मुख्यमंत्री के बजट बहस पर जवाब के महत्वपूर्ण बिंदु
किसानों के लिए
- ’राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग’ का स्थाई रूप से गठन किया जायेगा। आयोग को वैधानिक दर्जा देने के लिए कानून लाया जायेगा, ताकि आयोग को पूर्ण रूप से कानूनी संरक्षण प्राप्त हो सके।
- किसानों की कर्ज माफी के संबंध में एक उच्च स्तरीय अन्तर्विभागीय कमेटी बनाई जायेगी। यह अन्तर्विभागीय कमेटी निम्न महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर भी विचार करेगी-
- किन श्रेणियों के किसानों को इसके दायरे में लाया जाना है ?
- किसानों को किस सीमा तक और किस प्रकार से राहत दी जानी है ?
- अगर गैर सहकारी बैंक या अन्य बैंकों को आयोग के दायरे में शामिल किया जाना है तो उसकी शर्तें क्या होंगी ?
- किसानों की कर्ज संबंधी समस्याओं के स्थाई समाधान के लिए राज्य सरकार की यह एक ऐतिहासिक पहल है।
- वर्तमान में श्रीगंगानगर के काश्तकारों को गेट एरिया एवं आउट गेट एरिया के आधार पर गन्ने की क्रय दरों का भुगतान किया जा रहा है, यह वर्गीकरण समाप्त किया जाएगा।
- पड़ौसी राज्यों में प्रचलित दरों और गन्ना उत्पादक किसानों की मांग को देखते हुए वर्ष 2017-18 के लिए अगेति, मध्यम एवं पचेति श्रेणी के गन्ने के लिए क्रमशः 310, 300 एवं 295 रुपये प्रति क्विंटल की क्रय दर के अनुसार गन्ना किसानों को भुगतान किया जायेगा।
- वर्तमान सरकार ने लघु एवं सीमांत किसानों की 50 हजार रुपए तक एकबारीय कर्ज माफी की घोषणा की है, जो राज्य के इतिहास में पहली बार हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिपक्ष हमारे इस फैसले पर सवाल उठाने से पहले यह जान ले कि कांग्रेस ने तो 50 साल के अपने शासन में कभी किसानों की चिंता नहीं की।
- केंद्र में जब यूपीए सरकार ने जब लघु एवं सीमांत किसानों का 71 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया था, तब प्रति राज्य औसतन 2 हजार 500 करोड़ रुपए का ही कर्ज माफ हुआ था।
- वर्ष 2008 की कर्ज माफी में भी सहकारी क्षेत्र में मात्र 4 लाख 91 हजार किसानों का 868 करोड़ रुपये का कर्ज माफ हुआ, जबकि वर्तमान सरकार की कर्ज माफी की घोषणा से 20 लाख से भी अधिक किसानों का 8 से 9 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ होगा और उन्हें राहत मिलेगी।
- वर्तमान सरकार की कर्ज माफी की घोषणा से 70 प्रतिशत से अधिक ऋणी किसान लाभान्वित होंगे। पिछली सरकार ने 5 साल में केवल 25 हजार करोड़ का फसली ऋण दिया, जबकि वर्तमान सरकार ने अब तक करीब 62 हजार करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया है जो वर्ष 2018-19 की समाप्ति तक 80 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो जाएगा। यह प्रदेश में किसी भी सरकार द्वारा पहली बार उठाया गया ऐतिहासिक कदम है।
- पिछली सरकार के समय सहकारी भूमि विकास बैंक द्वारा 12.10 प्रतिशत की दर पर कृषि ऋण दिया जाता था, जिसे वर्तमान सरकार ने ही घटाकर पहले 7.10 प्रतिशत किया और अब एक जनवरी, 2018 से इसे 5.5 प्रतिशत कर दिया है। इसका फायदा लाखों किसानों को मिलेगा।
- ब्याज मुक्त फसली ऋण लेने वाले सभी 25 लाख किसानों को सहकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा से जोड़ा गया है। वर्तमान सरकार ने बीमा कवर 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 6 लाख रुपए किया था, जिसे अगले वित्तीय वर्ष से बढ़ाकर 10 लाख रुपए किया जाएगा।
