व्यवस्थित औद्योगिक विकास के लिए लायेंगे विशेष निवेश क्षेत्र विधेयक, 1095 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी

कैबिनेट की बैठक में महत्त्वपूर्ण निर्णय

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई कैबिनेट बैठक में व्यवस्थित औद्योगिक विकास एवं आर्थिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान विशेष निवेश क्षेत्र विधेयक-2016 के अनुमोदन तथा 1095 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी के साथ ही कई महत्वपूर्ण लिये गये।

संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने मीडिया को कैबिनेट के महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में उद्योगों के लिए सुदृढ़ आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिये विशेष विधान बनाने की आवश्यकता थी। इसे दृष्टिगत रखते हुए आगामी विधानसभा सत्र में राजस्थान विशेष निवेश क्षेत्र विधेयक-2016 लाने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत राज्य में विशेष निवेश क्षेत्रों की घोषणा की जा सकेगी। राज्य स्तर पर 5 करोड़ की अंशपूंजी से विशेष निवेश क्षेत्र बोर्ड की स्थापना की जायेगी जिसमें अधिकतम 15 सदस्य होंगे। किसी क्षेत्र को विशेष निवेश क्षेत्र घोषित किये जाने के बाद उसके प्रबंधन एवं संचालन के लिये डीएमआईसी विभाग के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण का गठन किया जायेगा।

श्री राठौड़ ने बताया कि विशेष निवेश क्षेत्र को एक औद्योगिक नगर के रूप में विकसित किया जायेगा। घोषित विशेष निवेश क्षेत्र में आने वाले नगरपालिका क्षेत्रों एवं गांव के आबादी क्षेत्रों में संबंधित नगरपरिषद्, नगरपालिका तथा पंचायतें यथावत अपना कार्य करती रहेंगी। विशेष निवेश क्षेत्र के शेष भाग में क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण ही नगरपालिका की भूमिका निभायेगा। विशेष निवेश क्षेत्र के लिये मास्टर प्लान तैयार किया जायेगा। क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण किसी आर्थिक परियोजना को प्रारम्भ करने के लिये सिंगल विण्डो एक्ट-2011 के तहत नोडल एजेंसी के रूप में भी कार्य करेगा। क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण के आदेशों के विरूद्ध अपील के लिए अपील प्राधिकरण भी बनाया जायेगा। यह विधेयक विधानसभा से पारित होने पर राजस्थान औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम-1955 का स्थान लेगा।

स्टेनो के लिये योग्यता में बदलाव

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय लिपिक वर्गीय सेवा नियम-1999, राजस्थान सचिवालय लिपिक वर्गीय सेवा नियम-1970 तथा राजस्थान लोक सेवा आयोग (लिपिक वर्गीय एवं अधीनस्थ सेवा) नियम और विनियम-1999 में संशोधन को भी कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त स्टेनो पद पर भर्ती के लिये अभ्यर्थी को अंग्रेजी एवं हिन्दी दोनों में शाॅर्टहैण्ड की योग्यता के स्थान पर अंग्रेजी या हिन्दी दोनों में से एक में शाॅर्टहैण्ड की योग्यता होना आवश्यक होगा। लिपिक ग्रेड द्वितीय तथा शीघ्रलिपिक पद के लिये प्रथम चरण के प्रत्येक प्रश्न-पत्र में 40 प्रतिशत न्यूनतम प्राप्तांक अनिवार्य होंगे। साथ ही इन पदों के लिये कम्प्यूटर संबंधी योग्यता में डिग्री, डिप्लोमा एवं नये प्रमाण-पत्रों को जोड़ने का प्रावधान किया गया है। अब किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कम्प्यूटर साइंस अथवा कम्प्यूटर एप्लीकेशन में डिग्रीधारक एवं किसी मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से कम्प्यूटर विषय के साथ सीनियर सैकेण्ड्री कक्षा पास अभ्यर्थी भी इस पद के लिये पात्र होंगे। उन्होंने बताया कि इन सेवा नियमों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अभ्यर्थियों को टाइपिंग परीक्षा उत्तीर्ण करने की छूट तथा अनुग्रह अंक के प्रावधान को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।

