राज्य के किसानों को राहत देने के लिए मदद मांगी

ओलावृष्टि एवं बेमौसमी बारिश से रबी की फसलों को हुए व्यापक नुकसान को देखते हुए राज्य के किसानों को राहत दिलाने के लिए मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने मांग की है कि नाबार्ड द्वारा राज्य के जिला सहकारी बैंकों के लिए री-फाइनेंस की दर 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत की जाए।

उल्लेखनीय है कि नाबार्ड द्वारा घोषित लघु अवधि ऋण नीति में किसानों को दिए जाने वाले फसली ऋणों के लिए राज्यों के जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों की री-फाइनेंस की दर 50 से घटाकर 40 प्रतिशत कर दी है।

श्रीमती राजे ने अपने पत्र में कहा है कि वर्ष 2014-15 के लिए नाबार्ड ने जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों को 50 प्रतिशत री-फाइनेंस की दरों पर ऋण देने की स्वीकृति दी थी। इस अवधि में नाबार्ड ने राजस्थान के सहकारी बैकों को 8 हजार करोड़ रुपये दिए, जिसके चलते सहकारी बैंकों ने राज्य के लगभग 30 लाख किसानों को 16 हजार करोड़ रुपये के लघु अवधि ऋण वितरित किए हैं। अब नाबार्ड द्वारा री-फाइनेंस की दर घटाकर 40 प्रतिशत करने से राज्य के जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक गम्भीर वित्तीय संकट में पड़ जाएंगे और उनकी क्षमता प्रभावित होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष फरवरी-मार्च में भारी बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को भारी नुकसान होने के कारण राज्य के किसान लघु अवधि के ऋण चुकाने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। इस कारण जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों पर भी दबाव है और उनकी वित्तीय स्थिति कमजोर हो गई है। इसलिए उन्होंने वर्ष 2014-15 के लिए नाबार्ड की री-फाइनेंस की दर 50 प्रतिशत ही रखने का आग्रह किया है।

श्रीमती राजे ने मांग की कि वर्ष 2015-16 के लिए लघु अवधि फसली ऋणों के लिए री-फाइनेंस की दर 60 प्रतिशत रखी जाए ताकि किसानों को विपरीत प्राकृतिक परिस्थितियों में राहत दी जा सके।

जयपुर, 16 जून 2015