उदयपुर: चंगेड़ी में एनिकटों ने उमड़ाया सुकून का समन्दर-हर्षाये चेहरे और तारीफ के बोल दर्शा रहे जल क्रांति का ग्राम्य उल्लास
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम चरण की आशातीत सफलता ने अच्छी तरह दर्शा दिया है कि पानी के मामले में राजस्थान का आने वाला कल सुनहरा होगा। अभियान के अन्तर्गत राजस्थान प्रदेश भर में सर्वाधिक काम उदयपुर में हुए और इनमें अब तक हुई कुछ दिन की बारिश ने ही जल संरचनाओं को इतना अधिक जल वैभव दे डाला है कि जो देखता है वह आनंदित हो उठता है। ग्राम्य लोक जीवन के लिए यह जल अनुष्ठान ढेरों समस्याओं के समाधान के साथ ही बहुआयामी विकास की कई सारी राहें खोलने वाले अभियान के रूप में छाप छोड़ चुका है। उदयपुर जिले में इस अभियान के अन्तर्गत हुए कार्यों ने ग्रामीणों की बाँछें खिला दी हैं और सर्वत्र बड़ी संख्या में बने छोटे-बड़े जल भण्डारों ने इस उम्मीद को जगा दिया है कि अब पानी की कमी नहीं रहेगी और गांव के गांव इस मामले में आत्मनिर्भर होने लगे हैं। राजे और राज का यादगार तोहफा उदयपुर जिले के सभी इलाकों की तरह मावली क्षेत्र में बनी जल संरचनाओं में भी खूब पानी भरा, जमीन में उतरने लगा और ग्रामीणों को अहसास हो गया कि अभियान में निर्मित जलाशय उनके गांवों के लिए दूरद्रष्टा मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर सरकार का वह वरदान है जिसे कोई भुला नहीं पाएगा।
अभियान के प्रथम चरण में चिह्नित गाँवों में भ्रमण के दौरान सब तरफ लोग मुक्त कण्ठ से अभियान की तारीफ करते नहीं थकते। इन्हीं में एक है चंगेड़ी ग्राम पंचायत। जो सोचा, वह होने लगा मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन के काम करा रहे सहायक अभियंता अनिल सनाढ्य के अनुसार चंगेड़ी ग्राम पंचायत क्षेत्र में दो एनिकट के साथ ही कुल 11 एमपीटी बनाई गई हैं। इनके अलावा 22 किलोमीटर सीसीटी और खेतों में मेडबंदी के काम व्यापक पैमाने पर हुए हैं। इन कार्यों की बदौलत पानी की उपलब्धता बढ़ी है। भूमिगत जलस्तर बढ़ने लगा है व सवा से लेकर डेढ़ गुणा तक बुवाई बढ़ गई है। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत यहां शिव मंदिर के पास 7.59 लाख रुपये की लागत से बना एनीकट लबालब भरा हुआ है व दूर-दूर तक इसका पानी पसरा हुआ है।
इसी प्रकार अटल सेवा केन्द्र चंगेड़ी के पास बना यह एनीकट ग्रामीणों के लिए बहुआयामी उपयोग भरा है। इस एनिकट पर साढ़े 5 लाख रुपये लागत आई है। इसमें लगभग एक किलोमीटर तक पसरे हुए जल भराव क्षेत्र का लाभ ग्रामीणों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रहा है। पास ही श्मशान घाटों पर आने वाले ग्रामीणों को भी पानी की उपलब्धता का फायदा हो रहा है। मवेशियों के साथ ही वन्य जीवों को पीने का पानी लम्बे समय तक उपलब्ध रहेगा। पेड़-पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन तथा हरियाली विकास को संबल मिलेगा। दूर-दूर तक जल भराव के चलते ये एनिकट ग्रामीणों के आकर्षण का केन्द्र भी बने हुए हैं। काश्तकारों में है अपार हर्ष चंगेड़ी एनीकट के पास खेती-बाड़ी करने वाले खेत मालिक किशन बताते है कि एनीकट में लबालब भरा पानी क्षेत्र भर के लिए वरदान है। इससे क्षेत्र के किसानों को सुकून के साथ ही खुशहाली पाने की बुनियाद मिली है। इससे दोनों तरफ के कम से कम 50 कुओं का जलस्तर बढ़ा है व 20 से 25 हैक्टर तक अतिरिक्त क्षेत्र को सिंचाई सुविधा का लाभ मिलने लगा है। किशन के अनुसार इस एनिकट से क्षेत्र के ग्रामीण बहुत खुश हैं। एनिकट में जल भराव से किशन के कूए में भी पानी की आवक तेज हो गई है।
जयपुर, 17 जुलाई 2016
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