निवेशकों ने अपने अनुभवों से राजस्थान को बताया सबसे उपयुक्त स्थान
जयपुर, 16 जनवरी। सीआईआई की पार्टनरशिप समिट के दूसरे दिन शुक्रवार को बिड़ला आॅडिटोरियम में ‘रिसर्जेंट राजस्थान’ पर विशेष सत्र के दौरान राजस्थान में निवेश कर चुकी विश्व की नामी कम्पनियों के सीईओ ने मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के विकास के विजन की जमकर सराहना करते हुए प्रदेश में निवेश के लिए उपलब्ध माहौल के आधार पर राजस्थान को निवेश के लिए सबसे उपयुक्त बताया।
जेसीबी इंडिया के सीईओ श्री विपिन सौंधी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि राजस्थान में बिजली की निर्बाध आपूर्ति, यहां के कुशल मानव संसाधन (टेलेंट पूल) के साथ-साथ यहां की सरकार एवं ब्यूरोक्रेसी के पूरे सहयोग के कारण जेसीबी इंडिया ने रिकाॅर्ड समय में अपना संयंत्र स्थापित कर उत्पादन प्रारंभ कर दिया। श्री सौंधी ने कहा कि उन्हें 45 दिनों में सभी प्रकार की प्रशासनिक स्वीकृतियां मिल गई। किसी भी निवेश प्रस्ताव को स्वीकृति देने और उसे अमलीजामा पहनाने में इतनी तत्परता के उदाहरण कम ही देखने को मिलते हैं।
उन्होंने राजस्थान में उपलब्ध मानव संसाधन की खुलकर प्रशंसा की और कहा कि जेसीबी के जयपुर स्थित संयंत्र में करीब 30 प्रतिशत महिलाएं काम कर रही हैं। उन्होंने संयंत्र में वैल्डर का काम करने वाली नागौर की जसू देवी की तारीफ करते हुए कहा कि पुरूषों के दखल वाले इस चुनौती भरे काम को जसू देवी इतनी कुशलता से करती हैं कि उन्हें लेडी रोबोट एवं विश्व की बेहतरीन वैल्डर के रूप में पहचान मिली है।
सेंट गोबेन इंडिया के एमडी श्री बी. संथानम ने कहा कि शुरूआत में राजस्थान निवेश के लिए संभावित प्रदेशों की उनकी सूची में ही नहीं था, लेकिन राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी जब स्वयं पहल करते हुए उनसे आकर मिले तो उनकी राजस्थान के बारे में धारणा ही बदल गई। अगस्त 2008 में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की उपस्थिति में एमओयू साइन होने के बाद टीम राजस्थान ने इतना त्वरित गति से कार्य किया कि उन्हें संयंत्र की स्थापना में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। आज राजस्थान नाॅर्थ इंडिया में उपलब्ध मार्केट के लिए एक पोर्टल बन गया है। उन्होंने कहा कि सेंट गोबेन ने राजस्थान में एक हजार करोड़ रुपए का निवेश किया है, लेकिन उन्हें निवेश की राशि के अतिरिक्त कहीं भी एक पैसा खर्च नहीं करना पड़ा। यह सिस्टम में पारदर्शिता का एक अच्छा उदाहरण है।
भारत सरकार के इण्डस्ट्रियल पाॅलिसी एवं प्रमोशन विभाग (डीआईपीपी) के सचिव श्री अमिताभ कांत ने अपनी जापान एवं कोरिया की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि नीमराना के पास स्थित जापानी इन्वेस्टमेंट जोन में निवेश करने वाले जापानी उद्यमियों ने प्रदेश में बनने वाले दूसरे जापानी इन्वेस्टमेंट जोन में निवेश की इच्छा जताई है। इसी प्रकार यहां निवेश करने वाले कोरियाई उद्यमी भी यहां निवेश करके संतुष्ट हैं। उन्होंने जापानी एवं कोरियाई निवेशकों को ऐसे निवेशक बताया, जिन्हें संतुष्ट करना आसान काम नहीं है और कहा कि कोरिया और जापान के निवेशक यहां आ सकते हैं, तो दुनिया के किसी भी देश के निवेशक निश्चित तौर पर यहां आसानी से निवेश कर सकते हैं। श्री कांत ने कहा कि अगर आप ‘मेक इन इण्डिया’ को अपनाना चाहते हैं तो ‘मेक इन राजस्थान’ एक बेहतरीन विकल्प है।