Brief description of the launched JDA Projects

1. द्रव्यवती नदी कायाकल्प परियोजना

– नाहरगढ की तलहटी के जैसल्या गांव से ढूंढ नदी तक लगभग 47 किमी. लम्बी द्रव्यवती नदी पिछले करीब 100 सालों में एक नाले के रूप में तब्दील हो गई है। विभिन्न स्थानों पर आसपास के इलाकों से प्रदूशित पानी, कचरा, मलबा इत्यादि ने इस नदी को व्यापक पैमाने पर खराब कर दिया है। जयपुर विकास प्रधिकरण द्वारा द्रव्यवती नदी को एक नया रूप दने के लिए मैसर्स टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड एवं शंघाई अरबन कन्सट्रशन ग्रुप के कन्सोर्टियम को 1676 करोड रूपए की लागत से इस प्रोजेक्ट को अक्टूबर, 2018 तक पूरा करने का समय दिया है। प्रोजेक्ट पूरा होने के पश्चात् 10 साल तक इस प्रोजेक्ट का रख-रखाव करने की जिम्मेदारी भी इसी समूह की होगी।इस प्रोजेक्ट के तहत 170 एमएलडी दूशित जल के परिशोधन के साथ-साथ 100 से भी अधिक जगह फाल स्ट्रक्चर्स का निर्माण कर इस चैनल में पूरे वर्ष भर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। परियोजना के तहत लगभग 16000 पेडों के वृक्षारोपण के साथ 65000 वर्गमीटर हरित क्षेत्र का विकास भी किया जाएगा। इस कार्य के लिए 24 करोड रूपए की राशि का मोबलाईजेशन एडवांस जेडीए द्वारा दिया जा चुका है। साथ ही सेवापुरा एवं मथुरादासपुरा में मलबे को डालने के लिए जगह उपलब्ध करवाई जा चुकी है। मजार डेम केे पास किशनबाग, सुशीलपुरा, देवरी, झालाना चैड़, सांगानेर में सांगा सेतु के पास, बम्बाला, डेलावास एवं जिरोता गांव में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान्ट, बैच मिक्स प्लान्ट, ऑफिस एवं स्टोर के लिए आवश्यक जमीन भी उपलब्ध करवाई जा चुकी है। परियोजना से संबंधित एनवायरमेंट क्लीयरेंस 1 जुलाई, 2016 को प्राप्त की जा चुकी है।

2.एलआईसी भवन, भवानी सिंह मार्ग से सोडाला तक एलीवेटेड रोड

– लगातार बढते हुए यातायात के कारण हो रहे कंजेशन से राहत देने हेतु बनायी जा रही इस 2.8 किमी. लम्बी एलीवेटेड रोड के निर्माण पर लगभग 200 करोड रूपए की राशि का व्यय होगा। इस कार्य हेतु मैसर्स सिमप्लेक्स इन्फ्रा लिमिटेड को 4 जुलाई 2016 को कार्यादेश दिया जा चुका है। इस एलीवेटेड रोड के बनने के पश्चात् अम्बेडकर सर्किल से श्याम नगर मण्डी तक तक बिना किसी रेड लाईट या क्रॉसिंग के ट्रेफिक जा सकेगा। इस एलीवेटेड रोड पर जाने व आने हेतु 2-2 लेन का निर्माण किया जाएगा। इस एलीवेटेड रोड पर अक्टूबर, 2018 तक ट्रैफिक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है।

3. आर.ओ.बी. सीतापुरा

– टोंक रोड से सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र के लिए आगरा रोड की तरफ आने एवं जाने वाले यातायात को जयपुर-सवाई माधोपुर रेल्वे लाईन पर बार-बार रेल्वे फाटक बन्द होने के कारण हो रही असुविधा से निजात दिलाने के लिए इस आरओबी के निर्माण का कार्य हाथ में लिया गया है। जेडीए द्वारा बनाया जाने वाला 6 लेन का यह पहला आरओबी होगा। इस कार्य पर 87 करोड रूपए की राशि का व्यय किया जाएगा। 990 मीटर लम्बाई के इस आरओबी का कार्य मई 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस आरओबी के निर्माण पर होने वाले व्यय में लगभग 15 करोड रूपए की राशि रेल्वे द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी।

