादड़ी और भरतपुर के वैर में नये काॅलेजों के निर्माण कार्य जल्द पूरा करने को कहा।

श्रीमती राजे ने अधिकारियों को स्कूलों में अध्यापकों तथा बच्चों के अनुपात के समानीकरण, नियुक्तियों, पदस्थापन तथा स्थानान्तरण के लिए समग्र एकीकृत नीति बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 0 से 15 तक है और शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित है, वहां उनकी बेहतर शिक्षा के लिए उचित प्रबंध किए जाएं। उन्होंने कहा कि इस विषय में जमीनी हकीकत का पता लगाने के लिए ’थर्ड पार्टी‘ के जरिए स्कूलों का सर्वेक्षण भी करवाया जाए। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में टाॅयलेट्स का उपयोग, पानी तथा बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्कूल प्रबंधन समिति, जनप्रतिनिधियों स्थानीय ग्रामीणों तथा भामाशाहों का सहयोग लिया जाये।

मुख्यमंत्री ने कस्तूरबा आवासीय विद्यालयों तथा शारदे कन्या छात्रावासों सहित सभी छात्रावासों में विद्यार्थियों के लिए मूलभूत आवश्यकताओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बजट घोषणाओं की अनुपालना में स्कूलों एवं छात्रावासों के भवन निर्माण कार्य भी शीघ्र पूरे करने को कहा।

बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री श्री कालीचरण सराफ, शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी, मुख्य सचिव श्री सीएस राजन, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री पीएस मेहरा, प्रमुख शासन सचिव उच्च शिक्षा श्री पवन कुमार गोयल, शासन सचिव आयोजना श्री अखिल अरोरा, शासन सचिव माध्यमिक शिक्षा श्री नरेशपाल गंगवार, शासन सचिव प्राथमिक शिक्षा श्री कुंजीलाल मीणा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 25 दिसम्बर 2015