छोटे-छोटे कदम आगे बढ़ाकर राजस्थान आज कौशल विकास में सिरमौर बना

विश्व युवा कौशल दिवस की पूर्व संध्या

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि 2004 में हमने राजस्थान के युवाओं को रोजगार कुशल बनाने के लिए आरमोल की शुरूआत 4 करोड़ के साथ की थी आज कौशल विकास का बजट 1100 करोड़ तक पहुंच गया है और हमारे लाखों युवा विश्व स्तरीय कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर अच्छे रोजगार पर लग चुके हैं। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे कदम आगे बढ़ाकर राजस्थान लगातार तीन बार कौशल विकास में पूरे देश में सिरमौर बनकर गोल्ड मैडल जीत चुका है।

श्रीमती राजे शनिवार को रविन्द्र मंच सभागार में विश्व युवा कौशल दिवस की पूर्व संध्या पर कौशल विकास में आयाम स्थापित करने वाले युवाओं को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे अपने अंदर छिपी हुई स्किल को प्रशिक्षण के माध्यम से निखारें और दुनिया में अपना परचम लहरायें। राज्य सरकार युवाओं के कौशल को निखारने के लिए अपने पूरे प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था जब राजस्थान को सूचना प्रौद्योगिकी में पिछड़ा हुआ माना जाता था, लेकिन आज आईटी सेक्टर में राजस्थान इतना आगे बढ़ गया है कि कर्नाटक जैसे आईटी के हब माने जाने वाले राज्य ने राजस्थान को कंसल्टेंट बनाया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान को इस साल पूरे देश में सबसे बेस्ट आईटी स्टेट चुना गया है। उन्होंने युवाओं से कहा कि आईटी के क्षेत्र में जो मौके हैं उनका भरपूर इस्तेमाल करें। राज्य सरकार ने आईटी के लिए अलग से फण्ड का प्रावधान भी किया है।

श्रीमती राजे ने कहा कि 25 से 27 जुलाई तक बीकानेर में आयोजित होने वाले आईटी जॉब फेयर में दुनिया की बेहतरीन कम्पनियां आएंगी और युवाओं को मौका देंगी। राजस्थान के युवाओं में क्षमता है। जरूरत सिर्फ उस क्षमता की पहचान करने की है। उन्होंने कहा कि कौशल एवं उद्योग दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। इसीलिए हमने यह तय किया है कि राजस्थान के युवाओं को जो इण्डस्ट्री जितने ज्यादा रोजगार देगी उतनी ही उसे विशेष सब्सिडी मिलेगी। हमारे युवा स्किल्ड हों और मार्केट में उनकी डिमाण्ड बढे़ इसके लिए राज्य सरकार ने पिछले चाल साल में कई पहल की हैं। राजस्थान पहला राज्य है जिसने एक सरकारी और एक निजी क्षेत्र में कौशल विश्वविद्यालय खोला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा मकसद यही है कि हर हाथ कुशल बने और हर हाथ को रोजगार मिले। आरएसएलडीसी के माध्यम से संचालित प्रशिक्षण केन्द्रों एवं आईटीआई से निकले करीब 13 लाख युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार मिला है। सिंगापुर के साथ मिलकर हमने उदयपुर में उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया है, जिसमें पहले साल 400 युवा रोजगार कुशल बनेंगे। उन्होंने कहा कि पचपदरा में स्थापित हो रही रिफाइनरी में भी स्किल डवलपमेंट ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जायेगा, ताकि रिफाइनरी के लिए प्रशिक्षित युवा उपलब्ध हो सके और युवाओं को रोजगार मिल सके।

मुख्यमंत्री ने ट्रांस जेण्डर नेहा एवं प्रकाश को स्टेज पर बुलाकर युवाओं को कौशल प्रशिक्षण के क्षेत्र में राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए उन्हें बधाई दी और उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान पहला राज्य बन गया है जिसने ट्रांस जेण्डर को भी कौशल प्रशिक्षण की मुहिम में शामिल किया है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री श्री जसवंत यादव ने कहा कि हमारे नौजवानों को हुनरमंद बनाने के मुख्यमंत्री के विजन से आज राजस्थान प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि युवाओं को कुशल बनाने में उनका विभाग कोई कमी नहीं रखेगा। उद्योग मंत्री श्री राजपाल सिंह ने कहा कि हमारे युवाओं को आज कुशल मानव संसाधन में बदलने की जरूरत है और इसे ध्यान में रखकर ही मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने 2004 में ही स्किल डवलपमेंट पर काम शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित युवा एवं निवेश के अनुकूल माहौल के कारण राजस्थान में पिछले चार साल में 3 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश आया है। अकेले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों में 3 लाख 66 हजार से ज्यादा कम्पनियां रजिस्टर हुई हैं।

कार्यक्रम के दौरान कौशल विकास के क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल कर दूसरों के लिए उदाहरण बने स्किल आईकॉन, स्किल एम्बेसेडर एवं अखिल भारतीय कौशल परीक्षा में उच्च स्थान प्राप्त करने वाले युवाओं को स्मृति चिन्ह एवं सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने आरएसएलडीसी के न्यूज लैटर एवं सफलता की कहानियों की किताब का भी विमोचन किया। उन्होंने राजस्थान आईएलडी स्किल यूनिवर्सिटी की वेबसाइट भी लॉन्च की।

इस अवसर पर कौशल विकास सचिव श्री राजेश यादव, स्किल युनिवर्सिटी के वीसी श्री ललित के. पंवार, आरएसएलडीसी के एमडी श्री निकेया गोहेन एवं सीआईआई राजस्थान के चैयरमैन श्री अनिल साबू भी उपस्थित थे।

जयपुर, 14 जुलाई 2018