सफलता की कहानी परकोलेशन टैंक में चलने लगी लहरें, ग्रामीणों के खिले चेहरे

mjsa-story26-pic01वर्षाकाल के दौरान जल संरक्षण के लिए बनाई गई जल संरचनाओं में पहली बारिश में लबालब होने से भरे हुए पानी में हवाओं के साथ लहरें उठ रही है। यह कहानी भरतपुर जिले की पंचायत समिति वैर की ग्राम पंचायत लखनपुर के ग्राम खेर्रा की है। जहाँ मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान ने गांवों को पानी के मामले में आत्म निर्भर बनाने की शुरूआत हो गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल स्तर में वृद्धि के लिए यह अभियान मील का पत्थर साबित होगा। स्थानीय ग्रामीण अब खुले दिल से सरकार की तारीफ करते हुए स्वीकारने लगे हैं कि वाकई इस अभियान से ग्रामीण क्षेत्रों की विकास की नींव मजबूत हुई है।

जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के पहले चरण में लिये गये गांवों में यह अभियान बेहतर उपलब्धि की शुरूआत करने वाला रहा है। इस गांव को मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत वर्ष 2015-16 में परकोलेशन टैंक ऎनीकट के ऊपर 8 लाख रुपये स्वीकृत हए थे इसका चयन ग्राम वासियों की मांग के अनुसार ही किया गया था। पहली बारिश में ही परकोलेशन टैंक में खूब पानी भर गया है। स्थानीय ग्रामीण अभियान के तहंत जल संरक्षण के लिए करवाये गये कायोर्ं को अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी और सर्वाधिक सकूनदायी उपलब्धि बताते है। ग्रामीणवासीयों ने कहा कि अब हमें खेती के लिए पर्याप्त मात्र में जल आसानी से उपलब्ध हो जायेगा और भूमिगत जलस्तर में वृद्धि होने से पेयजल की समस्या का भी स्थायी समाधान हो सकेगा।

जयपुर, 29 जुलाई 2016

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