यूनानी एवं होम्योपैथी चिकित्सकों की पदोन्नति की राह खुली

उन्होंने बताया कि मंत्रिमण्डल की बैठक में राजस्थान आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी एवं प्राकृतिक चिकित्सा सेवा नियम-1973 के नियम 6 एवं उपनियम 31 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत आयुर्वेद विभाग की तरह 6 मई, 1990 से 31 दिसम्बर,1993 तक अस्थाई या अर्जेंट टेम्परेरी आधार पर नियुक्त होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सकों को भी स्क्रीनिंग कर नियमित किया जा सकेगा। इससे 25 वर्षों से लम्बित इन चिकित्सा अधिकारियों की वरिष्ठता सूची जारी कर उन्हें पदोन्नति दी जा सकेगी।

जेएसए के लिये अब बी.फार्मा डिग्री शामिल

श्री राठौड़ ने बताया कि राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधीनस्थ सेवा नियम-1965 में संशोधन कर जूनियर साइंटिफिक असिस्टेंट के पद की योग्यता में बी.फार्मा की डिग्री जोड़ने का निर्णय लिया गया।

सीमेंट सेक्टर को भी रिप्स 2014 का लाभ

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि राज्य में निवेश प्रोत्साहन स्कीम 2014 के तहत सीमेंट सेक्टर को विशेष सुविधा पुंज दिये जाने का प्रावधान करने का निर्णय लिया गया है। अब सीमेंट क्षेत्र में 750 करोड़ रूपये से ज्यादा के निवेश पर स्कीम के तहत कस्टमाइज्ड पैकेज का लाभ दिया जा सकेगा।

चार कम्पनियों को भूमि आवंटन का निर्णय

श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में पिछली सरकार के अंतिम 6 माह में लिये गये निर्णयों की समीक्षा करने के पश्चात् कैबिनेट ने मैसर्स एम.एस.सावा क्ले एण्ड मिनरल्स प्रा.लि. चित्तौड़गढ को सैण्ड वाशिंग प्लांट की स्थापना के लिये 0.36 हेक्टेयर भूमि आवंटन, मैसर्स एफ.सी.आई. अरावली जिप्सम प्रा.लि. को चित्तौड़गढ के ग्राम पाण्डोली में सिंगल सुपर फास्फेट प्लांट के लिये 11.01 हेक्टेयर, सिद्धि विनायक सीमेंट लि. को पाली के ग्राम डूंगरनगर, सिनला निम्बोल में सीमेंट प्लांट की स्थापना के लिये 139.07 बीघा तथा श्री सीमेन्ट लि. को पाली के रास गांव में रेल्वे साइडिंग के लिये 37 बीघा भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया गया है।

निवेश प्रस्तावों को मंजूरी

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने निवेश के नये प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है। इसके अंतर्गत सोमानी एक्सल विट्रीफाइड प्रा.लि. भीलवाडा में अपनी इकाई स्थापित कर 115 करोड़ रूपये का निवेश करेगी जिसमें 150 लोगों को प्रत्यक्ष तथा 125 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। कम्पनी धीरे-धीरे 500 करोड़ रूपये का निवेश करेगी। इसी प्रकार कंचन इण्डिया लि. भीलवाड़ा के मन्द की बावड़ी तथा नानकपुरा में स्थापित अपने प्लांट का 300 करोड़ रूपये का निवेश कर विस्तार करेगी। इससे 935 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।

उन्होंने बताया कि नितिन स्पिनर्स लि. भीलवाडा में स्थापित अपनी इकाई में 275 करोड़ रूपये का निवेश कर 540 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करवायेगी। हैवल्स इण्डिया लि. घिलोट औद्योगिक क्षेत्र में 303 करोड़ रूपये का निवेश कर 1500 लोगों को रोजगार देगी। इसी प्रकार ईयाना प्रोटीन्स प्रा.लि. पाली के निबडा गांव में 102 करोड़ रूपये के निवेश से खाद्य तेल की रिफाइनरी स्थापित कर 507 व्यक्तियों को रोजगार देगी। इन सभी कम्पनियों को विशेष सुविधा पुंज के लाभ एवं निवेश प्रोत्साहन स्कीम के तहत पात्रता अनुसार विभिन्न रियायतें देने का निर्णय लिया गया है।

जयपुर, 9 फरवरी 2016