जापान के साथ आर्थिक भागीदारी को बढ़ाने की ओर राजस्थान अग्रसर

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने की राजस्थान में द्वितीय जापानी इन्वेस्टमेंट जोन की घोषणा

राज्य में जापानी इंडस्ट्रीज को और अधिक बढ़ावा देने के लिए राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने मंगलवार को द्वितीय जापानी इन्वेस्टमेंट जोन की घोषणा की। इस जोन में सेरेमिक्स और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एवं मैन्यूफैक्चरिंग (ईएसडीएम) जैसे क्षेत्रों पर फोकस किया जाएगा।

इस वर्ष 19-20 नवम्बर को जयपुर में आयोजित होने वाले रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट के लिए जयपुर ग्लोबल रोड शो का शुभारम्भ करने के लिए श्रीमती राजे जापान यात्रा पर है। जापान राजस्थान का सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है और इस रिश्ते को और अधिक मजबूत करने के लिए इस समिट का आयोजन किया जा रहा है।

बड़ी संख्या में निवेशकों की उपस्थित के बीच राज्य के द्वितीय जापानी इन्वेस्टमेंट जोन की घोषणा करते हुए श्रीमती वसुंधरा राजे ने कहा

“नीमराना में प्रथम जापानी इन्वेस्टमेंट जोन की शानदार सफलता के बाद मुझे यह घोषणा करते हुए अत्यधिक प्रसन्नता है कि राजस्थान सरकार द्वारा घिलोठ में लगभग 500 एकड़ क्षेत्र में द्वितीय जापानी इन्वेस्टमेंट जोन तैयार किया जाएगा। यह क्षेत्र जल्द ही सेरेमिक्स व ईएसडीएम उद्योगों का एक प्रमुख केंद्र बनेगा।”

यह घोषणा जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे और राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसंधरा राजे के मध्य सोमवार को हुई बैठक के पष्चात की गई है। इस मुलाकात में श्रीमती राजे ने जापान के प्रधानमंत्री को रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट-2015 के लिए जापान को पार्टनर कंट्री बनने का प्रस्ताव दिया था।

यह समिट समावेशी और व्यापक विकास के माध्यम से राज्य में परिवर्तन लाने के मुख्यमंत्री के विजन का एक भाग है। राजस्थान इस लक्ष्य की प्राप्ति में व्यवसायों की भूमिका को महत्वपूर्ण मानता है, अतः औद्योगिक संबंधों को मजबूत करने और भागीदारी बनाने पर विषेश जोर दिया जा रहा है।

श्रीमती राजे ने उपस्थित निवेशकों को जानकारी दी कि नीमराना क्षेत्र में स्थित प्रथम जापानी इन्वेस्टमेंट जोन को तीन वर्षों के लिए पब्लिक यूटिलिटी स्टेटस प्रदान किया गया है, जिससे इस क्षेत्र में स्थित फैक्ट्रियों को लेबर स्ट्राइक्स से सुरक्षा सुनिष्चित की जा सके। इसके अतिरिक्त, सरकार ने 31 मार्च 2016 अथवा प्रस्तावित यूनिफाइड गुड्स और सर्विस टैक्स (दोनों में से जो भी पहले हो) तक दोनों जापानी औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित इकाईयों में निर्मित वस्तुओं पर केन्द्रीय बिक्री कर (CST) को 2.00 फीसदी से घटाकर 0.25 करने का फैसला लिया है।

श्रीमती राजे ने आगे बताया कि जापानी निवेष ने राज्य के आर्थिक परिदृष्य को बदल दिया है। इस प्रगति में हम जापान को हमारे सबसे बड़े भागीदारों में से एक मानते हैं। औद्योगिकरण के क्षेत्र में राजस्थान बड़ी तरक्की करने के लिए पूरी तरह से तैयार है और हम इसके लिए जापान, जो कि विष्वसनीय मित्र है, को उद्यमिता में भागीदार बनाने के इच्छुक हैं।