4. आर.ओ.बी. दांतली

– जयपुर से गोनेर जाने एवं आने वाले यातायात को जयपुर दिल्ली रेल्वे मार्ग पर फाटक संख्या 211 पर बार-बार रेल्वे फाटक बन्द होने के कारण असुविधा का सामना करना पडता है। इस समस्या के समाधान के लिए बनाए जा रहे इस आरओबी के निर्माण पर 72 करोड रूपए की राशि व्यय कर किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को जुलाई 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। 900 मीटर लम्बे इस आरओबी के निर्माण पर होने वाले व्यय में लगभग 20 करोड रूपए की राशि रेल्वे द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी।

5. आर.ओ.बी. जाहोता

– जयपुर शहर को कालाडेरा औद्योगिक क्षेत्र से जोडने वाली सडक पर जयपुर सीकर रेल्वे लाईन पर स्थित रेल्वे क्राॅसिंग पर बार-बार फाटक बन्द होने के कारण हो रही समस्या से निजात दिलाने के लिए 55 करोड रूपए की राशि व्यय कर लगभग 785 मीटर लम्बे इस आरओबी का निर्माण करवाया जाएगा। 4 लेन के इस आरओबी का निर्माण नवम्बर, 2017 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

6. इन्जीनियरिंग स्टाफ ट्रेनिंग इन्सटीट्यूट (ईएसटीआई)

– सार्वजनिक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के इंजीनियरों एवं तकनीकी स्टाफ के प्रशिक्षण हेतु स्थापित इंजीनियरिंग स्टाफ ट्रेनिंग इन्सटीट्यूट के नवीन भवन के निर्माण पर जविप्रा द्वारा लगभग 9 करोड रूपए की राशि का व्यय कर किया जाएगा। इस भवन को दिसम्बर, 2017 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

7. वल्र्ड ट्रेड पार्क के पास पुलिया विस्तार

– वल्र्ड ट्रेड पार्क एवं जेनपेक्ट के बीच जेएलएन मार्ग पर सडक के दोनों तरफ पुलिया की चैडाई कम होने के कारण स्लिप लेन निरन्तर नहीं है। इस समस्या के समाधान हेतु 5 करोड रूपए की राशि व्यय कर वर्तमान में स्थित पुलिया के दोनों ओर 2-2 अतिरिक्त लेन के निर्माण का कार्य किया जाएगा। इस कार्य को मार्च, 2017 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

8. 100 पार्कों के विकास का कार्य

– जयपुर शहर को हरा-भरा बनाने एवं यहां के निवासियों को निवास के निकट पार्क सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 100 पार्कों के एक साथ विकास का कार्य को हाथ में लिया गया है। इन 100 पार्कों में से 46 पार्क पृथ्वीराज नगर क्षेत्र में पिछले कुछ महिनों में अनुमोदित योजनाओं तथा अन्य पार्क शहर की अन्य योजनाओं में बनाए जाएंगें। इस कार्य पर लगभग 20 करोड रूपए की राशि का व्यय होगा। इन सभी 100 पार्कों में वाकिंग ट्रेक, फुलवारी आदि के कार्य 31 मार्च, 2017 तक पूरे कर लिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त शहर के 20 पार्कों में ओपन जिम की स्थापना का कार्य भी जेडीए द्वारा किया जाएगा।

9. किशन बाग वानिकी परियोजना

– मजार डेम एवं नाहरगढ की तलहटी के बीच लगभग 48 हेक्टैयर क्षेत्र में अरावली एवं मरूस्थलीय क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड पौधों एवं घास की विभिन्न प्रजातियों को व्यवस्थित ढंग से लगाया जाकर आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर 9 करोड रूपए की राशि व्यय की जाएगी। इस प्रोजेक्ट में इको-ट्रेल, माईक्रो हेबिटेट के निर्माण के साथ-साथ एक सुंदर व्यूइंग पॉइंट के निर्माण का कार्य भी कराया जाएगा जिससे इस पूरे क्षेत्र की सुन्दरता का अच्छी तरीके से अवलोकन किया जा सके।

