राजस्थान में कौशल एवं आजीविका विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के समग्र विकास के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है और कौशल एवं आजीविका विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री गुरुवार को नई दिल्ली के होटल ताज पैलेस में वल्र्ड इकोनोमिक फोरम की इंडियन कौंसिल द्वारा ’’कौशल विकास एवं रोजगार‘‘ विषय पर आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित कर रही थीं।

श्रीमती राजे ने कहा कि उनकी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान प्रदेश में कौशल एवं आजीविका विकास का बड़ा कार्यक्रम हाथ में लिया था। इस कार्यक्रम को इस बार भी बड़े पैमाने पर क्रियान्वित करने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 15 लाख युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के समग्र एवं चहुंमुखी विकास के लिए यह जरूरी है कि राज्य के युवा राष्ट्रीय एवं विश्व परिदृश्य पर अपने हुनर के बलबूते मजबूती के साथ उभरें और स्वावलम्बी बनें। उन्होंने कहा कि कृषि, उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना, बिजली, पानी एवं सड़क आदि क्षेत्रों में चहुंमुखी विकास से ही निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी। युवाओं का विभिन्न क्षेत्रों में कौशल बढ़ाने से उनके लिए रोजगार के नये अवसर खुलेंगे। साथ ही राज्य का सर्वांगीण विकास भी होगा और निवेश में भी कई गुना वृद्धि होगी।

श्रीमती राजे ने कहा कि यदि राज्य के युवा हुनरमंद नही होंगे तो बाहर के लोग मौके का फायदा उठा लेंगे। इसलिए प्रदेश के युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल एवं आजीविका विकास कार्यक्रमों से जोड़ा जाए। वल्र्ड इकोनोमिक फोरम द्वारा राजस्थान में दिलचस्पी से इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ने की दिशा में मदद मिलेगी।

कार्यशाला में रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु तथा नेशनल स्किल डवलपमेंट एजेंसी के चेयरपर्सन श्री एस. रामा दोरई भी मौजूद थे।

कौशल विकास पायलट प्रोजेक्ट के लिए कोटा का चयन

कार्यशाला में विश्व आर्थिक मंच द्वारा भारत में युवाओं के कौशल विकास के लिए पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राजस्थान के कोटा नगर का चयन करने का निर्णय लिया गया। इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए वल्र्ड इकोनोमिक फोरम, रेल मंत्रालय और राजस्थान सरकार मिल कर कार्य करेंगे।

कार्यशाला के बाद राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्री गौरव गोयल ने बताया कि वल्र्ड इकोनोमिक फोरम के अन्तर्गत दुनिया भर की एक हजार से अधिक बड़ी कम्पनियाॅं जुड़ी हुई हैं जो पूरे विश्व में विकास के माॅडल्स, प्रोजेक्ट्स, सिस्टम आदि विकसित करने के महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों में सहयोगी हैं।

उन्होंने बताया कि कोटा शहर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले देश भर के युवाओं का शैक्षणिक हब है। कोटा जिले में चम्बल परियोजना के कारण पानी की उपलब्धता है। साथ ही कृषि, औद्योगिक विकास आदि के लिए अच्छा वातावरण उपलब्ध है। पायलट प्रोजेक्ट के लिए कोटा का चयन होने से राजस्थान के युवाओं के लिए वल्र्ड इकोनोमिक फोरम एवं इससेे जुड़ी संस्थाओं के माध्यम से कौशल एवं आजीविका विकास के नये अवसर सुलभ होंगे।

नई दिल्ली/जयपुर, 14 मई 2015

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