शहरी निकायों के विकास का रोडमैप तैयार करें

श्रीमती वसुन्धरा राजे ने प्रदेश के शहरी निकायों के जनप्रतिनिधियों से अपने शहर एवं वार्ड के विकास का रोडमैप तैयार करने का सुझाव दिया है। उन्होंने आह्वान किया कि स्थानीय आवश्कताओं का रोडमैप बनने के बाद भी उसे लागू करने में जुट जाएं।

श्रीमती राजे सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में शहरी निकायों एवं बोर्डों के जनप्रतिनिधियों की कार्यशाला को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि यदि स्थानीय नगर पालिका, बोर्ड, निगम आदि योजना बनाकर काम करें, तो बहुत आसानी से शहर को साफ, स्वच्छ एवं सुंदर बनाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने निकायों के चेयरमेनों से अपील की कि वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढाने के लिए सभी पार्षदों के साथ हर वार्ड में बारी-बारी से सफाई करें। इससे सभी लोगों को अपने मोहल्ले, वार्ड तथा शहर को स्वच्छ रखने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि पार्कों के रख-रखाव, गलियों की सफाई, सड़कों की मरम्मत, शमशान घाट के पास हरियाली व शैड निर्माण आदि विकास कार्यों में बहुत अधिक खर्च नहीं लगता है। ऐसे कार्य प्राथमिकता से पूरे किए जाने चाहिए।

उदयपुर शहर को सुन्दर बनाने में आम जनता एवं जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र करते हुए श्रीमती राजे ने कहा कि उदयपुर शहर इसलिये भी सुंदर है, क्योंकि वहां विकास कार्यों में जन भागीदारी है। वहां नगर निगम ने कई चैराहों का निजी एवं स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी से सौन्दर्यकरण किया है। उन्होंने कहा कि दूसरी नगरपालिकाओं और निगमों के प्रतिनिधियों को उदयपुर तथा अन्य नवाचार वाले निकायों में जाकर वहां की सफलता की कहानियों को देखना चाहिए तथा उनसे सीखकर अपने यहां नवाचार लागू करना चाहिए।

उन्होंने सभी निकाय पदाधिकारियों तथा सदस्यों से उनके क्षेत्रों में किए गए कार्यों में छोटी-छोटी पुस्तिकाएं प्रकाशित कर उन्हें लोगों के बीच वितरित करना चाहिए। इससे जनता सरकार की उपलब्धियों के बारे में जान सकेगी तथा योजनाओं का लाभ ले सकेगी। उन्होंने इन उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार में आॅनलाइन साधनों का उपयोग करने का भी सुझाव दिया।

मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से कहा कि यदि वे जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरेंगे तथा लोगों के दुःख दर्द में काम आएंगे, उनके छोटे-छोटे काम समय पर पूरे करेंगे तो अगले चुनाव में उन्हें कोई नहीं हरा सकेगा। उन्होंने कहा कि यदि जनता ऐसे जनप्रतिनिधियों को फिर मौका देगी, तो इसका लाभ निश्चित रूप से पार्टी को भी होगा।

श्रीमती राजे ने इस बात पर जोर दिया कि बोर्ड बैठकें समय पर होनी चाहिए और इनमें लिए गए फैसलों पर अमल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तो निकायों का सहयोग कर ही रही है, लेकिन निकायों को भी अपने वित्तीय संसाधन जुटाने होंगे। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे अपनी संस्थाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करें, ताकि वे अपने क्षेत्र में अच्छे विकास कार्य करा सकें।

मुख्यमंत्री ने नगरीय विकास की दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस साल स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास विभाग के बजट में 6 हजार 642 करोड़ से अधिक का प्रावधान किया गया है। जयपुर एवं उदयपुर को स्मार्ट सिटी के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है। आरयूआईडीपी के चैथे फेज में 37 शहरों में जल वितरण, सीवरेज और ड्रेनेज सुविधाओं के विकास के लिए 4 हजार 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि गुणवत्तायुक्त विकास कार्य समय पर पूरा करने वाले निकायों को धन की कमी नहीं आने दी जाएगी।

इस अवसर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री अशोक परनामी, शहरी विकास मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत, भाजपा के राज्य प्रभारी श्री वी. सतीश, प्रदेश महासचिव श्री कुलदीप धनखड़ सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

जयपुर,18 अप्रेल 2016