ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिए 72 हजार 750 करोड़ की अतिरिक्त मदद मिले

पेयजल के लिए 1 लाख 50 हजार करोड़ का पैकेज देने का किया आग्रह

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने मंगलवार शाम नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के दौरान राज्य के समग्र विकास एवं पेयजल समस्या से जुड़े मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया।

श्रीमती राजे ने प्रधानमंत्री को राजस्थान की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और भू-जल एवं सतही जल की चिंताजनक स्थिति से अवगत कराते हुए आग्रह किया कि केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या से निपटने के लिए आगामी 10 वर्षों के लिए 1 लाख 50 हजार करोड़ रूपये की विशेष सहायता दी जाए। उन्होंने ‘राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम’ के अन्तर्गत राजस्थान को प्रतिवर्ष 7,275 करोड़ रूपये के हिसाब से दस वर्षों के लिए 72 हजार 750 करोड़ रूपये की अतिरिक्त मदद देने का भी आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने गुजरात की साबरमती नदी के जल को राज्य की ‘सेइ पिक-अप बांध’ से होते हुए जवाई बांध तक पहुंचाने की परियोजना को राष्ट्रीय स्तर की परियोजना घोषित करने का आग्रह करते हुए इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट एवं निरीक्षण के लिए 12.29 करोड़ रूपये जारी करने की मांग रखी। उन्होनें बताया कि परियोजना पर करीब 2930 करोड़ रूपये खर्च होने की संभावना है।

श्रीमती राजे ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि पार्वती-काली सिंध नदियों के अधिशेष जल को चम्बल बेसिन के माध्यम से बनास एवं गंभीरी नदियों में पहुंचाकर धौलपुर जिले तक ले जाने से संबंधित परियोजना को भी राष्ट्रीय स्तर की परियोजना घोषित कर इसके पूर्ण सर्वेक्षण, निरीक्षण एवं डी.पी.आर आदि के लिए 110.63 करोड़ रूपये उपलब्ध कराए जाए।

जैसलमेर से भाबर तक रेल-लिंक निर्माण की अनुमति मिले

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से जैसलमेर से भाबर तक 338 किलोमीटर के रेल लिंक के विकास के लिए अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होने बताया कि जैसलमेर से कांडला तक रेल लिंक को पूर्ण करने के लिए उक्त रेल लाइन का निर्माण आवश्यक है, क्योंकि अभी तक भाबर से कांडला तक ही रेल लाईन है। इस लाईन के बनने से जैसलमेर को सीधा मुद्रा बंदरगाह से जोड़ना संभव हो पाएगा। उन्होने इस रेल लिंक की उपयोगता बताते हुए बताया कि जैसलमेर में राजस्थान के ज्यादातर सीमेंट प्लांट्स हैं। वहीं बाड़मेर जिले में आॅयल रिफाइनरी की स्थापना भी होने वाली है। साथ ही इस क्षेत्रा के लोगों को पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए यहाँ पर विलवणीकरण प्लांट प्रस्तावित है। इसके लिए इस रेल लिंक से समुद्र के पानी को रेल अथवा पाइप लाइन से लाने की योजना है।

लम्बित परियोजनाओं के लिए मदद का आग्रह

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य की केंद्र में लम्बित महत्वपूर्ण परियोजनाओं की जानकारी भी दी और इन योजनाओं के लिए केंद्र से वांछित मदद दिलवाने का आग्रह किया। मुलाकात के दौरान श्रीमती राजे ने प्रधानमंत्री से जैसलमेर में गोडावण का प्रजनन केन्द्र एवं उसकी कार्य योजना, प्रतापगढ़ जिले में ‘महाराणा प्रताप आम्र्ड बटालियन’ बनाने,’’इंस्टीयूट्स आॅफ काउंटर टेरिरिज्म एण्ड एन्टी इन्सरजैंसी की स्थापना के लिए 50 करोड़ रूपये की सहायता और राजस्थान में पर्यटन एवं हैरीटेज उन्नयन के लिए 250 करोड़ रूपये की सहायता दिलवाने का आग्रह भी प्रधानमंत्री से किया।

श्रीमती राजे ने ‘अमृत मिशन’ के अन्तर्गत सरदार शहर, मकराना, बाड़मेर, बांसवाड़ा एवं करौली को शामिल करने का आग्रह भी किया। साथ ही वन भूमि पर राज्य सरकार की ‘‘सामान्य अनुमति’’ शक्ति को बढ़ाने तथा वन भूमि क्षेत्रों में गैस स्टेशन एवं पेट्रोल पम्प स्थापना के कार्य को ‘सामान्य अनुमति’ प्रक्रिया के तहत शामिल करके राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्रा को मजबूत करने का आग्रह भी किया ताकि इन पिछड़े इलाकों में विकास कार्य गति पकड़ सकें।

राज्य सरकार की उपलब्धियों की दी जानकारी

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार के जनकल्याणकारी कार्यों एवं उपलब्धियों की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के वित्तीय सशक्तिकरण की देश में अपने ढंग की अभिनव भामाशाह योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। इसी प्रकार अन्नपूर्णा योजना, आरोग्य राज एवं स्वास्थ्य बीमा, जल अभियान, आदर्श विद्यालय एवं गौरवपथ जैसी योजनाओं के साथ सार्वजनिक निर्माण, पर्यटन, कौशल विकास एवं श्रम नियोजन, उद्योग, कृषि एवं नगरीय विकास विभाग आदि से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं की क्रियान्विति के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि इनमें से कई योजनाएं देशभर में सराही गई हैं और माॅडल बनी हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को राजस्थान सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही भारत सरकार की फ्लेगशिप योजनाओं की प्रगति से भी अवगत करवाया।

जयपुर/नई दिल्ली, 27 अक्टूबर 2015