गहलोत के मंत्रियों को टीवी पर नोटों के बंडल लेते हुए पूरे देश ने देखा

मुख्यमंत्री का गहलोत पर पलटवार

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार इतिहास की सबसे भ्रष्टतम सरकार थी जिसमें उनके तीन-तीन मंत्रियों को टीवी पर नोटों के बंडल लेते हुए पूरे देश ने देखा था और आज वो ही हम पर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन हम ऐसे झूठे आरोपों की नहीं, प्रदेश की जनता की परवाह करते हैं। काम करने में विश्वास करते हैं जो हमने इन साढे़ चार सालों में करके भी दिखाया है। इतना तो कांग्रेस अपने पूरे 50 साल में भी नहीं कर पाई। श्रीमती राजे सोमवार को केशवरायपाटन, हिण्डौली और बूंदी में आमसभाओं को संबोधित कर रही थीं। इससे पूर्व उन्होंने पत्रकारों से भी बातचीत की।

उन्होंने कहा कि हमने भामाशाह कार्ड के माध्यम से महिला को परिवार का मुखिया बनाया तो इनको प्रोबलम हो गई। महिलाओं के खातों में सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत पैसा जमा कराया तो प्रोबलम हो गई। हमने महिलाओं को आत्म निर्भर, स्वावलम्बी और आर्थिक रूप से सशक्त बनाया तो इन्हें प्रोबलम हो गई। क्या भामाशाह योजना के माध्यम से भ्रष्टाचार के रास्ते बंद करना सही नहीं है। सच्चाई तो यह है कि इनको महिलाओं की तरक्की पसंद नहीं है। इसलिए महिलाओं को समर्पित हमारी योजनाओं का वह विरोध कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अगर गहलोत को शिकायत थी तो उन्होंने विधानसभा में क्यों जनता की आवाज नहीं उठाई। उनके मुख्यमंत्री रहते हुए गहलोत दो बार विपक्ष में रहे। लेकिन एक बार भी विधानसभा में एक शब्द भी नहीं बोले। अगर उन्हें जनता की चिंता थी तो पांच साल तक कहां गायब रहे। विधानसभा में आते। वहां बोलते। लेकिन वहां तो एक बार भी मुंह नहीं खोला। अब चुनाव आ गये तो तीन महीने पहले अचानक निकल कर आ गये और आज ही आज गहलोत को प्रोबलम दिखाई देने लगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी कांग्रेस सरकार ने जयपुर में बैठकर पूरे 5 साल निकाल दिये। लेकिन हमारी सरकार ऐसी नहीं है। वह जनता के बीच जाकर जनता की बात सुनकर उनकी वाजिब मांगों को जमीन पर लाने की कोशिश करती है। राशन के सामान की कालाबाजारी अब रूक गई है। करीब साढे़ तीन लाख सरकारी नौकरियां निकाली है जिनमें से 2 लाख लोगों को नौकरी मिल चुकी है और डेढ़ लाख के लिए प्रक्रिया जारी है। करीब 15 लाख लोगों को निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये हैं। साढे़ 44 लाख लोगों को रोजगार के लिए मुद्रा योजना में लोन दिया है। किसानों का 50 हजार तक का कर्जा माफ किया।

केशवराय पाटन क्षेत्र में 1500 करोड़ के विकास कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि केशवराय पाटन विधानसभा क्षेत्र में पिछले साढे़ चार साल में करीब 1500 करोड़ रूपये के विकास कार्य करवाए गए हैं। इनमें से 1120 करोड़ रूपये सड़कों के विकास पर खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि करीब 110 करोड़ रूपये की लागत से झालीजी का बराना पेयजल योजना से 72 गांवों के 1 लाख लोगों को पानी मिलेगा। करीब 74 करोड़ रूपये की लागत से चाकन बांध से इन्द्रगढ़ पेयजल परियोजना का आधे से ज्यादा काम पूरा हो गया है और इस साल के अन्त तक इससे क्षेत्र के 51 गांवों के करीब 73 हजार लोगों को पेयजल उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि करीब 68 करोड़ रूपये की लागत से गेंडोली लिफ्ट परियोजना का काम हमने शुरू किया है।

