भविष्य में स्वंय का लघु उद्योग स्थापित करना चाहती हूं।
प्रशिक्षणार्थी का नामः शहनाज बानु
आयुः 32 वर्ष
जिला: भीलवाड़ा
शैक्षणिक योग्यताः 08 वीं
प्रशिक्षण कोर्सः गारमेन्ट कन्स्ट्रक्शन टैक्नीक सिलाई
वर्तमान पदः स्विंग ऑपरेटर, संगम इण्डिया लिमि.
वेतनः रूपये 9000 प्रतिमाह
शहनाज बानु ने यह साबित कर दिया कि सामाजिक रीति-रिवाज के कारण किसी लड़की को कितनी ही चुनौती का सामना करना पड़े अगर वह आगे बढ़ना चाहे तो उसे कोई नहीं रोक सकता। शहनाज बहुत ही गरीब परिवार से है। नरेगा में काम करती थी। उनके पिता की मासिक आय भी 5000 रूपये प्रतिमाह थी। वे स्वयं कक्षा 6 तक ही पढ़ी हैं। उनके पति की आय भी ज्यादा नहीं थी। जब उनके बच्चे हुये तो उन्होंने सोच लिया कि वे भले ही कम पढ़ी हों पर अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाएंगी। पर इन सबके लिए उन्हें नौकरी करना जरूरी था। वो शुरूआत से सिलाई करना चाहती थी लेकिन उन्हें इस दिशा में राह नहीं मिल पा रही थी।
एक दिन उन्होंने गांव के किसी व्यक्ति से राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के प्रशिक्षण केन्द्र के बारे में सुना। उन्होंने वहां पर तीन माह के गारमेंट कन्सक्ट्रक्शन टैक्नीक सिलाई के कोर्स में एडमिशन लिया। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें सिलाई तथा गारमेंट उद्योग की बारिकियों को समझाया गया। परिणाम स्वरुप प्रशिक्षण पूरा करते ही उनकी नौकरी लग गई। आज वो संगम इंडिया लिमिटेड, भीलवाड़ा में स्विंग ऑपरेटर के पद पर कार्य कर 9 हजार रूपये प्रतिमाह कमा रही हैं। अब तो भविष्य में वे स्वयं का लघु उद्योग स्थापित करना चाहती हैं। शहनाज अपनी मेहनत से आज अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला रही है।
शहनाज उत्सुकता से कहती है कि यह सब राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए निशुल्क कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के कारण संभव हो सका है। गौरतलब है कि राजस्थान कौशल एंव आजीविका विकास निगम द्वारा राज्य में युवाओं को विभिन्न कौशल प्रशिक्षण योजनाओं के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है। वर्तमान में राज्यभर में 222 कौशल विकास केन्द्र संचालित है जिसमें 1 लाख 30 हजार युवाओं को विभिन्न क्षेत्रां में प्रशिक्षित किया जा चुका है। आप भी शहनाज बानो की तरह अपने हुनर को विकसित कर अपनी तकदीर बदल सकते है।
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