खनन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाएं

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राज्य की नई खनिज नीति में खनिज आधारित उद्योगों के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाने के प्रावधान होने चाहिए। उन्होंने कहा कि कोटा स्टोन, चेजा पत्थर सहित माइनर खनिजों के छोटे एवं स्थानीय उद्यमियों के हितों का भी संरक्षण किया जाना चाहिए।

श्रीमती राजे गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर खान विभाग की बजट घोषणाओं की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने नई खनिज नीति के प्रारूप को सैद्धांतिक स्वीकृृति भी दी। खान एवं पेट्रोलियम विभाग शीघ्र ही यह प्रारूप जारी करेगा।

बैठक में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों के कारण राज्य में हजारों खानों के बंद हो जाने की स्थिति पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विषय में केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखकर खानों को बंद करने की समय सीमा बढ़ाने का आग्रह किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि खान एवं पेट्रोलियम, वन एवं पर्यावरण तथा राजस्व विभाग मिलकर वन, खनन और चारागाह क्षेत्रों का निर्धारण करें और इन क्षेत्रों की डिजिटल मैपिंग करवाने के साथ-साथ सीमांकन करें, ताकि अतिक्रमण से बचा जा सके।

श्रीमती राजे ने लिग्नाइट की खानों से प्राप्त उत्पादों का संवर्द्धन, पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन के लिए नये लाइसेंस, तेल रिफाइनरी की स्थिति, विभिन्न न्यायालयों में लंबित खनिज संबंधी प्रकरणों के त्वरित निस्तारण पर भी चर्चा की।

बैठक में वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री राजकुमार रिणवा, मुख्य सचिव श्री सीएस राजन, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री पी.एस. मेहरा, प्रमुख शासन सचिव खान एवं पेट्रोलियम श्री अशोक सिंघवी, आयोजना सचिव श्री अखिल अरोड़ा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 28 मई 2015