मात्र 38 दिन में 22 लाख से अधिक राजस्व प्रकरणों का निस्तारण

न्याय आपके द्वार अभियान ने कायम किया नया रिकाॅर्ड

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर शुरू हुए राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार अभियान ने विवादों के निपटारे का रिकाॅर्ड कायम करते हुए 15 जून तक मात्र 38 दिन में कुल 22 लाख 21 हजार से अधिक प्रकरणों का निस्तारण किया है। यह संख्या बीते वर्ष के अभियान में निस्तारित कुल 21 लाख 20 हजार प्रकरणों से एक लाख प्रकरण अधिक है, जबकि अभियान के अभी 15 दिन शेष हैं।

गौरतलब है कि न्याय आपके द्वार अभियान के तहत आयोजित शिविरों में वर्ष 2015 एवं 2016 में अब तक करीब 40 लाख राजस्व संबंधी प्रकरण आपसी समझाइश से सुलझाए जा चुके हैं। इन दो सालों में प्रदेश की कुल 126 ग्राम पंचायतें वाद मुक्त हो चुकी हैं। राज्य में वर्ष 2015 से शुरू हुए इस अभियान के सार्थक परिणाम सामने आने के बाद इस बार फिर से 9 मई से शुरू हुआ अभियान 1 जुलाई तक चलेगा।

कम दिनों में अधिक प्रकरण निस्तारित

लोक अदालत की भावना के अनुरूप इस साल 9 मई से 15 जून तक लगाए गए शिविरों में 22 लाख 21 हजार 153 राजस्व संबंधी प्रकरणों का निस्तारण हो चुका है। आपसी समझाइश से निस्तारण किया गया है। इस साल अब तक 38 दिन में 6 हजार 809 कैम्प लगाकर बरसों पुराने ऐसे कई राजस्व प्रकरण हल किए गए हैं। वर्ष 2015 में 18 मई से 30 जुलाई तक राजस्व लोक अदालत अभियान में कुल 8 हजार 104 कैम्प लगाए गए थे, जिनमें 21 लाख 20 हजार से अधिक राजस्व प्रकरण निस्तारित किए गए थे।

रिश्तों में आई दरारें भी हो रहीं दूर

वर्ष 2015 में 61 पंचायतों को वाद मुक्त किया गया था, जबकि इस साल 15 जून तक 78 पंचायतें वाद मुक्त हो चुकी हैं। इस साल पाली एवं झालावाड़ की 19, चित्तौड़गढ़ की 9, चूरू की 7, करौली की 5, टोंक, उदयपुर और जोधपुर की 3, नागौर, अलवर, भीलवाड़ा तथा सवाई माधोपुर की 2-2 तथा धौलपुर एवं अजमेर की एक पंचायत वाद मुक्त बनी हैं। निस्तारित किए गए प्रकरणों में कई ऐसे थे जो भाई-भाई के बीच विवाद की वजह थे या जिनकी वजह से एक गांव से दूसरे गांव के बीच रास्ते का विवाद बड़ा रूप ले सकता था। ये शिविर न केवल राजस्व अदालतों के लंबित प्रकरणों के बोझ को कम कर रहे हैं, बल्कि रिश्तों में आई दरारों को पाटने का जरिया भी साबित हो रहे हैं।

रोज सुलझ रहे 58 हजार से अधिक प्रकरण

अभियान के तहत आयोजित किए जा रहे शिविरों में बरसों पुराने राजस्व प्रकरणों का निस्तारण कर राहत पहुंचाई गई है। इनमें राजस्व अभिलेख में दुरूस्ती के 5 लाख 59 हजार 594, खाता विभाजन के 50 हजार 535, खातेदारी अधिकार के 17 हजार 174, इजराय के 48 हजार 692, नामान्तरकरण के 4 लाख 49 हजार 448, राजस्व नकल के 6 लाख 89 हजार 588, रास्ते के 4517, सहित अन्य प्रकरण शामिल हैं। इस तरह प्रतिदिन औसतन 58 हजार 451 से अधिक मामले सुलझ रहे हैं और राजस्व अदालतों पर लंबित मामलों का बोझ भी कम हो रहा है।

जयपुर, 16 जून 2016