जनता को दाता मानकर तैयार कर रहे हैं विकास का रोड मैप, अच्छी सोच बदल देती है प्रदेश की नियति

राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री का जवाब

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि हम जनता को दाता और नए राजस्थान के निर्माण में सहभागी मानकर विकास का रोडमैप लागू कर रहे हैं। उन्होंने वर्तमान सरकार और पूर्ववर्ती सरकार की सोच के अंतर को तर्को और तथ्यों के साथ रेखांकित करते हुए कहा कि सोच अच्छी हो तो नीयत अच्छी हो जाती है, नीयत अच्छी हो तो नीति अच्छी हो जाती है और नीति अच्छी हो तो किसी भी प्रदेश की नियति संवर जाती है। उन्होंने कहा कि हम विकास को राजनीति का माध्यम नहीं मानते बल्कि राजनीति को विकास का माध्यम मानकर प्रदेशवासियों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री शुक्रवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रही थीं। उन्होंने अपने भाषण में सड़क, शिक्षा, कौशल विकास, बिजली, पानी, औद्योगिक विकास सहित सभी प्रमुख विषयों पर बिन्दु वार पिछली सरकार की तुलना में वर्तमान राज्य सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। उन्होंने राज्य सरकार के विजन का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारा सपना स्वस्थ, शिक्षित, लैंगिक भेदभाव से मुक्त, समृद्ध और खुशहाल राजस्थान का निर्माण करना है, जो आर्थिक और सामाजिक रूप से भी सशक्त हो। उन्होंने कहा कि हम राजनीतिक फायदे के बजाय इस विजन को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं।

हमारी और उनकी सोच में फर्क

श्रीमती राजे ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने जनता को याचक मानकर उसके साथ दाता के रूप में व्यवहार किया, जबकि हमारी कोशिश गरीबी को जड़ से उखाड़ने की है ताकि सभी को प्रगति का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि हम थोड़े से केक में से सबको थोड़ा-थोड़ा देने में विश्वास नहीं करते, बल्कि केक को ही बड़ा बनाने की इच्छाशक्ति रखते हैं ताकि सबको पर्याप्त हिस्सा मिल सके। यही हमारी और उनकी सोच का फर्क है। उन्होंने साफ कर दिया कि कई क्षेत्रों में तो वर्तमान सरकार ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल में ही पूर्ववर्ती सरकार की पांच वर्ष की उपलब्धियों को पीछे छोड़ दिया है।

गांवों की सरकार में दिया युवाओं को मौका

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने राजनीतिक नुकसान की आशंका से ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन नहीं किया, जबकि हमने पंचायतों का पुनर्गठन तो किया ही, साथ ही इन चुनावों में युवाओं को अवसर देने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता की। इसी का नतीजा है कि आज जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और सरपंचों में से 68 फीसदी 35 वर्ष से कम आयु के हैं। उन्होंने कहा कि हमने गांव को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने के पंचायतीराज चुनाव में प्रत्याशियों के घर में कार्यशील स्वच्छ शौचालय के साथ खुले में शौच नहीं करने की अनिवार्यता लागू की। इसका परिणाम यह हुआ कि आज बीकानेर जिला खुले में शौच से मुक्त घोषित हो चुका है, वहीं अन्य जिले भी कतार में हैं। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय निर्माण में आज राजस्थान देश भर में प्रथम पायदान पर पहुंच चुका है।

बिजली तंत्र में कर रहे संस्थागत सुधार

श्रीमती राजे ने कहा कि पिछली सरकार ने बिजली तंत्र में न तो कोई सुधार किया, न ही छीजत रोकने के लिए कोई कार्य योजना बनाई और 80 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बिजली कम्पनियों के ऊपर हो गया। हमने विद्युत क्षेत्र में संस्थागत सुधार करते हुए सस्ती दरों पर बिजली खरीद करने एवं बाजार से ऋण लेने के लिए अलग कम्पनियों का गठन किया और बिजली कम्पनियों के कर्मचारियों को उत्तरदायी बनाने के लिए अध्यादेश लेकर आए। उन्होंने कहा कि आज राजस्थान सौर ऊर्जा के उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है।

स्कूल से काॅलेज तक शिक्षा व्यवस्था में बदलाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने बिना शिक्षक, बिना संसाधनों की उपलब्धता को ध्यान में रखे राजनीतिक आधार पर नए स्कूल खोल कर शिक्षा की गुणवत्ता को ताक पर रख दिया। वर्तमान सरकार ने स्कूलों से लेकर कॉलेज तक शिक्षा व्यवस्था में जरूरी बदलाव किए ताकि विद्यार्थियों को सिर्फ किताबी शिक्षा ही नहीं मिले, उन्हें रोजगारपरक एवं व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ा जा सके।

स्वास्थ्य पर पांच साल में सबसे अधिक खर्च

श्रीमती राजे ने कहा कि लोग हम पर निशुल्क दवा और निशुल्क जांच योजना बन्द करने के निराधार आरोप लगा रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि मौजूदा वर्ष के दौरान स्वास्थ्य पर पिछले 5 वर्ष की तुलना में सर्वाधिक यानी 360 करोड़ रुपए खर्च किए गए। हमारी सरकार ने आरोग्य राजस्थान अभियान चलाकर प्रदेश के 1 करोड़ 5 लाख ग्रामीण परिवारों का सर्वे कर उनकी बीमारियों को चिन्हित किया है ताकि उन्हें बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा सके। अभियान के तहत 15 फरवरी तक करीब साढ़े बारह लाख व्यक्तियों को सामान्य उपचार उपलब्ध करावाया गया और गंभीर बीमारियों से पीडि़त 89 हजार व्यक्तियों को बड़े अस्पतालों में रेफर किया गया है। रिसर्जेंट राजस्थान के दौरान भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए 51 एमओयू किए गए।