10. गलता घाटी वानिकी परियोजना

– घाट की गूणी एवं गलता घाटी के बीच 51 हैक्टेयर क्षेत्रफल के विकास का कार्य इस प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा। वृक्षारोपण और जल संरक्षण के साथ-साथ नेचर ट्रेल के निर्माण पर लगभग 8 करोड रूपए की राशि का व्यय जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा। इस परियोजना को सितम्बर, 2017 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

11. सिल्वन प्रोजेक्ट फेज-2

– घाट की गूणी टनल से लगभग 5 किमी. दूरी पर जेडीए द्वारा सिल्वन प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में लगभग 10 हैक्टेयर को विकसित कर जनता के लिए खोला जा चुका है। इस प्रोजेक्ट के द्वितीय चरण में 103 हैक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण, जल संरक्षण एवं वॉकिंग ट्रेक, एवं पॉली हाउस इत्यादि का निर्माण इस प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को इस प्रकार से विकसित किया जा रहा है जिससे लोग इस क्षेत्र में रहने वाले लोग रोजड़ा (नील गाय) को अपने नेचुरल हैबिटेट में देख सकें एवं इसके लिए स्थान-स्थान पर मचानों के निर्माण का कार्य भी हाथ में लिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 7 करोड रूपए की राशि व्यय कर इस परियोजना को सितम्बर, 2017 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

12. बीड-200 जैव विविधता प्रोजेक्ट

– घाट की गूणी टनल से लगभग 1 किमी. दूरी पर स्थित 10 हैक्टेयर के इस क्षेत्रफल में 300 प्रजातियों के औषधीय पौधों को लगाने के साथ-साथ वॉकिंग-ट्रैक, जॉगिंग-ट्रैक, ओपन-जिम के निर्माण का कार्य इस प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा। लगभग 7 करोड रूपए की राशि व्यय कर इस प्रोजेक्ट को सितम्बर, 2017 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

13. ग्लोबल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, लाईट हाऊस एवं स्मार्ट सिटी सॉल्यूशन फेज-2

जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा नामी अमेरिकन कम्पनियों सिस्को, 3एम, जनरल इलेक्ट्रिक, जेनपेक्ट इत्यादि के सहयोग से जेनपेक्ट के जवाहर लाल नेहरू मार्ग स्थित प्रांगण में ग्लोबल इनोवेशन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस एण्ड इंटरनेट ऑफ थिंग्स, इनॉवेशन हब एवं लिविंग लैब की स्थापना की जाएगी। इस सेंटर का उपयोग स्थानीय स्टार्ट-अप्स, ऐंटरप्रिन्योर्स, शैक्षणिक एवं तकनीकी संस्थाओं एवं राजकीय विभागों द्वारा शहर के निवासियों को अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित सॉल्यूशन डवलप एवं टेस्ट करने के लिए किया जा सकेगा। यह सेंटर आगामी 6 माह में काम करना शुरू कर देगा। सिस्को द्वारा जयपुर शहर को दक्षिण एशिया में प्रथम लाईटहाऊस शहर के रूप में चयनित किया गया है। इससे पहले हैम्बर्ग, बार्सीलोना एवं एडिलेड शहरों को लाईटहाऊस शहर के रूप में चयनित किया जा चुका है। इस परियोजना के तहत स्मार्ट लाईटिंग, स्मार्ट पार्किंग, सिटी ऑपरेशन सेंटर एवं स्मार्ट सिटी एप डवलप करने का कार्य हाथ में लिया जाएगा। साथ ही परियोजना के तहत एक स्मार्ट विलेज में रिमोट एक्सपर्ट फॉर गवर्मेंट सर्विसेज़ (रेग्स) की स्थापना की जाएगी। इन सभी कार्यों को नवम्बर, 2016 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जेडीए द्वारा 30 सार्वजनिक स्थानों पर वाई-फाई, 21 सार्वजनिक स्थानों पर एनालिटिक्स बेस्ड सर्विलांस सिस्टम, विभिन्न 15 स्थानों पर इन्टरेक्टिव कियोस्क एवं 9 स्थानों पर स्मार्ट पार्किंग सॉल्यूशन का कार्य कुछ माह पूर्व पूरा किया जा चुका है। अब फेज-2 में 11 अन्य सार्वजनिक स्थानों पर वाई-फाई, 15 स्थानों पर 328 स्मार्ट कैमरों के जरिये सर्विलांस की व्यवस्था एवं 6 और इन्टरेक्टिव कियोस्क की स्थापना, 4 स्थानों (मानसरोवर, चित्रकूट, न्यू आतिश मार्केट एवं नेहरू पैलेस) में रिमोट एक्सपर्ट फॉर गवर्मेंट सर्विसेज (रेग्स) की स्थापना तथा महल रोड की 2 किमी. लम्बाई में स्मार्ट लाईटिंग का कार्य किया जाएगा। फेज-2 के तहत कराए जाने वाले इन कार्यों पर लगभग 24 करोड रूपए की राशि का व्यय किया जाएगा। इन सभी कार्यों को दिसम्बर, 2016 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

