योग को पूरे प्रदेश में प्रोत्साहित किया जायेगा

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राज्य सरकार पूरे प्रदेश में योग को प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने कहा कि योग-ध्यान की विभिन्न क्रियाओं से न केवल शारीरिक और आत्मिक शान्ति मिलती है, बल्कि व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

श्रीमती राजे ने शनिवार को अपने मंत्रिमण्डल के सहयोगियों, सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों एवं राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ’इनर इन्जीनियरिंग – टेक्नोलॉजीज फॉर वेलबीइंग’ शिविर के दूसरे एवं अंतिम दिन यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर है जब प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि, विधायक, सांसद तथा अधिकारी एक साथ मिलकर योग शिविर में भागीदारी कर शाम्भवी महामुद्रा आदि योग क्रियाओं का अभ्यास किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दो दिन के इस समागम के बाद जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के बीच आपसी समन्वय का भाव बढ़ेगा और वे तनाव मुक्त रहकर अधिक मनोयोग से प्रदेश की तरक्की एवं खुशहाली में योगदान कर सकेंगे। उन्हांने कहा कि योग अभ्यास करने वाले व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वह समाज और देश के प्रति समर्पित होकर कार्य कर सकता है।

राज्य सरकार एवं ईशा फाउण्डेशन की ओर से सीतापुरा स्थित जयपुर एग्जीबिशन एण्ड कन्वेंशन सेंटर में सद्गुरू श्री जग्गी वासुदेव जी ने प्रतिभागियों को शाम्भवी महामुद्रा सहित विभिन्न योग क्रियाओं का अभ्यास करवाया। यह श्री वासुदेव की सबसे लोकप्रिय योग क्रिया है।

’इनर इन्जीनियरिंग – टेक्नोलॉजीज फॉर वेलबीइंग’ शिविर में सद्गुरू ने योगा की उत्पत्ति विषय पर एक फिल्म दिखाई। उन्होंने प्रतिभागियों को योग साधना में सांसो का महत्व समझाया। सामूहिक कीर्तन करवाया तथा उप योग आदि क्रियाओं का अभ्यास करवाया, जिनसे वे अपने अंदर संतुलन व सुख का अनुभव कर सकें।

इस दौरान सद्गुरू ने कहा कि यदि सभी प्रतिभागी जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी इस क्रिया का नियमित अभ्यास करेंगे, तो राजस्थान अधिक तेज गति से विकसित एवं समृद्ध बन सकेगा। शाम्भवी महामुद्रा में शरीर, मन, भावनाओं व ऊर्जा के उचित प्रबन्धन द्वारा एक शक्तिशाली व सहज जीवन जीने के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है।

दो दिवसीय शिविर में राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्य, सांसदों, विधायकों, मुख्य सचिव, जयपुर में पदस्थापित आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, आरएएस एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

उल्लेखनीय है कि योगी, रहस्यदर्शी और युगदृष्टा सद्गुरू श्री वासुदेव एक लेखक, कवि और विश्वविख्यात वक्ता हैं। उन्हें भारत के 50 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में शामिल किया जा चुका है। सद्गुरू ने संयुक्त राष्ट्र और विश्व आर्थिक मंच जैसे कई प्रमुख मंचों से लोगों को सम्बोधित किया है। वे ईशा फाउण्डेशन के संस्थापक भी हैं, जिसके दुनियाभर में 30 लाख से ज्यादा स्वयंसेवी हैं।

ईशा फाउण्डेशन के कार्यक्रम दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने आईएएस अफसरों की इन-सर्विस ट्रेनिंग की सूची में ’इनर इंजीनियरिंग’ को शामिल किया है। ईशा फाउण्डेशन आयुष मंत्रालय की उस टास्क फोर्स का भी हिस्सा है, जो अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर योग के प्रचार-प्रसार की दिशा में कार्यरत है। यह फाउण्डेशन इस वर्ष पूरे देश में 30 हजार से अधिक स्कूलों में करीब डेढ़ करोड़ विद्यार्थियों तक योग अभ्यास पहुंचाने का कार्य कर रही है।

जयपुर, 21 मई 2016