स्किल यूनिवर्सिटी का शुभारम्भ इसी वर्ष

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है, इसके लिए इंस्टीट्यूट ऑफ लीडरशिप के साथ मिलकर जयपुर में स्किल यूनिवर्सिटी और सेंटर ऑफ इमिनेंस की स्थापना की जा रही है। इस यूनिवर्सिटी का पहला सत्र इसी वर्ष शुरू हो जायेगा। रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कई बड़ी कम्पनियों के साथ एमओयू किए गए हैं। पिछले 26 माह में 6 लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं।

बनेगा पूर्व-पश्चिम मेगा हाइवे

श्रीमती राजे ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की अर्थ व्यवस्था को प्रदेश की अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए हमने पिछली बार उत्तर-दक्षिण मेगा हाइवे का निर्माण किया था। अब हम इसी तर्ज पर पूर्व-पश्चिम मेगा हाइवे का निर्माण करेंगे। ग्रामीण गौरव पथ, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और मिसिंग लिंक योजना सड़कों का जाल बिछाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि हमने कृषि के क्षेत्र में नवाचार को प्राथमिकता देते हुए जैतून, अनार, खजूर और संतरे के लिए सेंटर ऑफ एक्सिलेंस शुरू करने के साथ ही एग्रो मार्केटिंग आॅफ प्रोसेसिंग पाॅलिसी लाने एवं ई-मंडी जैसी पहल भी की हैं।

भामाशाह योजना से बदल रही तस्वीर

श्रीमती राजे ने कहा कि जब वर्ष 2005-06 में पूरे देश में वित्तीय समावेशन की कोई चर्चा भी नहीं करता था, तब हमने इस दिशा में कदम बढ़ा दिये थे। महिला सशक्तीकरण और वित्तीय समावेशन के लिए हमने भामाशाह जैसी महत्वाकांक्षी योजना अपने पहले कार्यकाल में शुरू कर दी थी, जिसे पिछली सरकार ने राजनीतिक दुर्भावना के चलते बंद कर दिया। इस फ्लेगशिप योजना को हमने दोबारा शुरू किया और आज इसे पूरे देश में वित्तीय समावेशन की सबसे अच्छी योजना के रूप में देखा जा रहा है। इसके लिए राज्य को भारत सरकार की ओर से ई-गवर्ननेंस का स्वर्ण पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। इस योजना में अब तक एक करोड़ 11 लाख से अधिक परिवार नामांकित हो चुके हैं और 1313 करोड़ रुपए की राशि लाभार्थियों के खाते में हस्तांतरित हो चुकी है।

रिफाइनरी के मामले में जनता का हित सर्वोपरि

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनैतिक लाभ से प्रेरित होकर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्ववर्ती सरकार ने आनन-फानन में रिफाइनरी की घोषणा कर दी। 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश महज 3 घंटे में स्वीकृत कर दिया गया और 57 हजार करोड़ का कमिटमेंट किया गया, जो अन्ततः प्रदेश के लिए घाटे का सौदा साबित हुआ। यहां तक कि कम्पनी की लागत से ज्यादा सब्सिडी देने का उन्होंने वादा कर दिया। श्रीमती राजे ने कहा कि रिफाइनरी के सम्बन्ध में एचपीसीएल से बातचीत लगातार चल रही है, लेकिन इस सम्बन्ध में आनन-फानन में नहीं बल्कि प्रदेश की जनता के हित को देखकर ही आगे बढ़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार बिना सोच-विचार के राजनैतिक लाभ लेने के उद्देश्य से जयपुर में मेट्रो का निर्माण कार्य भी शुरू किया गया। आज मेट्रो के संचालन के लिए राज्य सरकार को 30 करोड़ रुपये सालाना देना पड़ रहा है।

ईबीसी आयोग ने शुरू किया काम

श्रीमती राजे ने पिछली सरकार ने आर्थिक पिछड़ा वर्ग को आरक्षण के मामले में केवल राजनीतिक लाभ देखा और कोई ठोस कदम नहीं उठाया। लेकिन हमने दोबारा सत्ता में आते ही फिर से विशेष सत्र बुलाकर इस सम्बन्ध में विधेयक पारित किए और ईबीसी आयोग का गठन किया जिसने अपना काम भी शुरू कर दिया है।

गलत बोलने से पाप का भागी बनता है मनुष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश को सर्वोपरि मानते हुए कार्य किया तथा अपनी बात को सच्चाई के साथ रखने का प्रयास किया। उन्होंने विधानसभा की दीवार पर अंकित ध्येय वाक्य का उद्धरण करते हुए कहा कि ‘‘सभा में या तो प्रवेश न किया जाए, यदि प्रवेश किया जाए तो वहां स्पष्ट और सच बात कही जाए। क्योंकि वहां न बोलने से या गलत बोलने से दोनों ही स्थिति में मनुष्य पाप का भागी बन जाता है।’’

…हमने रोशनी का रास्ता दिखाया है

मुख्यमंत्री ने एक नई सोच, एक नई ऊर्जा और एक नए संकल्प के साथ राजस्थान के नवनिर्माण के लिए जुटने का संदेश देते हुए इन पंक्तियों के साथ अपने भाषण को विराम दियाः- ‘‘तुम्हारे दिए घाव पर मरहम लगाया है, इस सूबे में तरक्की का परचम फहराया है। अंधेंरो को बना दिया था तुमने नसीब सबका, ऐसे में हमने रोशनी का रास्ता दिखाया है।।’’

जयपुर, 4 मार्च 2016