राज्य में निवेष के अवसरों पर चर्चा करने के लिए श्रीमती राजे ने साॅफ्टबैंक, तोषिबा, कोयो होल्डिंग्स और याजाकी जैसी प्रमुख कम्पनियों के उच्च अधिकारियों के साथ बैठकें कीं।

राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट काॅरपोरेषन (रीको) द्वारा, जोकि द्वितीय जापानी इन्वेस्टमेंट जोन को विकसित कर रहा है, इस माह से भूमि आवंटन आरंभ करने का लक्ष्य है। इंडस्ट्री के लाभों पर प्रकाष डालते हुए राजस्थान सरकार की प्रमुख शासन सचिव, उद्योग और रीको की प्रबंध निदेषक, श्रीमती वीनू गुप्ता ने कहा “द्वितीय जापानी जोन रीको द्वारा नीमराना में स्थापित किए गए प्रथम जोन के समीप होगा। इस जोन को सेरेमिक उत्पादों के प्रोडक्षन में प्रयुक्त होने वाले सभी प्रकार के कच्चे माल की तैयार सप्लाई चेन का लाभ मिलेगा और यहां नेचुरल गैस की पाइप लाइन की कनेक्टिविटी भी है। यह क्षेत्र नेषनल केपिटल रीजन में स्थित है जिसमें इन उत्पादों की खपत का एक प्रमुख केंद्र, दिल्ली शामिल है।”

उन्होंने आगे बताया कि सरकार राज्य में ईएसडीएम इंडस्ट्री को “इंक्यूबेट” करने के लिए उत्सुक है और इस सेक्टर में निवेष आना आरम्भ हो चुका है।

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री षिंजो एबे के मध्य हाल ही में हुई बैठक के परिणामस्वरूप राजस्थान का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल जापान गया है। इस बैठक में दोनों देषों में अगले पांच वर्षों में जापान के विदेशी प्रत्यक्ष निवेष को दोगुना करने और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने की दिषा में मिलकर कार्य करने पर सहमति बनी थी।

जापान और राजस्थान के बीच विशेष आर्थिक संबंधों का सबसे बड़ा उदाहरण राज्य के नीमराना में स्थित जापानी जोन है। रीको और जेट्रो के बीच हुए एमओयू के परिणामस्वरूप यहां 1,167 एकड़ क्षेत्र में देष का पहला जापानी इन्वेस्टमेंट जोन बनाया गया था। वर्तमान में इस जोन में 45 कंपनियों द्वारा 670 मिलियन अमेरिकन डाॅलर से अधिक का निवेष किया गया है। इन कम्पनियों में डाइकिन, निस्सिन ब्रेक, माइटेक्स पाॅलिमर और निप्पोन पाइप आदि कम्पनियां शामिल हैं।

राजस्थान अब द्वितीय जापानी जोन के साथ राज्य में जापानी औद्योगिक उपस्थिति को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है।

रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट के बारे मेंः

रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट 19-20 नवम्बर, 2015 को जयपुर में आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन में राजस्थान में निवेश के माहौल और अवसरों पर वार्ता करने के लिए दुनिया भर के प्रमुख निवेशकों और नीति निर्माताओं, राजनीतिक नेतृत्व, सरकारी अधिकारियों, स्थानीय व्यापार जगत के लीडर्स एक मंच पर आयेंगे। समिट के दौरान थिमेटिक सेमिनार, कन्वेंषन, पैनल डिस्कषन, डिस्कषन फोरमस्, बी2बी व बी2जी मीटिंग्स, एग्जीबिषन पैवेलियन एवं अन्य नेटवर्किंग कार्यक्रम होंगे। राज्य सरकार को आषा है कि इस समिट के परिणामस्वरूप राज्य में वैश्विक निवेशकों का रूझान और निवेष के प्रति प्रतिबद्धता बढ़ेगी।

टोक्यो, 7 अप्रैल 2015
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