सिंगापुर भेंट – दूसरा दिन

सिंगापुर के पर्यावरण एवं जल संसाधन मंत्री से आपसी सहयोग की सम्भावनाओं पर चर्चा

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने अपने सिंगापुर दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को सिंगापुर के पर्यावरण एवं जल संसाधन मंत्री डाॅ. विवियन बालकृष्णन से मुलाकात के दौरान राजस्थान में लागू किये जा रहे रिफोम्र्स एवं आपसी सहयोग की सम्भावना वाले क्षेत्रों पर चर्चा की।

श्रीमती राजे से मुलाकात के दौरान डाॅ. बालकृष्णन ने प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिये किये जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। चर्चा के दौरान दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि ‘‘सभी के लिये शिक्षा’’ हर प्रदेश एवं राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिये जरूरी है। वे इस बात पर भी सहमत थे कि योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये दूरगामी दृष्टिकोण एवं नियमों की सुचारू रूप से पालना आवश्यक है। श्री बालकृष्णन ने सिंगापुर के मरीना बैराज प्रोजेक्ट का उदाहरण देते हुए बताया कि यह परियोजना महज इंजीनियरिंग का कमाल नहीं, बल्कि गंदगी फैलाने से रोकनेे संबंधी कानूनों की सही पालना एवं स्मार्ट मीटरिंग की वजह से इतनी सफल हुई है। उन्होंने कहा कि कानून की सही पालना में राजनीतिक इच्छा शक्ति भी जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने सिंगापुर के वाटर प्राइसिंग मैकेनिज्म तथा पानी के अलवणीकरण में होने वाले खर्च को पानी के बिल से जोड़ने के कन्सेप्ट में भी रूचि दिखाते हुए इसके बारे में जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि सिंगापुर में जलापूर्ति एवं बिजली में किसी तरह की सब्सिडी नहीं दी जाती। श्रीमती राजे ने बस्तियों को बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने संबंधी सुझाव का स्वागत किया और इस बात पर खुशी जताई कि सिंगापुर में बस्तियां अपनी बिजली आपूर्ति की व्यवस्था स्वयं करती हैं।

श्रीमती राजे एवं डाॅ. बालकृष्णन ने इस बात पर भी चर्चा की कि सोलर पैनल स्थापित करने, पाइप लाईन बिछाने एवं उनकी देखभाल के कार्य में किस प्रकार आईटीआई प्रशिक्षित स्नातकों को शामिल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने राजस्थान में छोटी मेम्ब्रेन निर्माण यूनिट्स स्थापित करने की सम्भावनाओं की भी जानकारी ली। श्रीमती राजे ने सोलर सेक्टर में राजस्थान की अनुकूल परिस्थितियों का लाभ उठाने की संभावनाओं के साथ-साथ कैसे पश्चिम राजस्थान में सौर ऊर्जा का उपयोग कर दूर से पानी भरकर लाने में महिलाओं को होने वाली तकलीफों को कम किया जा सकता है, इस पर भी डाॅ. बालकृष्णन से चर्चा की। उन्होने डाॅ. बालकृष्णन को राजस्थान की यात्रा का भी निमंत्रण दिया।


आईटीई, सिंगापुर के सहयोग से उदयपुर का आईटीआई सेंटर आॅफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित होगा; मुख्यमंत्री की उपस्थिति में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने अपने सिंगापुर यात्रा के दूसरे दिन मंगलवार को सिंगापुर के अग्रणी संस्थान इन्स्टीट्यूट आॅफ टेक्नीकल एजुकेशन (आईटीई) का दौरा किया। इस दौरान आईटीआई, उदयपुर में तकनीकी प्रशिक्षण में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री की उपस्थिति में राजस्थान की प्रमुख शासन सचिव उद्योग श्रीमती वीनू गुप्ता ने इस संस्थान के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए।

श्रीमती राजे ने व्यावसायिक, तकनीकी शिक्षा तथा कौशल विकास के क्षेत्र में सिंगापुर के इस अग्रणी संस्थान (आईटीई) के अधिकारियों के साथ राज्य के युवाओं में वर्तमान की आवश्यकता के अनुरूप कौशल विकास पर विस्तार से चर्चा की। वर्ष 1992 में स्थापित आईटीई ने रोजगार प्रशिक्षण के क्षेत्र में रिकार्ड कायम किया है। अब राजस्थान सरकार आईटीई के साथ मिलकर आईटीआई उदयपुर को उत्कृष्ट प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित करेगी। इसके लिए जल्द ही आईटीई, सिंगापुर से एक टीम उदयपुर का दौरा करेगी और बिन्दुओं को चिन्हित कर सहयोग कार्यक्रम का खाका तैयार करेगी।

श्रीमती राजे और राज्य सरकार के प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों ने आईटीई सिंगापुर के अधिकारियों के साथ प्रदेश के अन्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में भी आधारभूत ढांचे व साॅफ्टवेयर विकास में सहयोग पर भी विचार किया। उन्होंने इन संस्थानो में विश्व-स्तरीय प्रशिक्षण सुविधाएं विकसित करने, वहां कार्यरत प्रशिक्षकों को ट्रेनिंग देने, उनके प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को अलग-अलग सेक्टर्स की आवश्यकताओं के अनुरूप अद्यतन बनाने तथा आईटीआई में पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप की सम्भावनाओं पर चर्चा की ताकि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को आईटीआई में प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार से जोड़ा जा सके।

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