कृषि क्षेत्र में अब एवरग्रीन रिवोल्यूशन, फोर आई से बदलेगी तस्वीर – केन्द्रीय नगरीय विकास मंत्री
कोटा में ग्राम-2017 का शुभारंभ
केन्द्रीय नगरीय विकास तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री वेंकैया नायडू ने कहा कि किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के उद्देश्य से केन्द्र एवं राज्य सरकार मिलकर कृषि के क्षेत्र में ’फोर आई’ यानि इरिगेशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, कम इंट्रेस्ट रेट पर कृषि ऋण एवं इंश्योरेंस पर फोकस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में एवं मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में एवरग्रीन रिवोल्यूशन की शुरूआत हो चुकी है। कोटा में ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (ग्राम-2017) का आयोजन इस दिशा में राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है।
केन्द्रीय नगरीय विकास मंत्री एवं मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने बुधवार को कोटा स्थित आरएसी ग्राउण्ड में ग्राम-2017 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर श्री नायडू ने कहा कि देश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है लेकिन कृषि के क्षेत्र में अभी बहुत काम किया जाना बाकी है। पुरानी सरकारों के ध्यान नहीं देने के कारण देश में यह धारणा बन चुकी है कि कृषि लाभ का व्यवसाय नहीं है, हमें इस धारणा को तोड़ना होगा। उन्होंने राज्य में फसलों में विविधता लाने और कृषि उत्पादों के वैल्यू एडीशन, प्रसंस्करण, ग्रेडिंग आदि के जरिए कृषि को और लाभदायक बनाने पर जोर देते हुए कहा कि किसानों के लिए नवीनतम तकनीकी ज्ञान, विविधतापूर्ण कृषि, उन्नत एवं सुलभ बाजारों के विकास, खाद्य प्रसंस्करण और आधारभूत संरचनाओं को बढावा देने जैसे उपाय करने होंगे।
गांव और नगर दोनों का हो विकास
नगरीय विकास मंत्री श्री नायडू ने कहा देश में सर्वांगीण विकास के लिए ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों का विकास साथ-साथ होना चाहिए। इसी लिए जहां स्मार्ट सिटी योजना शुरू की गई है वहीं आदर्श ग्राम जैसी योजनाओं के जरिए गांवों को उन्नत बनाया जा रहा है। उन्होंने ग्राम के आयोजन को पूरी तरह सफल बताते हुए कहा कि जयपुर में नवम्बर 2016 में हुआ ग्राम आयोजन अपनी तरह का देशभर का पहला आयोजन था, हजारों लोगों ने इसका लाभ उठाया और अब 2017 मे कोटा ग्राम के जरिए किसान कृषि क्षेत्र की नवीन तकनीकों, उपकरणों, फसलों, प्रसंस्करण पद्धतियों, सफलता की कहानियों से रूबरू होंगे।
एमजेएसए अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल
श्री नायडू ने केन्द्रीय स्तर पर किसानों के लिए चलाई जा रही ऋण योजनाओं, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने किसानों को एक देश-एक बाजार योजना के जरिए देश की विभिन्न मंडियों में फसलां के ताजा भावों की जानकारी कर अधिकतम मूल्य प्राप्त करने का अवसर प्रदान करने की योजना की जानकारी दी। उन्होंने प्रदेश में मुख्यमंत्री जल स्वाबलम्बन अभियान की तारीफ करते हुए इसे अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय बताया।
जैविक खेती को अपनाने की पहल करें किसान – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने अपने सम्बोधन में जैविक खेती को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि जैविक ढंग से उगाए गई फसलें बेहतर दाम पर बिकती है और सेहत के लिए भी अच्छी होती है इसलिए किसान अपने खेतों में एक हिस्सा जैविक खेती के लिए विकसित करें। उन्होंने कहा कि जिस तरह डूंगरपुर जिले को पूर्ण रूप से जैविक खेती के लिए विकसित किया जा रहा है। उसी तर्ज पर कोटा संभाग के जिले भी जैविक खेती को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जैविक कृषि के लिए 1150 क्लस्टर तैयार किये जा रहे हैं।