श्रीमती राजे ने कहा कि 100 करोड़ रूपये की लागत से 141 नहरों को पक्का कराने का काम हमने किया है। माछली लघु सिंचाई परियोजना दिसम्बर 2018 तक पूरी हो जाएगी। इसके अलावा चाकन लघु सिंचाई परियोजना मार्च 2019 तक पूरी होगी और इससे खेतों को पानी मिल सकेगा।

एक साल में किया गेंता-माखीदा पुलिया का काम

श्रीमती राजे ने कहा कि आजादी के बाद से ही गेंता-माखीदा पुलिया की मांग थी। जिसे हमने पूरा किया। करीब 130 करोड़ रूपये की लागत से पापड़ी फाटक और केशवराय पाटन फाटक पर आरओबी बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां एक और आरओबी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि करीब 47 करोड़ रूपये की लागत से एनएच-29 उनियारा-बिजौलिया वाया लाखेरी-बून्दी पर खटकड़ से लाखेरी सड़क के सुदृढ़ीकरण का काम कराया जा रहा है। इसके अलावा करीब 29 करोड़ रूपये की लागत से मेज नदी पर झालीजी का बराना से गेण्डोली सड़क पर पुल का निर्माण हो रहा है।

बूंदी की सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि बूंदी की 2200 बीघा भूमि को अभयारण्य क्षेत्र से बाहर निकालने के लिए डी-नोटिफिकेशन हुआ है, जिससे जनता को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि अब भी लगभग 83 हेक्टेयर भूमि अभयारण्य क्षेत्र में है, जिसको डी-नोटिफाई कराने के लिए सर्वे का काम हो गया है। हमारी सरकार का प्रयास है कि जल्द से जल्द यह आबादी भूमि भी अभयारण्य क्षेत्र से बाहर निकल जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गरड़दा बांध के टूटने के बाद उसके रिडिजायन को केन्द्रीय जल आयोग से स्वीकृत कराकर 107 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य अब तेजी से चल रहा है। वर्ष 2020 तक जब यह काम पूरा हो जाएगा, तो इस परियोजना से 10 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई और 44 गांवों को पीने के लिए साफ पानी उपलब्ध होगा। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने 180 करोड़ रूपए की लागत से भीमलत, अभयपुरा, बरधा बांधों तथा चम्बल नहरी तंत्र के सुदृढ़ीकरण का कार्य शुरू किया है। शीघ्र ही 222 किलोमीटर नहरों के पक्का हो जाने से और अधिक किसानों और खेतों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा। राज्य सरकार ने बीते साढे़ चार साल में बूंदी जिले में 1800 करोड़ के विकास कार्य करवाए हैं।

हिण्डौली में आयोजित सभा में उन्होंने कहा कि हिण्डौली विधानसभा क्षेत्र में हमने विकास कार्यों पर 1500 करोड़ रूपये खर्च किए हैं जबकि गत सरकार ने पांच साल में 300 करोड़ रूपये के ही विकास कार्य करवाए थे। उन्होंने कहा कि नैनवा पेयजल परियोजना की डीपीआर तैयार कराई जा रही है। इससे 290 गांवों में भी निर्बाध रूप से शुद्ध पेयजल मिलेगा। उन्होंने कहा कि सथूर माता बांध सिंचाई परियोजना व मासूली सिंचाई परियोजना का कार्य भी शीघ्र पूरा हो रहा है। इससे यहां के खेतों में खुशहाली लहराएगी।

इस अवसर पर खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री बाबूलाल वर्मा, सामान्य प्रशासन मंत्री श्री हेमसिंह भड़ाना, शिक्षा राज्यमंत्री श्री वासुदेव देवनानी, विधायक श्री अशोक परनामी, संसदीय सचिव श्री ओमप्रकाश हुड़ला, सांसद श्री ओम बिड़ला, सांसद श्री निहालचन्द मेघवाल, विधायक श्री अशोक डोगरा, राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष श्री गोपाल पचेरवाल सहित कई जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

केशवरायपाटन/बूंदी/हिण्डौली/जयपुर, 17 सितम्बर 2018