राजस्थान का खुशहाली इंडेक्स बढ़ाने के लिये जुटे टीम राजस्थान
कलक्टर-एसपी कान्फ्रेंस का शुभारम्भ
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश का ‘खुशहाली इंडेक्स‘ बढाकर राजस्थान को शीर्ष पर ले जाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने ‘स्वस्थ, शिक्षित, लैंगिक रूप से संवेदनशील, आर्थिक रूप से सुविकसित और समृद्ध राजस्थान‘ बनाने के लिये टीम राजस्थान को हर चुनौती का सामना करने के लिये तैयार रहने का आह्वान किया है।
मुख्यमंत्री बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के कन्वेंशन हाॅल में तीन दिवसीय कलक्टर-एसपी कान्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, आरोग्य राजस्थान, मौसमी बीमारियों, पेयजल एवं बिजली आपूर्ति, दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों पर फोकस रखने के निर्देश दिये। उन्होंने राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के साथ-साथ श्रमिकों के कल्याण के लिये संचालित योजनाओं और सूचना तकनीक सेवाओं पर भी विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया।
जामडोली जैसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री ने जिला कलक्टरों सहित सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में स्थित विमंदित गृहों, बालगृहों, छात्रावासों, वृद्धाश्रमों का नियमित और औचक निरीक्षण करे। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों में पौष्टिक भोजन, शुद्ध पेयजल, चिकित्सा, साफ-सफाई, आदि सुविधाओं में कोई कमी नहीं रहनी चाहिये। उन्होंने साफ-साफ कहा कि जामडोली में बच्चों की मृत्यु जैसी घटनाओं को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने मुख्य सचिव से कहा कि वे सभी सम्भागीय आयुक्तों, जिला कलक्टरों और उपखण्ड अधिकारियों को इन विशेष आवासीय सुविधाओं के नियमित निरीक्षण के लिये पाबन्द करें। उन्होंने मंत्रियों को भी निर्देश दिये कि वे इन जगहों का आकस्मिक निरीक्षण करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 19 जिलों में 14 हजार गांव अकाल जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। ऐसे में हमें और अधिक संवेदनशीलता के साथ जरूरतमंदों को मदद पहुंचानी होगी। उन्होंने कुछ जिलों में पशुधन की हानि के समाचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसी समस्याओं का समय रहते समाधान करें, ताकि पशुओं को संकट की स्थिति से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि अभावग्रस्त जिलों में संस्थागत राहत पहुंचाई जाए और गैर-अभावग्रस्त जिलों में मनरेगा एवं स्थानीय जन-भागीदारी के माध्यम से सहायता पहुंचाएं।
श्रीमती राजे ने जिला कलक्टरों को निर्देश दिये कि वे हर सप्ताह अपने जिले में नियमित रूप से बिजली, पानी की आपूर्ति तथा मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा करें। साथ ही निश्चित दिन उपखण्ड अधिकारियों के साथ बैठक कर जन समस्याओं का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर की शिकायतों को बिना समय गंवाये उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरोग्य राजस्थान के तहत चिन्हित स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिये विशेष अभियान चलाकर दवाओं, मेडिकल उपकरणों, आॅपरेशन आदि स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायें। उन्होंने इस कार्य में स्थानीय लोगों, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों की सहायता लेने पर भी जोर दिया। उन्होंने अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ की अनुपस्थिति की शिकायतों पर गम्भीर चिंता व्यक्त की और कहा कि ऐसे कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
लापरवाही, भ्रष्टाचार और निष्क्रियता के खिलाफ ’जीरो’ टाॅलरेंस
श्रीमती राजे ने कहा कि जिला कलक्टर की छवि पारदर्शी और संवेदनशील होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि आप जिलों में राज्य सरकार का चेहरा हैं और आपका प्रत्येक कार्य राज्य सरकार की कार्यप्रणाली को प्रतिबिम्बित करता है। उन्होंने अधिकारियों को लापरवाही, भ्रष्टाचार और निष्क्रियता के खिलाफ ’जीरो टाॅलरेंस’ की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि आपके कार्यों पर सरकार की पूरी निगाह है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कलक्टर का पद ऐसा महत्वपूर्ण अवसर है जिसमें आप सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों का भाग्य बदल सकते हैं। साथ ही यह आपके सेवाकाल और निजी कैरियर के लिये भी ’लाइफटाइम अपाॅर्चुनिटी’ है। अगर आप इस पद पर आम आदमी की तकलीफ को समझ कर उसे राहत पहुंचाते हैं तो यह आपके कैरियर को नया आयाम देगा।
इससे पहले मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन ने तीन दिवसीय कलक्टर-पुलिस अधीक्षक सम्मेलन की रूपरेखा की जानकारी दी। इस कान्फ्रेंस में राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, संसदीय सचिव, सभी विभागों के वरिष्ठतम अधिकारी उपस्थित हैं।
जयपुर, 4 मई 2016