प्रसंस्करण इकाई के लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान
श्रीमती राजे ने कहा कि कोई किसान अपनी जमीन पर कृषि प्रसंस्करण इकाई लगाना चाहता है तो उसे 40 लाख रुपये तक के निवेश पर 20 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन की सेहत सुधारना, उन्हें अच्छी खाद-बीज उपलब्ध कराना ही काफी नहीं है। किसानों को कृषि प्रसंस्करण और एग्रो इण्डस्ट्री से जोड़ना भी जरूरी है, ताकि वे बाजार की मांग के अनुरूप पैदावार लेकर अपनी आय बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष 15 हजार करोड़ रुपये का फसली ऋण देकर करीब 25 लाख किसानों को लाभान्वित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को 7.1 प्रतिशत की दर से फसली ऋण दिया जा रहा है। किसानों की सुविधा के लिए क्रोप इंश्योरेंस पोर्टल, क्रोप कटिंग एक्सपेरिमेंट एप एवं गिरदावरी एप शुरू किये गये हैं, ताकि किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ एवं मुआवजे आसानी से मिल सके।
कोटा संभाग के किसान भी जुडें नवाचार से
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेती के क्षेत्र में नित नवाचार हो रहे हैं। जैतून और खजूर की खेती के बाद अब क्विनोवा की खेती भी शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि कोटा संभाग में ड्रेगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी जैसी फसलों में भी पैदावार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि कोटा संभाग के किसान प्रगतिशील एवं नवाचार सीखने को तत्पर हैं। ऐसे में वे ग्राम 2017 में जाजम बैठकों एवं सेमीनार में हिस्सा लेकर तथा स्मार्ट फार्म एवं प्रदर्शनी में नई कृषि पद्धतियों की जानकारी लेकर जरूर लाभांवित होंगे।
जुलाई तक 70 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड
श्रीमती राजे ने कहा कि हमने पिछले तीन साल में 45 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित किये हैं और आगामी जुलाई तक 70 लाख कार्ड वितरित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कृषि से जुड़ी योजनाओं में किसानों को 27 हजार करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए कृषि बिजली की बढ़़ी हुई दरों का भार हमारी सरकार खुद वहन कर रही है, जिससे साढे़ 8 हजार करोड़ रुपये सरकार को वहन करना पड़ेंगे।
विशेष अवसरों पर हर प्रदेशवासी लगाए 5 पौधें
श्रीमती राजे ने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के पहले चरण में अच्छा काम हुआ है उसी प्रकार इस बार भी हम सब इस अभियान को सफल बनाने के प्रयास करें। उन्होंने प्रदेशवासियों से शादी-विवाह, जन्मदिन, वर्षगांठ जैसे विशेष अवसरों को पांच-पांच पौधे लगाकर मनाने की अपील भी की।
कोटा संभाग में सिंचाई की संजीवनी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटा संभाग में 2 हजार 406 करोड़ रुपये लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं के लिए दिये गये हैं। ल्हासी परियोजना एवं चम्बल दाईं मुख्य नहर का काम पूरा हो गया है, जिसका लाभ यहां के किसानों को मिलेगा। परवन सिंचाई परियोजना से क्षेत्र के 313 गांवों की 1 लाख 31 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित की जा सकेगी। इस परियोजना के लिए 17 गांवों में 702 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है। वर्ष 2017-18 के बजट में इसके लिए 1 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
किसानों की आय देश के औसत से अधिक – कृषि मंत्री
कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसानों को सम्मान मिला है। आज राज्य में किसानों की आमदनी 88 हजार रुपए वार्षिक है जबकि देश का औसत 77 हजार रुपए ही है। विषम परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश कई फसलों में देशभर में अग्रणी है। नवाचार, प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग, वेयर हाउसिंग और कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन के जरिए राज्य में निवेष की काफी संभावनाएं हैं।
कृषि क्षेत्र में सहयोग करेगा मलेशिया
ग्राम आयोजन में सहभागी राष्ट्र मलेशिया के राजदूत श्री हिदायत बिन अब्दुल हमीद ने कहा कि क्षेत्रफल में छोटा होने के बावजूद नवीन शोध के जरिए कृषि में तकनीकी के सफल प्रयोगों की बदौलत मलेशिया ने कृषि के क्षेत्र में बढत हासिल की है। अब मलेशिया इस तकनीकी ज्ञान को साझा कर राज्य में कृषि क्षेत्र में निवेष और यहां के कुशल नेतृत्व में किसानों की बेहतरी के लिए काम करने हेतु आशान्वित है।
प्रारम्भ में कृषि विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती नीलकमल दरबारी ने प्रस्तुतिकरण के जरिए राज्य में तीन वर्ष में कृषि क्षेत्र की प्रगति और आगे किए जाने वाले प्रयासों के रूपरेखा प्रस्तुत की। चेयरमैन फिक्की स्टेट काउन्सलर श्री अशोक कजारिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर राज्य के मंत्रीगण श्री राजेन्द्र सिंह राठौड़, श्रीमती किरण माहेश्वरी, श्री बाबूलाल वर्मा, श्री श्रीचन्द कृपलानी, डॉ. रामप्रताप, सांसद श्री दुष्यंत सिंह, श्री ओम बिड़ला, रामचरण बोहरा, स्थानीय विधायक श्री भवानी सिंह राजावत, श्री प्रह्लाद गुंजल, श्रीमती चन्द्रकांता मेघवाल, श्री हीरालाल नागर, श्री विद्याशंकर नंदवाना, श्री संदीप शर्मा, राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष प्रो. सांवरलाल जाट, राजस्थान राज्य वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्री जनार्दन सिंह गहलोत, राजस्थान राज्य बीज निगम के अध्यक्ष श्री शंभ्भूसिंह खेतासर उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त म्यामार के राजदूत श्री यू.मोंग वाई, रूसी दूतावास के काउंसलर (कृषि) श्री कान्सटेन्टिन ए.मलाश्निकोव, यूक्रेन की राजदूत डॉ.इगोर पोलेखा, रूसी दूतावास के ट्रेड कमिश्नर डॉ.यू.वी.तरास्यूक, स्पेन दूतावास की सुश्री टेरेसा बरेस बेनलोच सहित विभिन्न औद्योगिक संस्थानों उच्चाधिकारी, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्यजन, बड़ी संख्या में किसान एवं आमजन मौजूद थे।
कोटा दशहरा मैदान विकास परियोजना का शिलान्यास
केन्द्रीय मंत्री श्री नायडू एवं मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने इस मौके पर कोटा स्मार्ट सिटी लिमिटेड एवं कोटा नगर निगम की 175 करोड़ रुपए की दशहरा मैदान विकास परियोजना के प्रथम चरण का शिलान्यास किया। इस अवसर पर ग्राम-2017 प्रदर्शनी का बटन दबाकर उद्घाटन किया गया। इस प्रदर्शनी में कृषि से जुडे़ विविधि पक्षों पर 100 से भी अधिक स्टॉल्स लगाई गई हैं। कार्यक्रम में कृषि विभाग द्वारा तैयार किए गए नॉलेज पेपर्स का विमोचन भी किया गया। किसानों को कृषि उपकरण किराये पर उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर्स के लिए एप का भी शुभारंभ किया गया। एक लघु फिल्म के जरिए राज्य में कृषि विकास की बदलती तस्वीर प्रस्तुत की गई। लोककलाकारों द्वारा राज्य की सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ी लोगगायन एवं नृत्य की झलकी ‘दुनिया सारी घूम लियो मिलो न ऐसो देस’ की मनभावन प्रस्तुति दी गई।
जयपुर/कोटा, 24 मई 2017
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