मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की शुरूआत 27 जनवरी को झालावाड़ से

शहरी भूमि आवंटन में लीज होल्ड के साथ फ्री होल्ड का विकल्प मिलेगा

राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में सम्पन्न मंत्रिमण्डल की बैठक में ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान‘ के 27 जनवरी से शुभारम्भ, राजस्थान सुधार न्यास (शहरी भूमि निष्पादन) नियम-1974 में संशोधन, राज्य कर्मचारियों को पंचकर्म चिकित्सा प्रक्रियाओं पर हुए खर्च का पुनर्भरण निर्धारित दरों पर करने एवं तहसील राजस्व लेखाकार की योग्यता में संशोधन सहित कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने मंत्रिमण्डल की बैठक में हुए निर्णयों की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री श्रीमती राजे 27 जनवरी को झालावाड़ से जल समृद्धि एवं जल स्वावलम्बन के उद्देश्य से चलाए जा रहे ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान‘ का शुभारम्भ करेंगी। सभी प्रभारी मंत्री इसी दिन अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में अभियान की शुरूआत करेंगे। इस अभियान के तहत प्रथम चरण में 3,563 गांवों को जल स्वावलम्बी बनाया जाएगा। जिन कार्याें की तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी हैं, उन्हें 30 जून, 2016 तक पूरा किया जाएगा। प्रभारी मंत्रीगण प्रति सप्ताह दो बार अभियान की समीक्षा करेंगे।

राजस्थान सुधार न्यास (शहरी भूमि निष्पादन) नियम में संशोधन

श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में राजस्थान सुधार न्यास (शहरी भूमि निष्पादन) नियम, 1974 के नियम 2, 3, 4, 5, 17 व 23 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया। संशोधन के अनुसार पहली बार भूखण्डधारियों को लीज होल्ड के साथ-साथ फ्री होल्ड का विकल्प भी मिलेगा। वर्तमान नियमों में भूखण्ड अथवा भवन 99 वर्ष की लीज पर दिए जाने का प्रावधान है। अब इसके साथ ही भूमि एवं भवन फ्री होल्ड पर देने का प्रावधान किया गया है। फ्री होल्ड में भूमि का स्वामित्व हमेशा के लिए भूखण्ड स्वामी का हो जाएगा जिसके परिणाम स्वरूप लीज का नवीनीकरण करवाने अथवा लीज समाप्ति पर कब्जा वापिस देने की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी।

उन्होंने बताया कि भूखण्ड स्वामी आवासीय भूखण्ड के मामले में एक बारीय लीज राशि की 1.25 गुणा एवं व्यावसायिक भूखण्ड के मामले में 1.50 गुणा राशि जमा करवाकर फ्री होल्ड लीज प्राप्त कर सकेगा। साथ ही यदि वह पहले ही एक बारीय लीज राशि जमा करवा चुका है, तो उसे फ्री होल्ड करवाने के लिए एक बारीय लीज राशि की 25 प्रतिशत एवं व्यावसायिक भूखण्ड के मामले में 50 प्रतिशत राशि जमा करवानी होगी। सीमित उद्देश्य, जनकल्याणकारी ट्रस्ट, पुरातत्व महत्त्व एवं पर्यटन महत्त्व की भूमि को फ्री होल्ड से अलग रखा गया है।

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि आरक्षित दर निर्धारण में प्रशासनिक एवं संस्थापन खर्चे के रूप में 30 प्रतिशत के स्थान पर 20 प्रतिशत प्रभार लेने का संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। शहरी निकाय में भूखण्ड क्रय करने पर अब तक 50 हजार से अधिक जनसंख्या वाले राजस्थान के किसी शहर में भूखण्ड या निजी आवास नहीं होने का शपथ पत्र देना पड़ता है। अब एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले राजस्थान के किसी शहर में भूखण्ड या निजी आवास नहीं होने का शपथ पत्र देना होगा।

विशेष योग्यजनों के लिए भूखण्ड आरक्षण 2 से बढ़ाकर 3 प्रतिशत

श्री राठौड़ ने बताया कि मंत्रिमण्डल की बैठक में शहरी निकायों के भूखण्ड आवंटन में विशेष योग्यजन (विकलांग) का आरक्षण 2 प्र्रतिशत से बढ़ाकर 3 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार भूखण्ड आवंटन के प्रकरणों में अब तक दस वर्ष तक विक्रय नहीं करने की शर्त में संशोधन करते हुए यह समय सीमा घटाकर 5 वर्ष करने का अनुमोदन किया गया। इसके तहत भू-स्वामी 5 वर्ष से 10 वर्ष तक की अवधि में आरक्षित दर की 10 प्रतिशत राशि जमा करवाकर भूखण्ड बेच सकेगा।