- वर्तमान सरकार ने अलग-अलग मदों में किसानों को कुल 38 हजार करोड़ का अनुदान दिया है। इसका फायदा लाखों किसान परिवारों को मिला है।
- कृषि एवं सहायक क्षेत्रों में 8 हजार 226.43 करोड़ का प्रावधान इस बजट में किया गया है, जो वर्ष 2012-13 के 3 हजार 50 करोड़ की तुलना में करीब तीन गुना है।
- वर्तमान सरकार के कार्यकाल में किसानों के लिए विद्युत दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई, विद्युत नियामक आयोग ने जो राशि बढ़ाई उससे आने वाला करीब 28 हजार करोड़ रुपए का भार सरकार ने क्रॉस सब्सिडी के माध्यम से अपने ऊपर ले लिया।
अध्यादेश सलेक्ट कमेटी से वापस
- दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 और भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में संशोधन के लिए (राजस्थान संशोधन) अध्यादेश, 2017 को वर्तमान सरकार ने लैप्स होने दिया। यह अध्यादेश कभी कानून बना ही नहीं, अब सरकार इसे सलेक्ट कमेटी से भी वापस लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अध्यादेश को लेकर मुद्दा बनाने वाले प्रतिपक्ष को पहले देश के इतिहास के सबसे काले अध्याय इमरजेंसी के लिए माफी मांगनी चाहिए।
बजरी खनन पर नई नीति बनेगी
- राज्य सरकार बजरी खनन से संबंधित नई नीति बनाएगी। छोटे-छोटे खनन पट्टे देकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित किया जाएगा। पिछली सरकार ने चुनाव से ठीक पहले हजारों वर्ग किलोमीटर के तहसील स्तरीय एकल पट्टे बिना पर्यावरणीय स्वीकृति के जारी कर दिए।
- पिछली कांग्रेस सरकार के शासन में 128 खनन पट्टों के लिए 22 एलओआई धारकों से 25 नवम्बर, 2013 को अनुबंध किया गया, जबकि एक दिसम्बर को चुनाव होना था। पिछली सरकार ने ही बजरी खनन से संबंधित कानून में बदलाव किया, जिसके फलस्वरूप आज इतनी समस्याएं आ रही हैं।
नाबालिग से दुष्कर्म रोकने के लिए कठोर कानून
- बच्चियों की सुरक्षा हमारा पहला दायित्व है। नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) में संशोधन कर दुष्कर्म के ऐसे मामलों में कठोर से कठोर सजा यहां तक कि मृत्यु दण्ड का प्रावधान किया जायेगा।
नई घोषणाएं
- बजट में घोषित 500 आरओ प्लांट के अतिरिक्त फ्लोराइड प्रभावित 500 बसावटों में सौर ऊर्जा आधारित डि-फ्लोराइडेशन यूनिट्स की स्थापना की जायेगी।
- कुष्ठ रोग से ग्रसित मरीजों को निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराने के साथ-साथ रोग मुक्त होने पर उनकी मासिक पेंशन दुगनी कर 1 हजार 500 रुपये की जायेगी।
- कांस्टेबलों के पदोन्नति अवसर बढ़ाने के लिए 6 हजार हैड कांस्टेबल के अतिरिक्त पद सृजित किये जायेंगे तथा 18 वर्ष से अधिक की सेवा वाले कांस्टेबलों को स्क्रीनिंग कमेटी के माध्यम से पदोन्नत किया जा सकेगा।
- 2 हजार 500 नये होमगार्ड जवानों की भर्ती।
- जेल प्रहरियों के 686 पदों पर भर्ती।
- राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड के माध्यम से संविदा पर लिये गये भूतपूर्व सैनिकों की संविदा दरों में अगले वित्तीय वर्ष से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी ।
19 फरवरी, 2018