मुलकी देवी के लिये बैसाखी बनी भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना

झुंझुनूं जिले के कायमसर निवासी 56 वर्षीय मुलकी देवी को 27 मार्च 2016 को अपने घर से गांव के चौराहे पर स्थित दुकान से सामान लाने जा रही थी। सड़क पर पिछे से तेज गति से आ रही मोटरसाईकल ने टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही मुलकी का बांया पांव फेक्चर हो गया। मुलकी पर अचानक आई परेशानी ने मुलकी और उसके परिवार को गम्भीर चिंता में डाल दिया। मुलकी के पति बनवारी लाल मीणा का 25 वर्ष पूर्व देहान्त हो चुका है।

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उसके महीपाल नाम का एक पुत्र है जो बेरोजगार है। ऐसे में अब मुल्की पेर का ईलाज कैसे करवायें। गांव में जैसे ही इस बात की सूचना मिली कि मुलकी देवी के साथ यह दुर्घटना हो गई है तो गांव के व्यक्ति मुलकी देवी के पुत्र महीपाल को बताया कि मुलकी देवी का ईलाज सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सरकारी और प्राईवेट अस्पताल में फ्री में हो सकता है तो मुलकी देवी और महीपाल को बहुत राहत मिली। महीपाल अपनी मां मुलकी देवी को झुंझुनूं स्थित ढ़़ुकिया हॉस्पिटल लेकर पहुंचे जंहा पर स्वास्थ्य मार्गदर्शक ने योजना की औपचारिकता उसका इलाज शुरू किया।

यहा पर सर्जन डॉ. पुश्पेन्द्र बुडानिया ने 27 मार्च 2016 को ही मुलकी देवी के पेर का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन में पेर में रॉड़ लगाई गई। अब मुलकी देवी के ईलाज में कुछ भी पैसा नही लगा। मुलकी देवी के पुत्र महीपाल ने बताया कि सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब लोगों के लिये वरदान है। गरीबों पर आने वाले अनचाहे स्वास्थ्य संकट में यह योजना संकटहार है। आज इसी योजना के होने से मरी मां का ईलाज निजी अस्पताल में फ्री में सम्भव हो सका।

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