14. शंकरा आई-हॉस्पिटल, विद्याधर नगर

– रिसर्जेंट राजस्थान के तहत जयपुर में शंकरा आई हॉस्पिटल की स्थापना के लिए एमओयू किया गया था। इस अस्पताल की स्थापना के लिए जेडीए द्वारा 8342 वर्गमीटर भूमि का आवंटन विद्याधर नगर क्षेत्र में किया जा चुका है। इस अस्पताल के निर्माण पर लगभग 50 करोड रूपए का व्यय किया जाएगा। 225 शय्याओं वाले इस अस्पताल में 200 शय्याएं ग्रामीण क्षेत्र के बीपीएल परिवार के लिए मुफ्त उपलब्ध रहेंगी। इस अस्पताल के आस पास रहने वाली ऐसी लडकियां, जिन्होनें कक्षा 12वीं तक शिक्षा प्राप्त कर रखी है, को संस्थान द्वारा प्रशिक्षण दिया जाकर विजन केयर टेक्नीशियन एवं ऑपरेटर के रूप में भी नियुक्ती दी जाएगी। साथ ही संस्थान द्वारा इस अस्पताल के लगभग 200 किमी. रेडियस के क्षेत्र में ‘गिफ्ट ऑफ विजन’का भी प्रोग्राम चलाया जाएगा। यह अस्पताल फरवरी, 2018 तक काम करना आरम्भ कर देगा।

15. सेनेट्री पैड वेंडिंग मशीन

– जेडीए रीजन के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में 1000 सेनेट्री वेंडिंग मशीन लगाने का एक अभिनव प्रोजेक्ट हाथ में लिया गया है जिसके तहत नगर निगम जयपुर, चौमूं एवं बगरू नगर पालिका क्षेत्रों के साथ-साथ जेडीए रीजन के सभी पंचायतों एवं गांवों में भी इन मशीनों को लगाया जाएगा। आज से 50 मशीनें विभिन्न स्थानों पर काम करना प्रारम्भ कर देगी तथा बाकी की 950 मशीनों की स्थापना का कार्य सितम्बर, 2016 तक पूरा कर लिया जाएगा।

16. ई-सेवाओं का विस्तार

– आमजन को राहत पहुंचाने के लिए जेडीए द्वारा गत दो वर्षों में आई.टी. को व्यापक उपयोग कर कई नई सेवाएं प्रारम्भ की गयी हैं। इसी क्रम में जेडीए द्वारा नाम हस्तान्तरण एवं वन टाइम लीज सर्टिफिकेट के लिए ऑनलाइन आवेदन तथा दस्तावेजों की जांच कराने के लिए ऑनलाइन एपोइंटमेंट बुक करने की व्यवस्था हाल ही में शुरू की गयी है। इस व्यवस्था के तहत प्राप्त प्रथम कुछ आवेदनों की प्रोसेसिंग पूरी कर सम्बन्धित आवेदकों को माननीय मुख्यमंत्री महोदया के हाथ से पत्र/आदेश आज के कार्यक्रम में दिए जा रहे हैं।