गौ-पुर्नवास केन्द्र हिंगोनिया के बारे में तथ्यात्मक विवरण
वर्तमान में गौ पुनर्वास केन्द्र हिंगोनिया में 8000 से अधिक गौवंश है। इनमें से अधिकांश वह गौवंश है जो बीमारी की अवस्था में एम्बुलेंस के माध्यम से यहां लाए जाते है। इसके अलावा वह गौवंश भी इसमें शामिल है जो आवारा पशुओं के रूप में यहां पकड कर लाए जाते है। गौ पुनर्वास केन्द्र हिंगोनिया में गायों के लिए 23 बाड़े है। चारे एवं अन्य व्यवस्थाओं पर वर्ष 2007-08 से अब तक किए जा रहे व्यय का ब्यौरा-
वर्ष | चारा व अन्य |
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2007-08 | 518.59 लाख रुपये |
2008-09 | 125.19 लाख रुपये |
2009-10 | 195.37 लाख रुपये |
2010-11 | 281.23 लाख रुपये |
2011-12 | 358.98 लाख रुपये |
2012-13 | 499.87 लाख रुपये |
2013-14 | 815.34 लाख रुपये |
2014-15 | 1078.81 लाख रुपये |
2015-16 | 1078.26 लाख रुपये |
- गौ पुनर्वास केन्द्र हिंगोनिया में पर्याप्त मात्रा में चारा एवं पानी उपलब्ध है, वर्तमान में गौवंश चारे का स्टाॅक 1238.00 क्विं. है। चारा नियमित रूप से पशुओं को खिलाया जाता है।
- गौ पुनर्वास केन्द्र हिंगोनिया में आने वाली गायें पहले से ही कुपोषित एवं बीमार होती हैं। जब गाये दूध देना बंद कर देती है, तो लोग उन्हें खुले में छोड़ देते है। इसलिए वे सड़कों पर पाॅलीथिन थैलियां खाती है। एम्बुलेंस के माध्यम से आने वाले पशु लगभग मरणासन्न अवस्था में आते है। पशु चिकित्सक के अनुसार उनकी मृत्यु दर 95% होती है।
2012 से बीमार पशुओं को उठाने के लिए एम्बुलेंस सेवा प्रारम्भ की गई जिसके कारण गौ पुर्नर्वास केन्द्र हिंगोनिया में बीमार पशुओं की संख्या में वृद्धि हुई एवं पशुओं की मृत्यु दर भी बढ़ी:-
वर्ष | पशुओं की मासिक औसत संख्या | बेसहारा एवं घायल पशुओं की औसत मासिक आवक | मृत पशओं की मासिक औसत संख्या | औसत मृत्यु दर: |
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2009 | 4427 | 675 | 733 | 16.56 |
2010 | 3507 | 757 | 578 | 16.46 |
2011 | 4408 | 680 | 600 | 13.60 |
2012 | 4398 | 443 | 312 | 7.09* |
2013 | 5449 | 730 | 462 | 8.47* |
2014 | 6572 | 870 | 642 | 9.76* |
2015 | 9545 | 1348 | 1077 | 11.28* |
जुलाई 2016 तक | 8122 | 1190 | 1053 | 11.31* |
(*एम्बुलेंस आने के बाद)
- पिछले 10-15 दिवसों से लगातार धीरे-धीरे बरसात होने की वजह से गौ पुनर्वास केन्द्र हिंगोनिया में जो पशुबाड़े बने हुए है वो कच्चे है, कच्चे होने की वजह से कीचड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। गौ पुनर्वास केन्द्र हिंगोनिया में बाड़ो को पक्का नहीं किया जा सकता क्योंकि कच्चे रखने से पशुओं को सुविधा रहती है।
- पर्याप्त मात्रा में जे.सी.बी., डम्पर, ट्रैक्ट्रर, लोडर इत्यादि मशीनरी लगाकर कीचड को खत्म करके ताजा मिट्टी डलवाई जा रही है। बाड़ो के समीप ही हरा चारा उगाया गया था, लगभग 2500 गौवंश को हरे चारे के इन खेतों में छोड़ा गया है, जहां वो पौष्टिक हरा चारा खा रही है। गौवंश की सेवा के लिए 200 अतिरिक्त श्रमिक लगाए जा रहे है, जो चारा डालने, बीमार पशुओं की देखभाल करने, गौवंश की पानी इत्यादि की व्यवस्था करते रहेंगे।
- गौ पुनर्वास केन्द्र हिंगोनिया के लिए अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन कार्य योजना बनाई जा रही है। जिसमें बाड़ो को गोद लेना, प्रत्येक बोर्ड में आई.पी बेस्ड सी.सी.टीवी कैमरा लगाना एवं बाडों की व्यवस्था में सुधार इत्यादि शामिल है।
जयपुर, 6 अगस्त 2016