हमारे प्रयासों से राज्य पर रिफाइनरी का वित्तीय भार दो-तिहाई घटा शीघ्र होगा नया एमओयू

मुख्यमंत्री का राजस्थान विनियोग विधेयक पर जवाब

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने बाड़मेर में रिफाइनरी के लिए बिना सोच-विचार किए एमओयू किया था, जबकि हमारी सरकार ने प्रदेश के हितों के साथ कोई समझौता मंजूर नहीं किया। हमारे प्रयासों से ही एचपीसीएल को अपने पुराने प्रस्ताव को बदलना पड़ा। उन्होंने कहा कि हमारी ओर से किए गए रि-नेगोशिएशन का ही परिणाम है कि राज्य पर रिफाइनरी की स्थापना से पड़ने वाला वित्तीय भार परियोजना की लागत बढ़ने के बावजूद करीब दो-तिहाई घटकर अब 20 हजार 583 करोड़ रुपये रह गया है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही एचपीसीएल के नये प्रस्ताव के मुताबिक रिफाइनरी के लिए एमओयू किया जायेगा।

श्रीमती राजे गुरुवार को विधानसभा में राजस्थान विनियोग विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब दे रही थीं। मुख्यमंत्री के जवाब के बाद राजस्थान विनियोग विधेयक एवं वित्त विधेयक 2017 को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।

एनएचएआई के माध्यम से शीघ्र पूरी करेंगे रिंग रोड

मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने जयपुर शहर की रिंग रोड परियोजना को एनएचएआई के माध्यम से शीघ्र पूर्ण करवाने पर अपनी सहमति दी है। उन्होंने कहा कि अब जमीनी स्तर पर रिंग रोड परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ेगा।

श्रीमती राजे ने कहा कि जयपुर शहर के लिए रिंग रोड की परियोजना हमने हमारे पूर्व कार्यकाल में बनायी थी। हमारी सरकार की मंशा डीपीआर बनाकर कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने की थी। परन्तु पिछली सरकार के प्रयासों में कमी के कारण रिंग रोड निर्माण के लिए कार्यादेश देने के उपरान्त भी इस परियोजना पर समयबद्ध रूप से काम नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने पर हमने इसे प्राथमिकता पर लेते हुए परियोजना में आ रही बाधाओं को दूर किया और प्रभावित काश्तकारों को पूर्ण रूप से संतुष्ट करते हुए गति प्रदान की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा एचपीसीएल के साथ किए गए एमओयू के मुताबिक राज्य सरकार को 15 वर्ष तक प्रतिवर्ष ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 3 हजार 736 करोड़ रुपये देने पड़ते, जो हमारे रि-नेगोशिएशन से अब मात्र 1 हजार 123 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष ही रह गया है। इस तरह अब हमारे प्रयासों से 15 वर्षों में ब्याज मुक्त ऋण के रूप में दी जाने वाली राशि 56 हजार 40 करोड़ रुपये से घटकर 16 हजार 845 करोड़ रुपये ही रह गई है। इसी प्रकार पिछली सरकार ने रिफाइनरी में 26 प्रतिशत इक्विटी के रूप में 3871 करोड़ देना तय किया था। नये प्रस्ताव में यह राशि भी घटकर 3738 करोड़ रह गई है।

पिछली सरकार की तुलना में बढ़ाया पूंजीगत खर्च

श्रीमती राजे ने हाल ही सदन में प्रस्तुत सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि विरासत में मिली विषम आर्थिक स्थिति के बावजूद हमारी सरकार ने परिसम्पत्तियों के सृजन पर पिछली सरकार के कार्यकाल की तुलना में अधिक पूंजीगत खर्च किया है। हमारी सरकार ने वर्ष 2015-16 तक ही पिछली सरकार के अन्तिम तीन वित्तीय वर्षो की तुलना में 6 हजार 623 करोड़ रूपये अधिक पूंजीगत व्यय किया है।

विकास पर व्यय देश के औसत से अधिक

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विकास एवं आर्थिक क्षेत्र पर व्यय का औसत देश के औसत से करीब 8 फीसदी अधिक है। प्रदेश में सामान्य श्रेणी के राज्यों की तुलना में विकास पर औसत खर्च करीब 10 प्रतिशत अधिक एवं आर्थिक क्षेत्र में खर्च करीब 16 प्रतिशत अधिक है, जो प्रदेश के लिए हमारे कमिटमेंट को दर्शाता है। उन्होंने इसकी तथ्यात्मक जानकारी सदन के पटल पर रखी।

इन श्रेणियों में राजस्थान का व्यय राष्ट्रीय औसत से अधिक :-

राज्य की राजकोषीय प्राथमिकताTotal Exp/ GSDPDevelopmental Exp / Total ExpEconomic Sector Exp / Total Exp
राजस्थान का औसत (अनुपात) 2015-1624.45%80.92%50.87%
सामान्य श्रेणी के राज्यों का औसत (अनुपात) 2015-1616.05%70.63%34.34%

आधुनिक, खुशहाल और मुस्कुराते राजस्थान के निर्माण का संकल्प है बजट

श्रीमती राजे ने कहा कि हमारी सरकार एक ऐसे राजस्थान का निर्माण कर रही है, जो अपनी गौरवशाली परम्परा और स्वाभिमान पर गर्व करते हुए आधुनिक एवं विकसित भविष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। विकास के लिए आधुनिकता और आधुनिकता के लिए विकास जरूरी है इसलिए हमने आधुनिकता को गांवों तक पहुंचाने का काम हाथ में लेते हुए स्मार्ट विलेज बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता सिर्फ मोबाइल एवं कम्प्यूटर से जुड़ने से नहीं आती, आधुनिकता एक विचार है। इसके लिए लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारा यह बजट आधुनिक, खुशहाल और मुस्कुराते राजस्थान के निर्माण का संकल्प है।

नये राजस्थान को नये भारत से जोड़ने का प्रयास

श्रीमती राजे ने कहा कि पिछले तीन वर्ष में प्रदेश में सर्व-समावेशी विकास के लिए हमारी सरकार ने जो कदम उठाये हैं वे नये राजस्थान को नये भारत के साथ जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार संविधान की प्रस्तावना में शामिल न्याय, समानता, स्वतन्त्रता और बन्धुत्व के मूलभूत सिद्धान्तों के अनुरूप काम करते हुए प्रदेश के विकास के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अलावा न्याय आपके द्वार अभियान, पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जनकल्याण पंचायत शिविर, शहरी क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री शहरी जनकल्याण शिविर एवं पूरे प्रदेश में निःशक्तजनों के लिए शिविर आयोजित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने जैतारण में राजकीय महाविद्यालय को स्नातकोत्तर महाविद्यालय में क्रमोन्नत करने की घोषणा भी की।
श्रीमती राजे ने इन पंक्तियों के साथ अपने भाषण को विराम दिया-

आओ एक नई सोच के साथ, हम आगे कदम बढ़ाएं,
हौंसलों से अपने सपनों की ऊंचाइयां, छू कर दिखाएं,
आज आप और हम मिलकर, एक संकल्प लें ऐसा,
कि राजस्थान को तरक्की के शिखर पर पहुंचाएं।

जयपुर, 30 मार्च 2017