राज्य में नये निवेश प्रोत्साहन एवं अतिरिक्त रोजगार सृजन हेतु, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना
राज्य में नये निवेश प्रोत्साहन एवं अतिरिक्त रोजगार सृजन हेतु, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना, 2014 [Rajasthan Investment Promotion Scheme – 2014 (RIPS – 2014)], को राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में अनुमोदित किया गया। इस योजना के मुख्य बिन्दु निम्नानुसार है: –
(i) योजना के अन्तर्गत नये उद्यम की स्थापना या विद्यमान उद्यम के विस्तार के लिये किये जाने वाले नवीन निवेश पर प्रोत्साहन दिया गया है ।
(ii) योजना के अन्तर्गत विनिर्माण करने वाली इकाइयों को सामान्यतः निम्न लाभ उपलब्ध होंगे: –
– 30 प्रतिशत निवेश अनुदान (जमा कराये गये वैट एवं सीएसटी का)
– 20 प्रतिशत तक रोजगार सृजन अनुदान (जमा कराये गये वैट एवं सीएसटी का)
– 50 प्रतिशत विद्युत शुल्क में छूट
– 50 प्रतिशत मंडी शुल्क में छूट
– 50 प्रतिशत भूमि कर में छूट
– 50 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी में छूट
– 50 प्रतिशत भू – रूपांतरण शुल्क में छूट
(iii) विनिर्दिष्ट सेवाओं, जिनमें प्रारम्भ में स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, औद्योगिक पार्कों के विकास, होटल व मनोरंजन संबंधी सेवाओं के उद्यम सम्मिलित है, को योजना के अन्तर्गत सामान्यतः निम्न लाभ उपलब्ध होंगे: –
– 50 प्रतिशत तक पूंजीगत माल के क्रय पर चुकाये गये वैट का पुर्नभरण (होटल एवं लाॅजिंग के लिए 25 प्रतिशत छूट)
– 50 प्रतिशत तक विद्युत शुल्क में छूट (होटल एवं लाॅजिंग के लिए 25 प्रतिशत छूट)
– 50 प्रतिशत मनोरंजन कर में छूट
– 100 प्रतिशत विलासिता कर में छूट
– 50 प्रतिशत भूमि कर में छूट
– 50 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी में छूट
– 50 प्रतिशत भू – रूपांतरण शुल्क में छूट
(iv) रोजगार सृजन अनुदान की राशि महिला/एससी/एसटी/शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिये 30 हजार तथा अन्य के लिये 25 हजार प्रति वर्ष होगी। इस राशि में प्रति वर्ष 5 प्रतिशत वृद्धि होगी।
(v) महिला/एससी/एसटी/शारीरिक रूप से अक्षम विनिर्माता उद्यमियों के लिये दस प्रतिशत अतिरिक्त निवेश अनुदान प्रदान किया गया है तथा सेवा क्षेत्र के उद्यमियों के लिये पूंजीगत माल के क्रय पर चुकाये गये वैट का 10 प्रतिशत अतिरिक्त पुनर्भरण का लाभ दिया गया है।
(vi) पिछड़े क्षेत्र में स्थापित होने वाले सेवा क्षेत्र के उद्यम को पूंजीगत माल के क्रय पर चुकाये गये वैट का 10 प्रतिशत अतिरिक्त पुर्नभरण का लाभ दिया गया है।
(vii) अति पिछड़े क्षेत्र में स्थापित होने वाले विनिर्माता उद्यमों (सीमेंट को छोड़कर) को 20 प्रतिशत अतिरिक्त निवेश अनुदान दिया गया है तथा ऐसे क्षेत्रों में स्थापित होने वाले सेवा क्षेत्र के उद्यम को पूंजीगत माल के क्रय पर चुकाये गये वैट का 20 प्रतिशत अतिरिक्त पुर्नभरण का लाभ दिया गया है।
-निम्न विशिष्ट क्षेत्रों (Thrust Sectors) के लिये भी अधिक अनुदान के प्रावधान किये गये हैं: –
– सेरेमिक और ग्लास क्षेत्र
– डेयरी क्षेत्र
– इलेक्ट्रोनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफेक्चरिंग (ESDM) क्षेत्र
– इंडस्ट्रियल गैस क्षेत्र
– फार्मास्टिकल क्षेत्र
– पावरलूम क्षेत्र
– प्लास्टिक से पैट्रोल विनिर्माण क्षेत्र
– टैक्सटाइल क्षेत्र
(ix) सीमेंट इकाइयों को छोड़कर रू. 500/ – करोड़ से अधिक निवेश या 500 व्यक्तियों से अधिक रोजगार देने वाले उद्योगों अथवा 100 करोड़ से अधिक विशिष्ट खनिज आधारित उद्योगों के लिये कस्टमाइज्ड पैकेज राज्य सरकार द्वारा राज्य सशक्त समिति की अभिशंषा के आधार पर दिये जाने की व्यवस्था की गयी है।
(x) सामान्यतया योजना के अन्तर्गत लाभ 7 वर्ष के लिये देय है परन्तु राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किये जाने वाले पिछडे एवं अति पिछडे क्षेत्रों के लिये यह लाभ 10 वर्ष के लिये देय होगा ।
(xi) योजना में ई – गवर्नेंस के प्रावधान भी किये गये हैं।
(xii) यह भी प्रावधान किये गये हैं कि योजना के अन्तर्गत लाभ प्राप्त करने वाले उद्यमी को राज्य में किये गये सभी निवेशों से जनित लाभ के अनुपात में कार्पोरेट सोशल रेसपोन्सिबिलिटी (CSR) के लिये चिन्हित कोष में से राज्य में लाभ प्राप्त करने की अवधि में व्यय करना होगा।
(xiii) योजना के अन्तर्गत, उद्यम को केन्द्रीय/राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की consent to operate (जिन उद्यमों के लिए आवश्यक हो) के प्रभावी रहने की अवधि में ही लाभान्वित किया जायेगा।
(xiv) योजना के अन्तर्गत अनुदान की अधिकतम सीमा ‘‘पात्र स्थायी पूंजी निवेश’’ (EFCI) के बराबर होगी।
(xv) निम्न उद्योगों को योजना की पात्रता से बाहर रखा गया है: –
(1) तम्बाकू उत्पाद, जर्दायुक्त पान मसाला और गुटखा विनिर्माण करने वाले उद्यम।
(2) आॅयल रिफाइनरी वाले साॅल्वेंट एक्सट्रेक्शन प्लांट को छोड़कर खाद्य तेल विनिर्माण करने वाले उद्यम।
(3) मदिरा और बीयर विनिर्माण एवं बोटलिंग करने वाले उद्यम।
(4) मदिरा एवं बीयर की बोटलिंग करने वाले उद्यम या पानी या एरियेटेड ड्रिंक की बोटलिंग/पैकेजिंग करने वाले उद्यम।
(5) 5 प्रतिशत तक वैट दर वाली वस्तुओं का विनिर्माण करने वाले उद्यम, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाये।
परन्तु अति पिछड़ा क्षेत्र में 250 करोड़ से अधिक निवेश करने वाले एवं उक्त वस्तुओं (क्र.सं. (1) एवं (4) को छोड़कर) का विनिर्माण करने वाले प्रथम उद्यम को पात्र माना जायेगा।
(xvi) यह योजना आदेश जारी होने की तिथि से 31.03.2019 तक प्रवर्तन में रहेगी।
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