निवेश का मतलब सिर्फ इन्डस्ट्री नहीं, रिसर्जेंट राजस्थान में कृषि पर भी होगा फोकस
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि निवेश केवल औद्योगिक क्षेत्र में ही नहीं होता, कृषि में नई तकनीक व इससे जुड़े भण्डार गृह, रेफ्रीजरेटेड वैन, कैटल फीड, पाॅल्ट्री फीड आदि व्यवसायों में भी निवेश लाया जा सकता है। इसलिए नवम्बर में प्रस्तावित रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट में हमारा फोकस कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने पर रहेगा। कृषि और उद्योग को जोड़कर अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा सकता है।
श्रीमती राजे गुरुवार को राज्य कृषि प्रबन्धन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान, दुर्गापुरा में राज्य स्तरीय कृषि पुरस्कार वितरण समारोह को सम्बोधित कर रही थीं।
इजराइल और नीदरलैण्ड्स के दौरे पर जायेंगे किसान
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को खेती और डेयरी फार्मिंग की नवीनतम तकनीकों की जानकारी लेने के लिए इजराइल एवं नीदरलैण्ड्स के दौरे पर भेजेगी। इजराइल में अपनाई जाने वाली कृषि तकनीकों का अनुभव राजस्थान के किसान वर्तमान में ले भी रहे हैं। नीदरलैण्ड्स में डेयरी एवं फूलों की खेती का बहुत अच्छा काम होता है और हमारे किसान उसे देखने के लिए जायेंगे ताकि अपने यहां ऐसी तकनीकों को अपना सकें।
रासायनिक खादों का उपयोग घटने से बचेगी धरती
मुख्यमंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि वे बूंद-बूंद सिंचाई एवं अन्य नई तकनीक अपनाएं और खेतों में रासायनिक खादों का कम से कम उपयोग करते हुए जैविक कृषि को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने सोयल हैल्थ कार्ड योजना शुरू की है जिसके तहत राज्य में मिट्टी व पानी की सेहत जांचने के लिए 55 नई प्रयोगशालाएं शुरू की जा रही हैं।
मैं भी किसान हूं
श्रीमती राजे ने कहा कि जैविक खेती जमीन के छोटे टुकड़ों पर भी सम्भव है। मैं भी किसान हूं। स्वयं जैविक खेती करती हूं। अपने आवास पर मैं रायासनिक खादों का प्रयोग किए बिना कई तरह की सब्जियां उगाती हूं। जैविक खेती के लिए नीम की खली, गौ-मूत्र, चाय की पत्ती आदि का खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। जैविक खेती में कुछ समय तक पैदावार कम रह सकती है, लेकिन दो-तीन वर्ष में अच्छे परिणाम मिलने लगते हैं।
संभाग स्तर पर बनेंगे किसान सभागार
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर के बाद अब प्रदेश के सभी संभागों में किसान सेवा केन्द्रों या किसान भवनों पर सभागार स्थापित किए जायेंगे। यहां किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम व बीज केन्द्र आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई जायेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार नील गाय से फसलों को होने वाले नुकसान के प्रति गम्भीर है और इस समस्या के उचित समाधान के लिए विशेषज्ञों की समिति सहित कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
संभागीय स्तर पर लम्बित प्रकरणों के लिए भी लगेंगी लोक अदालतें
श्रीमती राजे ने कहा कि न्याय आपके द्वार अभियान के तहत राजस्व लोक अदालतें 18 मई से पूरे प्रदेश में शुरू हो गई हैं। इस अभियान का उद्देश्य है कि किसानों के बीच रंजिशें खत्म हों और आपसी विवाद एक साथ बैठकर बातचीत से निपटें। हमने विभिन्न राजस्व न्यायालयों में लम्बित चार लाख प्रकरणों में से डेढ़ लाख को आगामी 15 जुलाई तक निपटाने का लक्ष्य रखा हैं। इसके बाद संभागीय आयुक्तों, जिला कलक्टरों, राजस्व अपील प्राधिकारी तथा अतिरिक्त कलक्टरों के पास जो राजस्व प्रकरण लम्बित हैं, उनके निस्तारण के लिए भी कार्यक्रम चलाया जायेगा।
फसल आधारित कृषि बीमा के लिए 562 करोड़ रुपये स्वीकृत
पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत 21 जिलांे में 562 करोड़ रुपये की राशि किसानों को दी जायेगी और 12 अन्य जिलों में भी किसानों को परिवर्तित फसल बीमा योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सामुदायिक आधार पर जैविक खेती के लिए 56 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत की है।
मुख्यमंत्री ने कृषि में नवाचार अपनाने व उत्कृष्ट खेती करने के लिए चार किसानों को राज्य स्तरीय तथा 128 किसानों को जिला स्तरीय कृषक पुरस्कार प्रदान किए। राज्य स्तर पर वर्ष 2013-14 के लिए श्री अशोकसिंह मेतवाला जिला बांसवाड़ा तथा श्री जयप्रकाश गहलोत जिला कोटा एवं वर्ष 2014-15 के लिए श्री कानाराम जिला जयपुर तथा श्री गंगाराम जिला टोंक को 50 हजार रुपये का चैक एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। जिला स्तर के उत्कृष्ट किसानों को पुरस्कार स्वरूप 25 हजार का चैक एवं प्रमाण-पत्र दिया गया। समारोह में 432 कृषकों को ब्लाॅक स्तर पर कृषक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर जयपुर सासंद श्री रामचरण बोहरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि श्री अशोक सम्पतराम, शासन सचिव एवं आयुक्त कृषि श्री कुलदीप रांका सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
जयपुर, 21 मई 2015