‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने की जल अभियान की सराहना
देशभर में लागू होगा हमारा ’मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’
राजस्थान को जल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा जनसहभागिता से चलाया जा रहा ’मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ अब पूरे देश के लिए मॉडल बनेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान में जल प्रबंधन के क्षेत्र में किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों को अन्य राज्यों में भी लागू करने के संबंध में नीती आयोग को निर्देश दिये हैं।
प्रधानमंत्री ने रविवार को ’मन की बात कार्यक्रम’ के दौरान इस कार्यक्रम की सराहना भी की। उन्होंने पिछले दिनों दिल्ली में राजस्थान सहित सूखा प्रभावित 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई व्यापक चर्चा का जिक्र करते हुए पशुओं, पर्यावरण, सूखे से निपटने एवं जल प्रबन्धन के क्षेत्र में राजस्थान सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की ‘मन की बात‘ में मुक्तकंठ से सराहना की।
श्री मोदी ने कार्यक्रम में जल संरक्षण, जल संचयन एवं जल सिंचन पर बल देते हुए देशवासियों से पानी की एक-एक बूंद बचाने का आह्वान किया। उन्होंने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की सराहना करते हुए कहा कि राजस्थान और गुजरात में पुराने जमाने की बावड़ियां को जल मंदिर के रूप में पुनर्जीवित करने का बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। यह जल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कार्य है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के साथ एक सप्ताह पूर्व सूखे एवं जल प्रबन्धन के संदर्भ में बैठक के बाद भी ट्वीट कर मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की सराहना की थी। अपने ट्वीट में श्री मोदी ने इस योजना को जनहित में शानदार बताया था और कहा था कि राजस्थान में जनसहभागिता से जल संरक्षण के जो कार्य हो रहे हैं, उन्हें जल आंदोलन के रूप में खड़ा करते की जरूरत है। ट्वीट में उन्होंने नागौर के कुचामन कस्बे की ऐतिहासिक बावड़ी जैसी परम्परागत जल भंडारण संरचनाओं के पुनरूद्धार कार्यों की तारीफ की थी।
जयपुर, 22 मई 2016