निःशुल्क दवा योजना की नियमित माॅनिटरिंग जरूरी

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना की नियमित माॅनिटरिंग करने एवं मरीजों को सूचीबद्ध दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निजी अस्पतालों द्वारा गरीबों का निशुल्क इलाज करने के नियमों को सख्ती से लागू करने के भी निर्देश दिए।

श्रीमती राजे सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग की बजट घोषणाओं की क्रियान्विति की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि निःशुल्क दवा योजना की क्रियान्विति के संबंध में षिकायतें मिल रही हैं, जिनका तुरन्त समाधान किया जाना चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से ऐसे निजी अस्पतालों की सूची तैयार करने को कहा जिनको निःषुल्क या सस्ती दरों पर जमीन आवंटित हुई है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसे अस्पताल आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के निःषुल्क इलाज में आना-कानी करते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाए।

चिकित्सकों की कमी का खोजा जायेगा प्रभावी समाधान

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य के सभी बड़े अस्पतालों में साफ-सफाई, रख-रखाव और सुरक्षा सम्बन्धी कार्याें का प्रबन्धन किसी एक एजेन्सी को देने की सम्भावना तलाशने और योजना बनाने के निर्देश दिए। बैठक में प्रदेश के सभी मेडिकल काॅलेज अस्पतालों और जिला स्तर के अन्य अस्पतालों सहित सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों मेें वरिष्ठ चिकित्सकों की कमी का प्रभावी समाधान खोजने पर गम्भीर चर्चा हुई। चिकित्सा मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने सेवानिवृत्ति की आयु सीमा बढ़ाने और सेवानिवृत्त सीनियर डाॅक्टरों को फिर से नियुक्ति देने के विकल्प पर विचार करने का आग्रह किया। श्रीमती राजे ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया।

प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री जे.सी. महान्ति ने विभाग के प्रस्तुतीकरण में सवाई मानसिंह अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण, नए मेडिकल काॅलेज और कैंसर के इलाज के लिए अस्पतालों की स्थापना की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने नए मेडिकल काॅलेजों में स्टाॅफ की भर्ती के लिए एक अलग भर्ती बोर्ड बनाने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने सवाई मानसिंह अस्पताल में बहुमंजिला काॅटेज वार्ड बनाने के प्रस्ताव पर प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने बीकानेर में मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल के लिए स्थानीय दानदाताओं की मदद लेने की संभावना तलाषने के लिए कहा।

श्रीमती राजे ने स्वास्थ्य बीमा योजना को केन्द्र सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के साथ जोड़ने, अस्पतालों के अन्दर और आस-पास साफ सफाई सुनिश्चित करने व अतिक्रमण हटाने, हैल्थ रूट स्कीम, एम्बूलेंस सेवाओं के एकीकरण, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के पीपीपी मोड पर संचालन, कुपोषण से पीडि़त बच्चों के इलाज की माॅनिटरिंग के भी निर्देष दिए।

सैनिक कल्याण विभाग की प्रगति की समीक्षा की

मुख्यमंत्री ने सैनिक कल्याण विभाग की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने सैनिकों के परिजनों की समस्याओं के समाधान के लिए स्थापित राज्य सरकार के काॅल सेन्टर के बारे में व्यापक प्रचार करने के निर्देष दिए। उन्होंने पूर्व सैनिकों के लिए प्रस्तावित आवासीय योजना को अर्फोडेबल हाउसिंग योजना से जोड़ने एवं रक्षा सेवाओं में भर्ती के लिए युवाओं की तैयारी के लिए प्रस्तावित प्रषिक्षण संस्थान के पीपीपी मोड पर संचालन की संभावना तलाषने के भी निर्देष दिए।

बैठकों में सैनिक कल्याण विभाग के मंत्री श्री कालीचरण सराफ, प्रमुख शासन सचिव (वित्त) श्री पी.एस. मेहरा, निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री नवीन जैन, सचिव सैनिक कल्याण श्री आलोक, सचिव आयोजना श्री अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री नीरज के. पवन, निदेशक सैनिक कल्याण विभाग सहित विभिन्न वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 18 मई 2015