भू-आवंटन की आरक्षित दरें घटाईं

उन्होंने बताया कि शहरी निकायों में बड़े भूखण्डों का अधिकतम आकार 750 से घटाकर 550 मीटर करने का निर्णय लिया गया है। भूखण्डों के कुछ वर्गों में दरों में संशोधन करने का निर्णय भी लिया गया है। 10,000 रुपये तक आय वाले एलआईजी-ए वर्ग में 45 वर्गमीटर तक के भूखण्ड आरक्षित दर के 25 प्रतिशत पर ही यथावत आवंटित किए जाएंगे। 10,001 रुपये से 15,000 रुपये तक आय वाले एलआईजी-बी वर्ग में 46-90 वर्गमीटर तक के भूखण्ड भी आरक्षित दर के 60 प्रतिशत पर ही यथावत आवंटित किए जाएंगे। 15,001 रुपये से 30,000 रुपये तक आय वाले एमआईजी वर्ग में 91-220 वर्गमीटर तक के भूखण्ड भी आरक्षित दर पर ही यथावत आवंटित किए जाएंगे। 30,001 रुपये से 45,000 रुपये तक आय वाले एमआईजी-ए वर्ग में 221-350 वर्गमीटर तक के भूखण्ड आरक्षित दर के 115 प्रतिशत से घटाकर 105 प्रतिशत दर पर आवंटित किए जाएंगे। 45,001 रुपये से 65,000 रुपये तक आय वाले एमआईजी-बी वर्ग में 351-500 वर्गमीटर तक के भूखण्ड आरक्षित दर के 130 प्रतिशत से घटाकर 110 प्रतिशत दर पर आवंटित किए जाएंगे।

आई केयर हाॅस्पिटल के लिए भूमि आवंटन

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि रिसर्जेंट राजस्थान के तहत हुए एमओयू को मूर्तरूप देते हुए श्री कांची कामकोटि मेडिकल ट्रस्ट, कोयम्बटूर को स्टेट आॅफ आर्ट कम्यूनिटी आई केयर हाॅस्पिटल बनाने के लिए विद्याधर नगर में 8,342 वर्गमीटर भूमि आरक्षित दर के 25 प्रतिशत पर आवंटित करने का निर्णय लिया गया है। यहां 225 बेड के प्रस्तावित अस्पताल में भर्ती होने वाले ग्रामीण क्षेत्र के 80 प्रतिशत मरीजों का निःशुल्क इलाज किया जाएगा।

पंचकर्म चिकित्सा खर्च का पुनर्भरण

श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम, 2013 के नियम 4 में संशोधन कर राज्य कर्मचारियों को चिकित्सा खर्च के तहत पंचकर्म प्रक्रियाओं पर हुए खर्च का पुनर्भरण राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान द्वारा निर्धारित दरों पर किए जाने का निर्णय लिया गया।

तहसील राजस्व लेखाकार के लिए कम्प्यूटर की योग्यता अनिवार्य

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि मंत्रिमण्डल की बैठक में राजस्थान लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित कनिष्ठ लेखाकार एवं तहसील राजस्व लेखाकार की संयुक्त भर्ती परीक्षा के लिए तहसील राजस्व लेखाकार की योग्यता कनिष्ठ लेखाकार के समान करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत तहसील राजस्व लेखाकार पद पर भी अब स्नातक के साथ ‘ओ-लेवल‘ या आरएससीआईटी अथवा कम्प्यूटर में डिप्लोमा होने की योग्यता आवश्यक की गई है।

अनुसूचित क्षेत्र सेवा नियमों की आयु सीमा में संशोधन

उन्होंने बताया कि राजस्थान अनुसूचित क्षेत्र अधीनस्थ, लिपिक वर्गीय एवं चतुर्थ श्रेणी भर्ती सेवा नियम-2014 में संशोधन कर आयु सीमा अब अन्य सम्बन्धित सेवा नियमों के अनुरूप करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। वर्तमान में अनुसूचित क्षेत्र सेवा नियमों में आयु सीमा 18 से 35 वर्ष निर्धारित है।

जनता जल योजना फिर से पंचायती राज संस्थाओं को

श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में राजस्थान ग्रामीण पेयजल योजना-जनता जल योजना को पुनः पंचायती राज संस्थाओं को सौंपने का नीतिगत निर्णय लिया गया है।

जयपुर, 22 जनवरी 2016